Home   »   लंबा कार्यकाल, बेहतर प्रभाव- सीबीआई एवं ...   »   लंबा कार्यकाल, बेहतर प्रभाव- सीबीआई एवं ...

लंबा कार्यकाल, बेहतर प्रभाव- सीबीआई एवं  ईडी के कार्यकाल का विस्तार

सीबीआई एवं ईडी के कार्यकाल का विस्तार- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: भारतीय संविधान- सरकार की कार्यपालिका एवं न्यायपालिका, मंत्रालयों एवं विभागों की संरचना, संगठन एवं कार्यकरण

सीबीआई एवं ईडी के कार्यकाल का विस्तार- संदर्भ

  • हाल ही में केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश के माध्यम से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) एवं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रमुखों को पांच वर्ष का कार्यकाल प्रदान करने का निर्णय लिया।
  • सीबीआई एवं ईडी के कार्यकाल के इस विस्तार की विभिन्न वर्गों के लोगों ने आलोचना की है।
  • सर्वोच्च न्यायालय ने इससे पूर्व 1999 में सरकार को सीबीआई के निदेशकों को दो वर्ष के कार्यकाल की सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया था।

लंबा कार्यकाल, बेहतर प्रभाव- सीबीआई एवं  ईडी के कार्यकाल का विस्तार_3.1

क्या आपने यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2021 को उत्तीर्ण कर लिया है?  निशुल्क पाठ्य सामग्री प्राप्त करने के लिए यहां रजिस्टर करें

सीबीआई एवं ईडी के कार्यकाल का विस्तार- संबद्ध मुद्दे

  • सीबीआई एवं ईडी का दुरुपयोग: उन पर पूर्व से ही सरकार द्वारा दुरुपयोग किए जाने का आरोप लगाया गया है एवं कार्यकाल के इस विस्तार ने अनेक व्यक्तियों के मध्य समान चिंताएं उत्पन्न की हैं।
  • सरकार द्वारा आवधिक स्वीकृति: तीन वार्षिक विस्तार के बारे में नियम का दुरुपयोग एक पक्षपातपूर्ण वाली सरकार द्वारा किया जा सकता है। इसे ‘अच्छे व्यवहार’ के लिए एक पुरस्कार के रूप में माना जा सकता है।
    • दो वर्ष के आज्ञापक कार्यकाल के अंत में, सरकार को एक बार में एक वर्ष का विस्तार देने के आदेश जारी करने होंगे।
    • निदेशक के पद हेतु प्रत्यक्ष रूप से 5 वर्ष का कार्यकाल होता तो बेहतर होता।
  • राज्यों में क्षेत्राधिकार: अनेक राज्य सरकारों ने उस राज्य में सीबीआई के कार्य करने की सहमति वापस ले ली है। इससे सीबीआई जांच एवं प्रभावी कार्यकरण में  समस्याएं होती है।
    • आठ राज्यों- पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ एवं मिजोरम- ने आम सहमति वापस ले ली है।
    • न्यायालय ने इसे एक “गंभीर मुद्दा” करार दिया।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई)- के बारे में, संरचना, नियुक्ति और क्षेत्राधिकार

सीबीआई एवं ईडी के कार्यकाल का विस्तार- आगे की राह

  • कार्यकाल की स्थिरता सुनिश्चित करना: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) एवं ईडी से जुड़े मामलों को निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए प्रायः समय की आवश्यकता होती है।
    • इस संदर्भ में, कार्यकाल का विस्तार सीबीआई निदेशक की निरंतरता सुनिश्चित करने में सहायता करता है जिससे जांच एवं निर्णय का समय पर समाधान होता है।
  • वैश्विक उदाहरणों से सीखना: यू.एस. में संघीय जांच ब्यूरो (फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) के प्रमुख को 10 वर्ष का कार्यकाल प्राप्त होता है।
    • सीबीआई प्रमुख के लिए दो वर्ष का कार्यकाल किसी भी अधिकारी के लिए संगठन पर प्रभाव डालने हेतु अत्यंत छोटा है।
  • राज्यों में जांच प्रारंभ करने की स्वायत्तता: सीबीआई को आपराधिक प्रक्रिया संहिता, जो सीबीआई को एक पुलिस संगठन बनाता है, के आधार पर जांच प्रारंभ करने हेतु अपने स्वयं के क़ानून से अपना अधिकार प्राप्त करने हेतु सक्षम किया जाना चाहिए।
    • उपयुक्त समानताएं आयकर अधिनियम एवं सीमा शुल्क अधिनियम हैं, जो अधिकारियों को राज्य सरकारों की दया के बिना, अपने दम पर कार्य करने में सक्षम बनाती हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)

लंबा कार्यकाल, बेहतर प्रभाव- सीबीआई एवं  ईडी के कार्यकाल का विस्तार_4.1

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *