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कृषि उड़ान 2.0- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 3: भारतीय कृषि- कृषि उत्पादों का परिवहन एवं विपणन और मुद्दे तथा संबंधित बाधाएं; कृषकों की सहायता हेतु ई-प्रौद्योगिकी।
परिवहन एवं विपणन सहायता पुनरीक्षित
कृषि उड़ान 2.0- संदर्भ
- हाल ही में, कृषि उड़ान 0 को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री द्वारा नागरिक उड्डयन मंत्रालय, कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय, फिक्की के प्रतिनिधियों के साथ जारी किया गया था।
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कृषि उड़ान 2.0- प्रमुख बिंदु
- कृषि उड़ान 0 के बारे में: कृषि उड़ान 2.0 शस्यकर्तन (फसल-कटाई) एवं हवाई परिवहन के बेहतर एकीकरण एवं अनुकूलन के माध्यम से मूल्य प्राप्ति में सुधार का दृष्टिकोण निर्धारित करता है।
- कृषि उड़ान योजना एएआईसीएलएएस एवं इन्वेस्ट इंडिया (वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय) के सहयोग से तैयार की गई थी।
- एएआईसीएलएएस भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की 100%अनुषंगी कंपनी है एवं इन्वेस्ट इंडिया भारत की राष्ट्रीय निवेश संवर्धन एवं सुविधा एजेंसी है।
कृषि उड़ान 2.0 के प्रमुख लाभ:
- कृषि उड़ान 0 भिन्न भिन्न एवं गतिशील परिस्थितियों में कृषि-मूल्य श्रृंखला धारणीयता एवं प्रतिस्थितित्व में योगदान देगा।
- कृषि उड़ान 0 योजना हवाई परिवहन द्वारा कृषि-उत्पाद के आवागमन को सुविधाजनक बनाने एवं प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव करती है।
- कृषि का उड्डयन में अभिसरण (ए2ए): कृषकों को अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए कृषि उड़ान 0 के तहत ए2ए मॉडल अपनाया जा रहा है। दो क्षेत्रों के मध्य अभिसरण 3 प्राथमिक कारणों से संभव है-
- भविष्य में विमान के लिए जैव ईंधन का विकासमूलक संभावित उपयोग,
- कृषि क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग, एवं
- कृषि उड़ान जैसी योजनाओं के माध्यम से कृषि उत्पादों के बृहत्तर एकीकरण एवं मूल्य प्राप्ति के कारण।
- कृषि उड़ान 0 का विस्तार क्षेत्र: इसे देश भर में 53 हवाई अड्डों पर मुख्य रूप से पूर्वोत्तर एवं जनजातीय क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए लागू किया जाएगा एवं इससे कृषकों, माल भाड़ा अग्रेषक एवं एयरलाइंस को लाभ प्राप्त होने की संभावना है।
- हवाई अड्डे मुख्य रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र पर केंद्रित हैं। इसके अतिरिक्त उत्तर, संपूर्ण पश्चिमी तट एवं दक्षिणी भारत (दो द्वीपों सहित) को समाविष्ट करता है।
भारत का कृषि निर्यात- कृषि निर्यात करंड में परिवर्तन
कृषि उड़ान 2.0- प्रमुख विशेषताएं
- प्रसुविधा एवं प्रोत्साहन: कृषि उड़ान 0 योजना भारतीय मालवाहकों के लिए अवतरण, अवस्थापन, टीएनएलसी एवं आरएनएफसी शुल्क एवं चयनित हवाई अड्डों पर पी2सी की पूर्ण उन्मुक्ति प्रदान करती है।
- हवाई अड्डों पर एवं हवाई अड्डों से बाहर कार्गो से संबंधित आधारिक संरचना को सुदृढ़ करना: हब एवं स्पोक मॉडल एवं फ्रेट ग्रिड के विकास को सुगम बनाना।
- अन्य निकायों से मांगी गई रियायतें: यह योजना राज्यों को उड़ान यात्राओं में विस्तारित मालवाहकों/पी2सी विमानों के लिए एटीएफ पर बिक्री कर को 1% तक कम करने हेतु समर्थन और प्रोत्साहन प्रदान करती है।
- अभिसरण तंत्र की स्थापना के माध्यम से संसाधन-संयोजन: कृषि-उत्पाद के हवाई परिवहन के संवर्धन हेतु विभिन्न हितधारकों को प्रोत्साहन एवं रियायतें प्रदान करने के लिए अन्य सरकारी विभागों एवं नियामक निकायों के साथ सहयोग।
- तकनीकी अभिसरण: ई-कौशल का विकास (सतत समग्र कृषि-सम्भारिकी हेतु कृषि उड़ान)
- सभी हितधारकों को सूचना प्रसार की सुविधा के लिए ई-कौशल प्लेटफॉर्म।
- इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-एनएएम) के साथ ई-कौशल का एकीकरण प्रस्तावित है।



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