Home   »   Daily UPSC CAs - 09 December...   »   Daily Current Affairs for UPSC

यूपीएससी के लिए दैनिक समसामयिकी 12 दिसंबर |प्रीलिम्स बिट्स

Table of Contents

दैनिक समसामयिकी 12 दिसंबर: यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता 

यूपीएससी के लिए दैनिक समसामयिकी: यूपीएससी लेख के लिए दैनिक समसामयिकी में दिन के महत्वपूर्ण लेख  सम्मिलित होते हैं जो विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं जैसे यूपीएससी, राज्य पीसीएस, एसएससी एवं विभिन्न बैंक परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।

What is India-Australia FTA?_70.1

39वां इंडिया-इंडो कोरपैट अभ्यास

39वां भारत-इंडोनेशिया समन्वित गश्त चर्चा में क्यों है?

  • भारतीय नौसेना और इंडोनेशियाई नौसेना के मध्य भारत-इंडोनेशिया कोऑर्डिनेटेड पेट्रोल (IND-INDO ​​CORPAT) का 39 वां संस्करण 08 से 19 दिसंबर 2022 तक आयोजित किया जा रहा है।

इंडिया -इंडो कोरपैट अभ्यास 2022

  • इंडिया-इंडो कोरपैट अभ्यास के बारे में: भारत एवं इंडोनेशिया 2002 से भारत-इंडोनेशिया कोऑर्डिनेटेड पेट्रोल (IND-INDO ​​CORPAT) वर्ष में दो बार आयोजित कर रहे हैं।
  • अधिदेश: हिंद महासागरीय क्षेत्र (इंडियन ओशन रीजन/आईओआर) के इस महत्वपूर्ण हिस्से को वाणिज्यिक नौवहन, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं वैध समुद्री गतिविधियों के संचालन के लिए सुरक्षित रखने के उद्देश्य से इंडिया-इंडो कोरपैट अभ्यास (IND-INDO ​​CORPAT) का आयोजन किया जाता है।
  • स्थान: कोरपैट अभ्यास को 15 से 16 दिसंबर 2022 तक अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (इंटरनेशनल मैरिटाइम बाउंड्री लाइन/IMBL) के साथ कार्यान्वित किया जाएगा एवं पोर्ट ब्लेयर में एक विनिदेशन (डीब्रीफ) के साथ समाप्त होगा।
  • भागीदारी: भारतीय नौसेना जहाज (इंडियन नेवल शिप/आईएनएस) कार्मुक, एक स्वदेशी रूप से निर्मित मिसाइल कार्वेट ने बेलावन, इंडोनेशिया में पूर्व-तैनाती ब्रीफिंग में भाग लिया।
    • आईएनएस कार्मुक के साथ,एल-58 (स्वदेशी निर्मित लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी वेसल) एवं डोर्नियर मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट कोरपैट अभ्यास में भाग लेंगे।
    • KRI Cut Nyak Dien, एक Kapitan Pattimura Class Corvette, इंडोनेशियाई पक्ष का प्रतिनिधित्व करेगा।

39वें इंड-इंडो कोरपैट

  • इंडिया-इंडो कोरपैट अभ्यास का 39 वां संस्करण दोनों नौसेनाओं के मध्य सामुद्रिक सहयोग में वृद्धि करने तथा भारत एवं इंडोनेशिया के मध्य मित्रता के मजबूत बंधन को सुदृढ़ करने का प्रयास करता है।
  • कोरपैट  अभ्यास (CORPATs) नौसेनाओं के मध्य समझ एवं अंतरसंचालनीयता  निर्मित करने में सहायता करते हैं एवं अवैध अप्रतिबंधित अनियमित (इल्लीगल अनप्रोटेक्टेड अनरेगुलेटेड/IUU) मछली पकड़ने, मादक पदार्थों की तस्करी, समुद्री आतंकवाद, सशस्त्र डकैती एवं समुद्री दस्युता को रोकने एवं दमन करने के उपायों की संस्था को सुविधाजनक बनाते हैं।
  • यह आगे चलकर तस्करी, अवैध आप्रवासन की रोकथाम एवं समुद्र में खोज तथा बचाव (सर्च एंड रेस्क्यू/एसएआर) कार्यों के संचालन के लिए सूचना के आदान-प्रदान द्वारा परिचालन सामंजस्य में वृद्धि करने में सहायता करता है।
  • भारत सरकार के दृष्टिकोण सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास अथवा  सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन) के एक भाग के रूप में, भारतीय नौसेना इस क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र (इंडियन ओशन रीजन/आईओआर) के देशों के साथ सक्रिय रूप से संलग्न रही है।

 

भारत की जी-20 अध्यक्षता- वित्त एवं केंद्रीय बैंक की प्रतिनिधियों की  प्रथम बैठक

 भारत की जी-20 की अध्यक्षता चर्चा में क्यों है?

  • जी-20 समूह के वित्त एवं केंद्रीय बैंकों के प्रतिनिधियों (फाइनेंस एंड सेंट्रल बैंक डेप्युटीज/FCBD) की बैठक 13-15 दिसंबर 2022 के दौरान बेंगलुरु में आयोजित होने वाली है।

जी-20 वित्त एवं केंद्रीय बैंक के प्रतिनिधियों (FCBD) की बैठक 2022

  • जी-20 वित्त एवं केंद्रीय बैंक के प्रतिनिधियों (FCBD) की बैठक 2022 के बारे में: पहली जी-20 वित्त एवं केंद्रीय बैंकों के प्रतिनिधियों (FCBD) की बैठक 2022 भारत की जी-20 की अध्यक्षता के तहत वित्त ट्रैक एजेंडे पर चर्चा  के प्रारंभ को चिह्नित करेगी।
  • मेज़बान: जी-20 वित्त एवं केंद्रीय बैंकों के प्रतिनिधियों (FCBD) की बैठक 2022 को वित्त मंत्रालय एवं भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाएगा।
  • स्थान: वित्त मंत्रियों एवं केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की प्रथम बैठक 23-25 ​​फरवरी 2023 के दौरान बेंगलुरु में आयोजित की जाएगी।
  • भागीदारी: वित्त ट्रैक की लगभग 40 बैठकें भारत में विभिन्न स्थानों पर आयोजित की जाएंगी, जिनमें जी-20 के वित्त मंत्रियों एवं केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठकें सम्मिलित हैं।
  • अधिदेश: जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों एवं केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के नेतृत्व में जी-20 वित्त ट्रैक, आर्थिक एवं वित्तीय मुद्दों पर केंद्रित है।
    • यह वैश्विक आर्थिक संवाद एवं नीति समन्वय के लिए एक प्रभावी मंच प्रदान करता है।
  • महत्व: भारत के जी-20 समूह की अध्यक्षता की ‘वन अर्थ वन फैमिली, वन फ्यूचर’ की थीम G0 वित्त ट्रैक चर्चाओं का मार्गदर्शन करेगी।
    • जी-20 वित्त ट्रैक में होने वाली चर्चा अंततः जी-20 नेताओं की घोषणा में परिलक्षित होगी।

 

स्वास्थ्य मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन 2022

स्वास्थ्य मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन 2022 चर्चा में क्यों है?

  • हाल ही में, सार्वभौमिक स्वास्थ्य पहुंच दिवस (यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज डे) 2022 पर 2 दिवसीय स्वास्थ्य मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन उत्तर प्रदेश के वाराणसी में संपन्न हुआ।
  • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने स्वास्थ्य मंत्रियों के सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित किया एवं एचडब्ल्यूसी के संचालन की महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए राज्यों को पुरस्कृत किया।

स्वास्थ्य मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन 2022

  • स्वास्थ्य मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन 2022 के बारे में: स्वास्थ्य मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन 2022 सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस, 2022 के अवसर पर आयोजित किया गया था।
  • थीम: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मंत्रियों के सम्मेलन कार्यक्रम का विषय “बिल्ड द वर्ल्ड वी वांट: ए हेल्दी फ्यूचर फॉर ऑल” था।
  • प्रमुख कार्यक्रम: स्वास्थ्य मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन 2022 के दूसरे दिन प्रख्यात विचारक नेताओं के साथ पीएमजेएवाई पर रोग उन्मूलन एवं प्रगति पर पैनल चर्चा हुई।
    • सत्रों में नैदानिक एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यों, प्रबंधकीय कार्यों, सामुदायिक संपर्क एवं आयुष एकीकरण  तथा सूचना प्रौद्योगिकी पहलों पर मुद्दों, चुनौतियों एवं सर्वोत्तम व्यवहार पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा प्रस्तुतियां भी शामिल थीं।
  • भागीदारी: सम्मेलन में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड एवं उत्तराखंड से लगभग 900 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी तथा चिकित्सा अधिकारी एकत्रित हुए।

 

9वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस

विश्व आयुर्वेद कांग्रेस 2022 चर्चा में क्यों है?

  • हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 9वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के समापन समारोह को संबोधित किया। उन्होंने तीन राष्ट्रीय आयुष संस्थानों का भी उद्घाटन किया।

विश्व आयुर्वेद कांग्रेस 2022

  • भागीदारी: विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस/डब्ल्यूएसी) एवं आरोग्य एक्सपो के 9वें संस्करण में  निम्नलिखित क्षेत्रों के 400 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी देखी जा रही है-
    • 50 से अधिक देश,
    • अंतर्राष्ट्रीय छात्र एवं
    • आयुर्वेद के विभिन्न अन्य हितधारक।
  • थीम: विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के 9वें संस्करण की थीम “एक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद” (आयुर्वेद फॉर वन हेल्थ) है।
  • राष्ट्रीय आयुष संस्थानों का उद्घाटन: उद्घाटन किए गए तीन राष्ट्रीय आयुष संस्थान हैं-
    • अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ आयुर्वेदा/एआईआईए), गोवा,
    • राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ यूनानी मेडिसिन/एनआईयूएम), गाजियाबाद एवं
    • राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान (नेशनल इंस्टीट्यूट आफ होम्योपैथी/एनआईएच), दिल्ली।
  • राष्ट्रीय आयुष संस्थानों का महत्व: 
    • ये राष्ट्रीय आयुष संस्थान अनुसंधान एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को और सुदृढ़ करेंगे एवं लोगों के लिए किफायती आयुष सेवाओं की सुविधा भी प्रदान करेंगे।
    • लगभग 970 करोड़ रुपये की कुल लागत से विकसित, ये संस्थान लगभग 500 अस्पताल के बिस्तरों को जोड़ने के साथ-साथ छात्रों की संख्या में लगभग 400 की वृद्धि करेंगे।

 

समान नागरिक संहिता पर निजी सांसद के विधेयक को राज्यसभा में पेश किया गया लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए पीएम पुरस्कार 2022 अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के 17वें एशिया प्रशांत क्षेत्रीय बैठक में सिंगापुर घोषणा क्या है? वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (डब्ल्यूएलपीए), 1972 में नवीनतम संशोधन क्या है? |आज का संपादकीय विश्लेषण
क्या है ‘सिंधुजा-1′?| महासागरीय तरंग ऊर्जा परिवर्तक (ओशन वेव एनर्जी कन्वर्टर’) शौचालय 2.0 अभियान- शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक/सामुदायिक शौचालयों का रूपांतरण सार्क मुद्रा विनिमय व्यवस्था (सार्क करेंसी स्वैप फ्रेमवर्क) क्या है? |भारतीय रिजर्व बैंक ने करार के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए यूपीएससी दैनिक समसामयिकी – 09 दिसंबर 2022 | प्रीलिम्स बिट्स
एक जिला एक उत्पाद (ODOP) पहल को क्रियात्मक रूप से ‘डिस्ट्रिक्ट्स एज़ एक्सपोर्ट हब (DEH)’ पहल के साथ विलय भारतीय पशु कल्याण बोर्ड: इसका अधिदेश क्या है? एनएसए की भारत-मध्य एशिया पहली बैठक: क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए महत्व? भारत के राष्ट्रीय प्रतीक, उनका महत्व, प्रासंगिकता एवं अर्थ

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *