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सूत्र संतति प्रदर्शनी

सूत्र संतति प्रदर्शनी- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां
    • सरकार की नीतियां एवं अंतक्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

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सूत्र संतति प्रदर्शनी चर्चा में क्यों है

  • हाल ही में संस्कृति मंत्रालय एवं राष्ट्रीय संग्रहालय (नेशनल म्यूजियम) ने अभराज बलदोटा फाउंडेशन के सहयोग से ‘सूत्र संतति’ प्रदर्शनी का आयोजन किया।
  • ‘सूत्र संतति’ प्रदर्शनी देश की विविध वस्त्र परंपराओं को एक साथ लाकर एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में भारत के जन्म के 75 वर्ष मना रही है।

 

सूत्र संतति का क्या अर्थ है?

  • सूत्र संतति का शाब्दिक अर्थ है सूत की निरंतरता।
  • प्रदर्शनी के शीर्षक के रूप में, यह भारतीय संस्कृति एवं समाज में जारी संवादों का एक रूपक है, जो इसके विकास को आकार देता है, अतीत को भविष्य के साथ जोड़ता है।

 

सूत्र संतति प्रदर्शनी 2022

  • सूत्र संतति प्रदर्शनी के बारे में: ‘सूत्र संतति’ देश की विविध वस्त्र परंपराओं को एक साथ लाने हेतु एक प्रदर्शनी है।
    • आजादी का अमृत महोत्सव (AKAM) के हिस्से के रूप में सूत्र संतति प्रदर्शनी 2022 का आयोजन किया जा रहा है।
  • आयोजक मंत्रालय: अभराज बलदोटा फाउंडेशन के सहयोग से संस्कृति मंत्रालय एवं राष्ट्रीय संग्रहालय द्वारा सूत्र संतति प्रदर्शनी 2022 का आयोजन किया जा रहा है।
  • स्थान तथा अवधि: सूत्र संतति प्रदर्शनी 20 सितंबर, 2022 तक नई दिल्ली में जारी रहेगी।
  • उद्देश्य: सूत्र संतति प्रदर्शनी की संरक्षकीय (क्यूरेटोरियल) दृष्टि भारत के आत्म-मूल्य एवं अंतर्निहित सामूहिक, सहयोगी प्रयासों जैसे राष्ट्र को परिभाषित करने में प्राकृतिक एवं धीमी उपभोक्तावाद के आदर्शों को बढ़ावा देना चाहती है, जो ऐसे लक्ष्यों की ओर बढ़ने के लिए आवश्यक हैं।
  • प्रमुख कार्यक्रम: प्रदर्शन पर 75 प्रमुख कारीगरों, शिल्पकारों, डिजाइनरों तथा कलाकारों के 100 से अधिक वस्त्र हैं।
  • हाथ से बुनाई, कढ़ाई, प्रतिरोध-रंगाई, छपाई, चित्रकला एवं एप्लीक के साथ-साथ सूत (यार्न) तथा कपड़े के हस्त कौशल के अन्य रूपों के साथ निर्मित किए गए वस्त्र हैं।
  • इन आढतों में प्रयुक्त रेशों में स्थानीय किस्में जैसे कंडू एवं काला कपास, शहतूत तथा जंगली रेशम, ऊंट  एवं भेड़ की ऊन, बकरी तथा याक के बाल शामिल हैं।
  • भागीदारी: सूत्र संतति प्रदर्शनी 2022 में कारीगर, संगठन / गैर सरकारी संगठन, भाग लेने वाले फैशन एवं टेक्सटाइल डिज़ाइनर, फ़ैशनेबल वस्त्र निर्माता (कॉट्यूरियर) तथा बहु-विषयक कलाकार, टेक्सटाइल रिवाइवलिस्ट एवं वस्त्र  कलाकार भाग ले रहे हैं।

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आज़ादी का अमृत महोत्सव (AKAM) के बारे में प्रमुख तथ्य

  • आजादी का अमृत महोत्सव के बारे में: आजादी का अमृत महोत्सव प्रगतिशील भारत के 75 वर्ष एवं इसके लोगों, संस्कृति तथा उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का उत्सव मनाने एवं स्मरण करने की एक पहल है।
    • आजादी का अमृत महोत्सव भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक  एवं आर्थिक पहचान के बारे में जो भी प्रगतिशील है, उसका मूर्त रूप है।
  • भारत के लोगों का उत्सव मनाना: आजादी का अमृत महोत्सव भारत के उन लोगों को समर्पित है, जिन्होंने भारत को उसकी विकास यात्रा में इस स्थान तक लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
    • भारत के लोग भी आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित होकर भारत 2.0 को सक्रिय करने के प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण को सक्षम करने की शक्ति एवं क्षमता रखते हैं।
  • आजादी के अमृत महोत्सव का प्रारंभ: “आजादी का अमृत महोत्सव” की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च 2021 को आरंभ हुई, जो हमारी आजादी की 75वीं वर्षगांठ के लिए 75-सप्ताह की उलटी गिनती को प्रारंभ करती है।
  • श्रेणीबद्ध करें: आजादी का अमृत महोत्सव को पांच श्रेणियों में मनाए जाने की कल्पना की गई है-
    • स्वतंत्रता संग्राम (फ्रीडम स्ट्रगल),
    • विचार (आइडिया) @ 75,
    • उपलब्धियां (अचीवमेंट्स) @ 75,
    • कार्रवाई (एक्शन) @ 75 एवं
    • संकल्प (रिसॉल्व) @75

 

राष्ट्रीय सीएसआर पुरस्कार 2022 प्रारूप भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2022 संपादकीय विश्लेषण- टू गुड टू बी ट्रू एंडोसल्फान संकट 
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