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स्टॉकहोम विश्व जल सप्ताह 2022

स्टॉकहोम विश्व जल सप्ताह 2022- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां
    • विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

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स्टॉकहोम विश्व जल सप्ताह 2022 चर्चा में क्यों है

  • हाल ही में, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने स्टॉकहोम विश्व जल सप्ताह 2022 (24 अगस्त-सितंबर 01) के पहले दिन एक आभासी सत्र का आयोजन किया।
  • राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक ने ‘अर्थ गंगा: मॉडल फॉर इकोनॉमिक रिवर-पीपुल कनेक्ट फॉर सस्टेनेबल रिवर रिजुवेनेशन यूजिंग इकोनॉमिक ब्रिज’ पर मुख्य भाषण दिया।

 

स्टॉकहोम विश्व जल सप्ताह 2022

  • स्टॉकहोम विश्व जल सप्ताह के बारे में: विश्व जल सप्ताह वैश्विक जल मुद्दों एवं अंतर्राष्ट्रीय विकास से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए स्टॉकहोम इंटरनेशनल वाटर इंस्टीट्यूट (एसआईडब्ल्यूआई) द्वारा आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम है।
    • विश्व जल सप्ताह वैश्विक जल मुद्दों पर प्रमुख सम्मेलन है, जो 1991 से प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाता है।
  • भागीदारी: स्टॉकहोम विश्व जल सप्ताह अनेक व्यावसायिक पृष्ठभूमियों एवं विश्व के प्रत्येक कोने से प्रतिभागियों के विविध मिश्रण को आकर्षित करता है।
  • स्टॉकहोम विश्व जल सप्ताह 2022 की थीम: स्टॉकहोम विश्व जल सप्ताह 2022 की विषय वस्तु “सीइंग द अनसीन: द वैल्यू ऑफ वाटर” है।
  • प्रमुख उद्देश्य: 
    • उच्च गुणवत्ता युक्त सामग्री एवंइसके मूल में समावेशी, समाधान-संचालित सहयोग।
    • जागरूकता बढ़ाने, शिक्षा एवं परिवर्तनकारी कार्रवाई के माध्यम से लोगों के साथ जुड़ने एवं जल को महत्व देने के तरीके को बदलना।
    • जल समुदाय से परे कारकों के साथ एकीकरण एवं अंतः क्रिया करना।
    • समग्रता, उत्साह, समावेशिता एवं गुणवत्ता के SIWI के मूलभूत मूल्यों को प्रतिबिंबित करना।

 

अर्थ गंगा मॉडल क्या है?

  • पृष्ठभूमि: प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार 2019 में कानपुर में  राष्ट्रीय गंगा परिषद की प्रथम बैठक के दौरान इस अवधारणा को  प्रस्तुत किया था।
    • उन्होंने गंगा को साफ करने के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना नमामि गंगे से अर्थ गंगा के मॉडल में परिवर्तन का आग्रह किया।
    • अर्थ गंगा मॉडल नदी से संबंधित आर्थिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करके गंगा नदी एवं उसके आसपास के क्षेत्रों के सतत विकास पर केंद्रित है।
  • अर्थ गंगा मॉडल के बारे में: इसके मूल में, अर्थ गंगा मॉडल लोगों को नदी से जोड़ने के लिए अर्थशास्त्र का उपयोग करना चाहता है।
    • यह गंगा नदी द्रोणी (बेसिन) से ही सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 3% योगदान करने का प्रयास करता है।
  • महत्व: अर्थ गंगा परियोजना के अंतःक्षेप संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धताओं के अनुरूप हैं।

 

अर्थ गंगा मॉडल की प्रमुख विशेषताएं 

अर्थ गंगा मॉडल के तहत सरकार छह कार्यक्षेत्रों पर कार्य कर रही है।

  • शून्य बजट प्राकृतिक कृषि जिसमें नदी के दोनों ओर 10 किलोमीटर तक रसायन मुक्त कृषि सम्मिलित है, जिससे किसानों के लिए “अधिक आय, प्रति बूंद”, ‘गोबर धन’ उत्पन्न होता है।
  • कीचड़ युक्त अपशिष्ट जल का मुद्रीकरण एवं पुन: उपयोग जिसमें सिंचाई के लिए उपचारित जल के पुन: उपयोग;  शहरी स्थानीय निकायों (अर्बन लोकल बॉडीज/यूएलबी) के लिए औद्योगिक उद्देश्य एवं राजस्व सृजन की परिकल्पना की गई है।
  • आजीविका के अवसर जैसे ‘घाट में हाट’, स्थानीय उत्पादों का प्रचार, आयुर्वेद, औषधीय पौधे, गंगा प्रहरी जैसे स्वयंसेवकों का क्षमता निर्माण।
  • हितधारकों के मध्य बेहतर सामंजस्य सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक भागीदारी
  • सांस्कृतिक विरासत एवं पर्यटन जो सामुदायिक घाटों, योग, साहसिक पर्यटन इत्यादि को प्रोत्साहित करने  तथा गंगा कला के माध्यम से नौ पर्यटन की शुरुआत करता है।
  • बेहतर विकेन्द्रीकृत जल प्रशासन के लिए स्थानीय क्षमताओं को बढ़ाकर संस्थागत निर्माण

 

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