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भारत की जी-20 की अध्यक्षता, जी-20 की अध्यक्षता के दौरान भारत क्या पेशकश करेगा? द हिंदू संपादकीय विश्लेषण

भारत की जी-20 की अध्यक्षता की  यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता

भारत की जी-20 की अध्यक्षता: शेरपा जी-20 समूह का एक महत्वपूर्ण घटक हैं। भारत द्वारा जी-20 की अध्यक्षता संभालने के साथ, भारतीय शेरपा भारत की जी-20 अध्यक्षता को भारत तथा विश्व दोनों के लिए सर्वाधिक उपयोगी बनाने हेतु कार्यरत रहे हैं।

भारत की जी-20 की अध्यक्षता की शेरपा बैठक  यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा 2023 (जीएस पेपर 2- अंतर्राष्ट्रीय संबंध) के लिए महत्वपूर्ण है।

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भारत की जी-20 अध्यक्षता चर्चा में क्यों है?

  • 1 दिसंबर को भारत ने जी-20 समूह की अध्यक्षता ग्रहण की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे “भारत के लिए एक बड़ा अवसर” कहा।

 

जी-20 समूह का इतिहास क्या है?

  • पृष्ठभूमि: जी-20 समूह की स्थापना 1999 में वाशिंगटन डीसी में एक बैठक के पश्चात सात देशों – कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन एवं अमेरिका के वित्त मंत्रियों तथा केंद्रीय बैंक के गवर्नरों द्वारा की गई थी।
    • एकजुट करने वाला कारक 1997-98 का ​​वित्तीय संकट एवं उसके परिणाम थे।
    • जी-20 नेताओं की प्रथम बैठक 1999 में आयोजित हुई थी एवं इसे 2008 में सरकार / राज्य के प्रमुखों के स्तर तक बढ़ा दिया गया था।
    • 2009 में, जी-20 को “अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख मंच” नामित किया गया था।
  • फोकस क्षेत्र: इस समूह में आरंभ में वृहत् अर्थशास्त्र (मैक्रोइकॉनॉमिक्स) से संबंधित मामलों को से संबंधित था, किंतु वर्षों से, इसके एजेंडे का विस्तार निम्न से संबंधित मुद्दों को कवर करने के लिए किया गया है-
    • व्यापार,
    • जलवायु परिवर्तन,
    • सतत विकास,
    • स्वास्थ्य,
    • कृषि,
    • ऊर्जा, एवं
    • पर्यावरण
  • सदस्य देश: जी-20 समूह में शामिल हैं-
    • अर्जेंटीना,
    • ऑस्ट्रेलिया,
    • ब्राजील,
    • कनाडा,
    • चीन,
    • फ्रांस,
    • जर्मनी,
    • इंडिया (भारत),
    • इंडोनेशिया,
    • इटली,
    • जापान,
    • कोरिया गणराज्य,
    • मेक्सिको,
    • रूस,
    • सऊदी अरब,
    • साउथ अफ्रीका (दक्षिण अफ्रीका),
    • टर्की,
    • यूके (ब्रिटेन),
    • यू.एस. ए. (अमेरिका) तथा
    • यूरोपीय संघ

 

भारत की जी-20 की अध्यक्षता

  • जी-20 की अध्यक्षता: जी-20 सम्मेलन प्रतिवर्ष एक क्रमावर्तित अध्यक्षता के तहत आयोजित किया जाता है, जो 2023 में भारत के पास है।
  • सचिवालय: जी-20 समूह के पास एक स्थायी सचिवालय नहीं है एवं अध्यक्ष पद के पिछले, वर्तमान तथा भविष्य के धारकों द्वारा समर्थित है, जिन्हें सम्मिलित रूप से ट्रोइका कहा जाता है।
  • जी-20 ट्रोइका: भारत के साथ, 2023 की तिकड़ी में इंडोनेशिया एवं ब्राजील सम्मिलित हैं।
  • जी-20 शिखर सम्मेलन 2023: अध्यक्ष-राष्ट्र के रूप में, भारत दिसंबर 2023 में नई दिल्ली में 18वें जी-20 राष्ट्राध्यक्षों एवं शासन शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।

 

भारत की अध्यक्षता का क्या अर्थ है?

  • शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने एवं थीम निर्धारित करने के अतिरिक्त, जी-20 की अध्यक्षता के साथ किसी प्रकार की औपचारिक शक्ति के साथ निहित नहीं होती है।
  • भारत निम्नलिखित से संबंधित अपने दर्शन को प्रदर्शित करने की योजना बना रहा है-
    • वसुधैव कुटुम्बकम (एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य/वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर) एवं
    • LiFE (पर्यावरण के लिए जीवन शैली/लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट) थीम एवं कार्यक्रम के लोगो के माध्यम से।
  • एक आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया है कि भारत की जी-20 अध्यक्षता “विश्व में सभी के लिए न्यायसंगत एवं समान विकास के लिए प्रयास कर रही है, क्योंकि हम इस अशांत समय के माध्यम से एक सतत, समग्र, उत्तरदायी एवं समावेशी रूप से नेविगेट करते हैं।”
  • भारत के द्वारा जी-20 समूह की अध्यक्षता ऐसे समय में की जा रही है जब अनेक देश रूस-यूक्रेन युद्ध एवं यूरोपीय संघ तथा रूस के मध्य गतिरोध के कारण मुद्रास्फीति एवं मंदी की प्रवृत्तियों का अनुभव कर रहे हैं।
  • चीन के साथ भारत की अपनी समस्याएं हैं, जो जी-20 समूह का भी हिस्सा हैं, मंच के प्रभावी कामकाज के लिए एक संभावित समस्या उत्पन्न करती है।
  • यद्यपि, नवंबर 2022 में इंडोनेशिया में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संक्षिप्त बातचीत ने विशेषज्ञों को स्थिति के बारे में आशावादी अनुभव कराया है।

 

 जी-20 समूह कैसे कार्य करता है?

  • जी-20 ट्रैक्स: जी-20 के तहत प्रक्रियाओं को दो समानांतर ट्रैक्स में विभाजित किया गया है –
    • वित्त ट्रैक एवं
    • शेरपा ट्रैक
  • वित्त ट्रैक: वित्त ट्रैक का नेतृत्व सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों एवं केंद्रीय बैंक के गवर्नरों द्वारा किया जाता है, जो वर्ष भर आपस में मिलते हैं।
  • शेरपा: शेरपा, जो नेताओं के निजी दूत होते हैं, शेरपा ट्रैक का नेतृत्व करते हैं।
    • वे वर्षभर समझौतों की देखरेख करते हैं, शिखर सम्मेलन के लिए एजेंडा मदों पर चर्चा करते हैं एवं जी-20 के मूल कार्य का समन्वय करते हैं।
  • जी-20 कार्य समूह: विशिष्ट विषयों के आसपास निर्मित किए गए कार्य समूह (वर्किंग ग्रुप्स) दोनों ट्रैक्स के  अंतर्गत कार्य करते हैं।
    • इनमें सदस्य राष्ट्रों के संबंधित मंत्रालयों के प्रतिनिधि तथा आमंत्रित/अतिथि देश भी सम्मिलित होते हैं।
    • संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष एवं आर्थिक सहयोग तथा विकास संगठन जैसे विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगठन भी कार्य समूहों में भाग लेते हैं।

 

भारत की जी-20 अध्यक्षता  के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

प्र. भारत के जी-20 के शेरपा कौन है?

उत्तर. नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत भारत के जी-20 शेरपा हैं।

 

प्र. भारत की जी-20 अध्यक्षता की पहली शेरपा बैठक कहाँ आयोजित की जा रही है?

उत्तर. भारत की जी-20 अध्यक्षता की पहली शेरपा बैठक उदयपुर राजस्थान में आयोजित की जा रही है।

प्र. 2023 के लिए जी-20 की अध्यक्षता किस देश के पास है?

उत्तर. वर्तमान में जी-20 समूह की अध्यक्षता भारत के पास है। भारत ने प्रथम बार 1 दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक 20 (जी-20) एक वर्ष के लिए अध्यक्षता ग्रहण की, जिसका समापन 2023 में भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन के साथ होगा।

प्र. भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान जी-20 का थीम क्या है?

उत्तर. भारत की जी-20 की अध्यक्षता की थीम “वसुधैव कुटुम्ब-कम” अथवा “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य/वन अर्थ वन फैमिली वन फ्यूचर” है।

 

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