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पुलिस बलों का आधुनिकीकरण (एमपीएफ) योजना- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
पुलिस बलों का आधुनिकीकरण (एमपीएफ) योजना- संदर्भ
- हाल ही में, केंद्र सरकार ने 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए पुलिस बलों के आधुनिकीकरण (मॉडर्नाइजेशन ऑफ पुलिस फोर्सेज/एमपीएफ) की समग्र योजना को जारी रखने को स्वीकृति प्रदान की है।
- 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना को स्वीकृति, राज्योंतथा केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों के कार्य संचालन के आधुनिकीकरण एवं सुधार हेतु केंद्रीय गृह मंत्री की पहल को आगे बढ़ाती है।
- पुलिस बलों का आधुनिकीकरण (एमपीएफ) योजना में सभी प्रासंगिक उप-योजनाएं शामिल हैं जो 26,275 करोड़ रुपए के कुल केंद्रीय वित्तीय परिव्यय के साथ आधुनिकीकरण एवं सुधार में योगदान करती हैं।
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पुलिस बलों का आधुनिकीकरण (एमपीएफ) योजना- प्रमुख बिंदु
- पुलिस बलों का आधुनिकीकरण (एमपीएफ) योजना के बारे में: राज्य पुलिस बलों में सुधार के लिए 1969-70 से केंद्र सरकार द्वारा राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की योजना (एमपीएफ योजना) क्रियान्वित की गई है।
- मंत्रालय: गृह मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स/एमएचए) पुलिस बलों के आधुनिकीकरण (एमपीएफ) योजना को लागू करने हेतु उत्तरदायी है।
- वित्त पोषण: पुलिस बलों का आधुनिकीकरण (एमपीएफ) योजना एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इस योजना के अंतर्गत-
- राज्यों को ‘गैर-योजना’ एवं योजना दोनों के अंतर्गत वित्त पोषण के उद्देश्य से दो श्रेणियों, अर्थात् श्रेणी ‘ए’ और श्रेणी ‘बी’ में विभाजित किया गया है, ।
- श्रेणी ‘ए’ राज्य, अर्थात् जम्मू-कश्मीर एवं सिक्किम सहित 8 उत्तर पूर्वी राज्य 90:10 के केंद्र: राज्य के बंटवारे के आधार पर वित्तीय सहायता प्राप्त करने के पात्र होंगे।
- शेष राज्य ‘बी’ श्रेणी में होंगे एवं 60:40 के केंद्र: राज्य के बंटवारे के आधार पर वित्तीय सहायता के लिए पात्र होंगे।
 
पुलिस बलों का आधुनिकीकरण (एमपीएफ) योजना- प्रमुख उद्देश्य
- आंतरिक सुरक्षा एवं विधि व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने हेतु सेना तथा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों पर राज्य सरकारों की निर्भरता को क्रमिक रूप से कम करना।
- यह राज्य पुलिस बलों को पर्याप्त रूप से लैस करके एवं उनके प्रशिक्षण संबंधी बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करके किया जाना है।
 
- सुरक्षित पुलिस थानों, प्रशिक्षण केन्द्रों, पुलिस आवासों (आवासीय) का निर्माण करके पुलिस थानों को आवश्यक गतिशीलता, आधुनिक शस्त्रों, संचार उपकरण एवं फॉरेंसिक व्यवस्थापन इत्यादि से लैस करके अत्याधुनिक स्तर पर पुलिस के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना।
पुलिस बलों का आधुनिकीकरण ( एमपीएफ) योजना- प्रमुख विशेषताएं
- योजना के अंतर्गत आंतरिक सुरक्षा, विधि व्यवस्था, पुलिस द्वारा आधुनिक तकनीक के अंगीकरण, मादक पदार्थों पर नियंत्रण के लिए राज्यों की सहायता करने तथा देश में एक सुदृढ़ फोरेंसिक सेट-अप विकसित करके आपराधिक न्याय प्रणाली को सशक्त करने से संबंधित प्रावधान किए गए हैं।
- राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की योजना में केंद्रीय परिव्यय 4,846 करोड़ रुपये का है।
- संसाधनों के आधुनिकीकरण के माध्यम से वैज्ञानिक एवं समय पर जांच में सहायता के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में स्वतंत्र रूप से स्वतंत्र उच्च गुणवत्ता वाली फोरेंसिक विज्ञान स्थापनाओं का विकास करना।
- 2,080.50 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ फोरेंसिक स्थापनाओं के आधुनिकीकरण के लिए एक केंद्रीय योजना को स्वीकृति प्रदान की गई है।
 
- केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू एवं कश्मीर, उग्रवाद प्रभावित उत्तर पूर्वी राज्यों तथा वामपंथी उग्रवाद (लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिस्म/एलडब्ल्यूई) प्रभावित क्षेत्रों के लिए सुरक्षा संबंधी व्यय के लिए 18,839 करोड़ रुपये का केंद्रीय परिव्यय निर्धारित किया गया है।
- वामपंथी उग्रवाद का मुकाबला करने के लिए ‘राष्ट्रीय नीति एवं कार्य योजना’ के क्रियान्वयन के साथ, वामपंथी उग्रवाद की हिंसा की घटनाओं में व्यापक कमी आई है।
- इस उपलब्धि को आगे बढ़ाने के लिए, 8,689 करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय के साथ वामपंथी उग्रवाद से संबंधित छह योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है।
- इन योजनाओं में लाभ को समेकित करने के लिए अधिकांश वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों एवं संबंधित जिलों को विशेष केंद्रीय सहायता (स्पेशल सेंट्रल असिस्टेंट/एससीए)सम्मिलित है।
- भारतीय रिजर्व बटालियनों/विशेष भारतीय रिजर्व बटालियनों के गठन के लिए 350 करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय को स्वीकृति प्रदान की गई है।
- 50 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ‘ मादक द्रव्य (नारकोटिक्स) नियंत्रण के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता’ की केंद्रीय क्षेत्र की योजना को जारी रखा गया है।

 
											


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