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नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) – पृष्ठभूमि, अधिदेश, शक्तियां एवं प्रमुख कार्य

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) – यूपीएससी परीक्षा  हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: भारतीय संविधान- वैधानिक, नियामक एवं विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय।
  • जीएस पेपर 3: सुरक्षा- सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां एवं उनका प्रबंधन; संगठित अपराध का आतंकवाद से संबंध।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) – संदर्भ

  • हाल ही में, एक विशेष अदालत ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें आग्रह किया गया था कि वह एनसीबी के एक अधिकारी के खिलाफ रिश्वत के आरोप लगाने वाले एक हलफनामे का संज्ञान नहीं ले।
  • विशेष अदालत को मामला स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी औषधि पदार्थ (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस) (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत सौंपा गया था।

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नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी)- प्रमुख बिंदु

  • नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के बारे में: एनसीबी का गठन सरकार द्वारा 1986 में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 के प्रावधानों के अनुसार किया गया था।
    • मुख्यालय: नई दिल्ली।
  • मूल मंत्रालय: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, गृह मंत्रालय के समग्र पर्यवेक्षण में कार्य करता है।
  • नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का अधिदेश: केंद्र सरकार के पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण के अधीन, नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस अधिनियम के तहत ऐसे मामलों के संबंध में आवश्यक कदम उठाने हेतु गठित, जैसा कि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किया जाए।
  • संवैधानिक आधार: नारकोटिक ड्रग्स एवं साइकोट्रोपिक सब्सटेंस पर राष्ट्रीय नीति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 47 में निहित नीति निर्देशक सिद्धांतों पर आधारित है।
    • अनुच्छेद 47: यह राज्य को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मादक औषधियों के औषधीय प्रयोजनों के अतिरिक्त, उपभोग पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास करने का निर्देश देता है।
  • अंतर्राष्ट्रीय दायित्व: भारत विभिन्न अंतरराष्ट्रीय अभिसमयों एवं नवाचारों पर हस्ताक्षरकर्ता है, जो विभिन्न मादक औषधियों से संबंधित मुद्दों के प्रभावी क्रियान्वयन को अधिदेशित करता है। वे हैं-
    • स्वापक औषधियों पर अभिसमय 1961, जैसा कि 1972 प्रोटोकॉल द्वारा संशोधित किया गया था,
    • मन:प्रभावी पदार्थों पर अभिसमय, 1971 एवं
    • स्वापक औषधियों एवं मन:प्रभावी पदार्थों के अवैध व्यापार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन, 1988।

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नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो(एनसीबी) – एनसीबी का कार्य क्षेत्र एवं शक्तियां

  • नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) को निम्नलिखित के संबंध मेंआवश्यक कदम उठाने हेतु केंद्र सरकार की शक्तियों एवं कार्यों का प्रयोग करना है:
  • स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी औषधि पदार्थ (एन.डी.पी.एस.) अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम, औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम एवं एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के प्रवर्तन प्रावधानों के संबंध में  तत्समय प्रवर्तित  किसी अन्य कानून के तहत विभिन्न कार्यालयों, राज्य सरकारों एवं अन्य प्राधिकरणों द्वारा कार्यों का समन्वय।
  • विभिन्न अंतरराष्ट्रीय अभिसमयों एवं नवाचारों के तहत अवैध व्यापार के विरुद्ध प्रतिरोधक उपायों के संबंध में दायित्व का कार्यान्वयन जो वर्तमान में प्रवर्तन में है अथवा जिसे भविष्य में भारत द्वारा अनुसमर्थित या स्वीकार किया जा सकता है।
  • इन औषधियों एवं पदार्थों के अवैध व्यापार की रोकथाम एवं प्रतिबंध हेतु समन्वय एवं सार्वभौमिक कार्रवाई की सुविधा के लिए विदेशों में संबंधित अधिकारियों एवं संबंधित अंतरराष्ट्रीय संगठनों को सहायता प्रदान करना।
  • मादक द्रव्यों के दुरुपयोग से संबंधित मामलों के संबंध में अन्य संबंधित मंत्रालयों, विभागों एवं संगठनों द्वारा की गई कार्रवाई का समन्वय करना।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी)- प्रमुख कार्य

  • शीर्ष समन्वयक अभिकरण: मादक द्रव्य कानून के प्रवर्तन में संलग्नक विभिन्न केंद्रीय एवं राज्य एजेंसियों के  मध्य समन्वय  हेतु;
  • राज्यों को उनके मादक द्रव्य कानून के प्रवर्तन प्रयासों को बढ़ाने में सहायता करना;
  • आसूचना का संग्रह एवं प्रसार;
  • जब्ती के आंकड़ों का विश्लेषण, प्रवृत्तियों एवं कार्यप्रणाली का अध्ययन;
  • राष्ट्रीय औषधि प्रवर्तन सांख्यिकी तैयार करना;
  • मादक द्रव्यों से संबंधित मुद्दों के लिए राष्ट्रीय नोडल एजेंसी: एनसीबी अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों जैसे यूएनडीसीपी, आईएनसीबी, इंटरपोल, सीमा शुल्क सहयोग परिषद, आरआईएलओ इत्यादि के साथ निरंतर संपर्क में है;
  • आसूचना एवं अन्वेषण हेतु राष्ट्रीय संपर्क बिंदु

राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980

 

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