Home   »   One District One Product (ODOP) Initiative...   »   One District On Product (ODOP) Initiative

एक जिला एक उत्पाद (ODOP) पहल को क्रियात्मक रूप से ‘डिस्ट्रिक्ट्स एज़ एक्सपोर्ट हब (DEH)’ पहल के साथ विलय

एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल: यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता 

एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल का निर्यात  केंद्र के रूप में जिले‘ (डिस्ट्रिक्ट्स एज़ एक्सपोर्ट हब/डीईएच)) के साथ विलय: एक जिला एक उत्पाद (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट/ओडीओपी) पहल एक महत्वपूर्ण सरकारी योजना है जिसे ‘निर्यात हब के रूप में जिले’ (डीईएच)पहल के साथ विलय कर दिया गया है।

यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (सरकारी योजनाएं एवं पहल) के लिए एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल महत्वपूर्ण है।

एक जिला एक उत्पाद (ODOP) पहल को क्रियात्मक रूप से 'डिस्ट्रिक्ट्स एज़ एक्सपोर्ट हब (DEH)' पहल के साथ विलय_30.1

एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल चर्चा में क्यों है?

  • हाल ही में, एक जिला एक उत्पाद पहल को डीजीएफटी, वाणिज्य विभाग की ‘डिस्ट्रिक्ट्स एज़ एक्सपोर्ट हब (DEH)’ पहल के साथ एक प्रमुख हितधारक के रूप में उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड/DPIIT) के साथ विलय कर दिया गया था।

 

एक जिला एक उत्पाद (ODOP) पहल

  • एक जिला एक उत्पाद पहल के बारे में: केंद्र सरकार ने देश के सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) की शुरुआत की है, जो कि एक परिवर्तनकारी कदम है-
    • एक जिले की वास्तविक क्षमता को वास्तविकता में परिवर्तित करना,
    • आर्थिक विकास को बढ़ावा देना,
    • रोजगार एवं ग्रामीण उद्यमिता सृजित करना,
    • हमें आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य तक ले जाना।
  • अधिदेश: एक जिला एक उत्पाद पहल का उद्देश्य देश के सभी जिलों में संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना है, जिससे सभी क्षेत्रों में समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास संभव हो सके।
  • उद्देश्य: उद्देश्य जिले में निर्यात क्षमता वाले उत्पादों की पहचान करके देश के जिले को विनिर्माण एवं निर्यात केंद्र में परिवर्तित करने के लिए एक इकाई के रूप में ध्यान केंद्रित करना है।
  • कार्यान्वयन: एक जिला एक उत्पाद की पहल को प्रोत्साहित करने हेतु वाणिज्य विभाग राज्यों तथा केंद्र सरकार की एजेंसियों के साथ कार्य कर रहा है, जो एक सतत प्रक्रिया है।

 

एक जिला एक उत्पाद (ODOP) पहल की प्रमुख उपलब्धियां

  • ओडीओपी GeM बाज़ार: एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी)  सरकारी ई विपणन स्थल (गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस/GeM) बाज़ार को 29 अगस्त 2022 को सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) पर प्रारंभ किया गया था, जिसमें देश भर में एक जिला एक उत्पाद उत्पादों  के क्रय एवं विक्रय को प्रोत्साहित करने के लिए 200 से अधिक उत्पाद श्रेणियां बनाई गई थीं।
  • अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रचार: एक जिला एक उत्पाद पहल के उत्पादों को विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों जैसे विश्व आर्थिक मंच, मई 2022 में दावोस, जून 2022 में न्यूयॉर्क, अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IYD) इत्यादि में प्रदर्शित किया जाता है।
  • पुरस्कार:  एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल को अप्रैल, 2022 में एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) श्रेणी के माध्यम से समग्र विकास में सार्वजनिक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठित प्रधान मंत्री पुरस्कार के लिए चिन्हित किया गया है।

 

निर्यात केंद्र के रूप में जिले (डीईएच) पहल 

  •  “डिस्ट्रिक्ट्स एज़ एक्सपोर्ट हब्सपहल के बारे में: डीजीएफटी के माध्यम से वाणिज्य विभाग ने देश के प्रत्येक जिले की विशिष्ट क्षमता को दिशा प्रदान करने एवं उन्हें निर्यात  केंद्र के रूप में परिवर्तित करने हेतु “डिस्ट्रिक्ट्स एज़ एक्सपोर्ट हब्स” पहल प्रारंभ किया।
  • मंत्रालय: वाणिज्य विभाग, वाणिज्य मंत्रालय “निर्यात हब के रूप में जिले” पहल के लिए मूल मंत्रालय है।
  • कार्यान्वयन एजेंसी: विदेश व्यापार महानिदेशक (डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड/डीजीएफटी) डीईएच पहल के कार्यान्वयन के लिए वाणिज्य विभाग के तहत नोडल एजेंसी है।

 

निर्यात केंद्र के रूप में जिले (डीईएच) पहल के उद्देश्य 

निर्यात हब के रूप में जिले पहल के उद्देश्य निम्नानुसार हैं

  • सूक्ष्म लघु एवं मध्यम इकाइयों (एमएसएमई), किसानों एवं छोटे उद्योगों को विदेशी बाजारों में निर्यात के अवसरों का लाभ प्राप्त करने में सक्षम बनाना।
  • आत्मनिर्भरता एवं स्वावलंबन के लिए जिला आधारित निर्यात वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करना
  • विनिर्माण एवं निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जिले में निवेश आकर्षित करना
  • जिला स्तर पर नवोन्मेष/प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करना ताकि उन्हें निर्यात प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके
  • निर्यात चक्र के विभिन्न चरणों में निर्यातक के लिए लेनदेन लागत कम करना
  • समयबद्ध एवं प्रासंगिक जानकारी की डोरस्टेप डिलीवरी द्वारा निर्यातकों को सहायता प्रदान करना तथा
  • जिले में रोजगार सृजन करने हेतु
  • ई-कॉमर्स एवं डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से जिले से उत्पादों एवं सेवाओं की व्यापक तथा वैश्विक पहुंच के लिए मंच प्रदान करना।
  • कारीगरों, किसानों, हस्तशिल्प, हथकरघा, पर्यटन एवं अन्य कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित करना।

 

निर्यात हब के रूप में जिले (डीईएच) पहल के अंतर्गत की गई प्रमुख पहल 

  • राज्य निर्यात संवर्धन समिति (स्टेट एक्सपोर्ट प्रमोशन कमेटी/SEPC) एवं जिला निर्यात प्रोत्साहन समिति ( डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट प्रमोशन कमिटी/DEPC) का गठन सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में किया गया है।
  • देश भर के 734 जिलों में निर्यात क्षमता वाले उत्पादों/सेवाओं की पहचान की गई है (इन जिलों में कृषि एवं खिलौना संकुलों तथा जीआई उत्पादों सहित);
  • 28 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य निर्यात रणनीति तैयार की गई है;
  • डीईएच के तहत 34 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य नोडल अधिकारियों को नामित किया गया है;
  • 681 जिलों में डीईपीसी बैठकें पहले ही आयोजित की जा चुकी हैं;
  • 570 जिलों के लिए प्रारूप जिला कार्य योजना तैयार की गई है;
  • डीजीएफटी द्वारा सभी जिलों में जिला निर्यात कार्य योजना की प्रगति की निगरानी के लिए एक वेब पोर्टल विकसित किया गया है।

 

परिकल्पित पहलें – निर्यात हब के रूप जिले

निर्यात हब के रूप में जिले में परिकल्पित पहलों में निम्नलिखित सम्मिलित हैं-

 

संस्थागत/नीतिगत अंतःक्षेप  • सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों द्वारा राज्य निर्यात रणनीति/नीति तैयार करना

• प्रत्येक जिले में उत्पाद/सेवा पहचान

• जिला निर्यात संवर्धन समितियां

• जिला निर्यात कार्य योजना (डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट एक्शन प्लान/डीईएपी) की तैयारी

• डीईएपी कार्यान्वयन की निगरानी करना

• जिलों में कृषि समूहों की पहचान

• प्रत्येक जिले में जीआई उत्पाद का मानचित्रण

• निर्यात विकास केंद्र (जिलों में ई-कॉमर्स)

रणनीतिक उपाय • आधारिक अवसंरचना तथा रसद समर्थन

• ई-कॉमर्स/विपणन/ब्रांडिंग

• कौशल विकास/प्रशिक्षण/परीक्षण सुविधाएं

• अनुसंधान एवं विकास/प्रौद्योगिकी उन्नयन

• निर्यात संवर्धन पहुंच गतिविधियां

 

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड: इसका अधिदेश क्या है? एनएसए की भारत-मध्य एशिया पहली बैठक: क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए महत्व? भारत के राष्ट्रीय प्रतीक, उनका महत्व, प्रासंगिकता एवं अर्थ यूपीएससी के लिए दैनिक समसामयिकी- 08 दिसंबर 2022 | प्रीलिम्स बिट्स
टेक्नोटेक्स 2023- तकनीकी वस्त्रों को प्रोत्साहन दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता में संशोधन करेगी सरकार पैरोल एवं फरलो नियमों में एकरूपता नहीं- द हिंदू संपादकीय विश्लेषण विझिनजाम बंदरगाह परियोजना: विरोध क्यों कर रहे हैं मछुआरे
यूपीएससी दैनिक समसामयिकी – 06 दिसंबर 2022 | प्रीलिम्स बिट्स ाजरा-स्मार्ट पोषक आहार सम्मेलन- पोषक-अनाज के निर्यात को बढ़ावा देना भारत की जी-20 की अध्यक्षता- पहली शेरपा बैठक प्रारंभ एक मजबूत त्रिमूर्ति की ओर- द हिंदू संपादकीय विश्लेषण

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *