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राष्ट्रीय जांच एजेंसी: एनआईए ने उदयपुर हत्याकांड के कार्यभार को संभाला

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए): यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: भारतीय संविधान- वैधानिक, नियामक एवं विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय।

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समाचारों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए)

  • हाल ही में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी/एनआईए) ने 28 जून को राजस्थान के उदयपुर में भारतीय जनता पार्टी की निलंबित नेत्री नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट  करने वाले दर्जी कन्हैया लाल (48) की हत्या की जांच अपने हाथ में ले ली है।
  • केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 21 जून को महाराष्ट्र के अमरावती में फार्मासिस्ट उमेश कोल्हे (54) की इसी तरह की हत्या की जांच भी एनआईए को सौंप दी है।

 

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए)

  • पृष्ठभूमि: एनआईए का गठन नवंबर 2008 में 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के परिप्रेक्ष्य में किया गया था।
      • एनआईए 31 दिसंबर, 2008 को अस्तित्व में आई तथा 2009 में अपना कार्य संचालन प्रारंभ किया।
  • एनआईए के बारे में: एनआईए एक केंद्रीय एजेंसी है जो भारत की संप्रभुता, सुरक्षा एवं अखंडता को प्रभावित करने वाले सभी अपराधों, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों तथा अंतरराष्ट्रीय संधियों को लागू करने हेतु अधिनियमित वैधानिक कानूनों के तहत अपराधों की जांच करती है।
  • मूल विधान: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी/एनआईए) को राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम, 2008 के तहत एक वैधानिक निकाय के रूप में निर्मित किया गया था।
    • यह अधिक महत्वपूर्ण मामलों की जांच के लिए राज्यों के अधिकारों एवं केंद्र सरकार के कर्तव्यों के मध्य संतुलन स्थापित रखने का प्रयत्न करता है।
  • अपराध एवं एनआईए की शक्तियां: एनआईए के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत विभिन्न अपराधों में आतंकवादी कृत्यों तथा हथियारों, मादक द्रव्यों (ड्रग्स) एवं नकली भारतीय मुद्रा की तस्करी तथा सीमाओं के पार से घुसपैठ जैसे अपराधों के साथ उनके संभावित संबंध शामिल हैं।
    • राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के पास ऐसे अपराधों में सम्मिलित व्यक्तियों की तलाशी लेने, उन्हें पकड़ने, गिरफ्तार करने तथा उन पर मुकदमा चलाने की शक्ति है।

 

राष्ट्रीय जांच एजेंसी का क्षेत्राधिकार

  • प्रादेशिक क्षेत्राधिकार: कानून (एनआईए अधिनियम 2008) जिसके अंतर्गत यह जांच एजेंसी संचालित होती है, संपूर्ण भारत में  विस्तृत है तथा यह निम्नलिखित पर भी लागू होती है-
    • देश के बाहर भारतीय नागरिक;
    • सरकार की सेवा में कार्यरत व्यक्ति जहां कहीं भी तैनात हैं;
    • भारत में पंजीकृत जलयानों (जहाजों) तथा विमानों पर व्यक्ति, चाहे वे कहीं भी हों;
    • वे व्यक्ति जो भारत के बाहर भारतीय नागरिक के विरुद्ध या भारत के हित को प्रभावित करने वाला अधिसूचित अपराध करते हैं।
  • सम्मिलित किए गए कानून: एनआईए, अधिनियम की अनुसूची में उल्लिखित मात्र आठ कानूनों के तहत एनआईए अपराधों से संबंधित जांच करती है। ये कानून हैं-
    • विस्फोटक पदार्थ अधिनियम,
    • परमाणु ऊर्जा अधिनियम,
    • गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम,
    • अपहरण विरोधी अधिनियम,
    • नागरिक उड्डयन अधिनियम की सुरक्षा के विरुद्ध गैरकानूनी अधिनियमों का दमन,
    • सार्क अभिसमय (आतंकवाद का दमन) अधिनियम,
    • समुद्री नौवहन की सुरक्षा के विरुद्ध गैरकानूनी कृत्यों का दमन तथा महाद्वीपीय जल सीमा (कॉन्टिनेंटल शेल्फ) अधिनियम पर फिक्स्ड प्लेटफॉर्म,
    • सामूहिक विनाश के हथियार तथा उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) अधिनियम  एवं
    • भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत प्रासंगिक अपराध।
  • एनआईए (संशोधन) 2022 अधिनियम: केंद्र ने एनआईए को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत अपराधों की जांच करने का अधिकार दिया, जो आतंकी मामलों से जुड़े हैं।

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एनआईए को मामले कौन सौंपता है?

  • राज्य सरकारों द्वारा संदर्भ: जैसा कि अधिनियम की धारा 6 के अंतर्गत प्रावधान किया गया है, राज्य सरकारें किसी भी पुलिस स्टेशन में दर्ज अधिसूचित अपराधों से संबंधित मामलों को एनआईए जांच के लिए केंद्र सरकार (केंद्रीय गृह मंत्रालय) को संदर्भित कर सकती हैं।
    • उपलब्ध कराए गए विवरणों का आकलन करने के पश्चात, केंद्र एजेंसी को मामले को संभालने का निर्देश दे सकता है।
    • राज्य सरकारों को एनआईए को सभी प्रकार की सहायता प्रदान करना अपेक्षित है।
  • केंद्र सरकार द्वारा निर्देश: यहां तक ​​कि जब केंद्र सरकार का विचार है कि एक अधिसूचित अपराध  कारित किया गया है, जिसकी अधिनियम के तहत जांच की जानी आवश्यक है, तो वह एजेंसी को जांच करने/उसकी जांच करने का निर्देश दे सकती है।
  • विदेशी भूमि पर किए गए अपराधों के लिए: जहां केंद्र सरकार को ज्ञात होता है कि भारत के बाहर किसी भी स्थान पर एक अधिसूचित अपराध कारित किया गया है, जहां यह अधिनियम लागू होता है, वह एनआईए को मामला दर्ज करने तथा जांच करने का निर्देश भी दे सकती है।
  • संबंधित अपराध: किसी भी अधिसूचित अपराध की जांच करते समय, एजेंसी किसी अन्य अपराध की भी जांच कर सकती है, जिसके बारे में आरोपी पर आरोप लगाया गया है कि अपराध अधिसूचित अपराध से जुड़ा है।

 

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