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ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट 2023 भारत के बारे में क्या कहती है?: ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी वार्षिक ”वर्ल्ड रिपोर्ट 2023” प्रकाशित की है। इसने भारत सरकार एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की यह कहते हुए आलोचना की कि वे सुविचारित रूप से ऐसे कानून एवं नीतियां बना रहे हैं जो धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों के प्रति भेदभावपूर्ण हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच रिपोर्ट 2023 ने असहमति एवं स्वतंत्र अभिव्यक्ति के दमन तथा “धार्मिक अल्पसंख्यकों के विरुद्ध व्यवस्थित भेदभाव” में भारत की तुलना चीन से की है।
ह्यूमन राइट्स वॉच क्या है? ह्यूमन राइट्स वॉच अमेरिका स्थित एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) है जो विश्व के सभी भागों में मानवाधिकारों के होने वाले हनन की जांच तथा रिपोर्ट करता है। यह आमतौर पर चीजों को देखने की पश्चिमी विचारधारा को प्रस्तुत करता है। यह प्रत्येक वर्ष संपूर्ण विश्व में मानवाधिकारों के उल्लंघन को उजागर करने के लिए ”विश्व रिपोर्ट” प्रकाशित करता है।
प्रसंग
- अमेरिका स्थित गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ह्यूमन राइट्स वॉच ने हाल ही में अपनी वार्षिक रिपोर्ट ”वर्ल्ड रिपोर्ट 2023” प्रकाशित की है।
- ह्यूमन राइट्स वॉच ने 100 से अधिक देशों एवं क्षेत्रों में मानवाधिकारों की स्थिति पर अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की है।
- ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी वार्षिक विश्व रिपोर्ट में कहा है कि संपूर्ण विश्व में अधिनायकवाद “मानव पीड़ा के समुद्र” की ओर ले जा रहा है।
- 712 पन्नों की रिपोर्ट ने अफगानिस्तान में महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए नागरिक स्वतंत्रता के साथ-साथ युद्धग्रस्त यूक्रेन में मानवाधिकारों की गिरावट पर प्रकाश डाला एवं संपूर्ण विश्व की सरकारों को नागरिक स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए और अधिक करने के लिए कहा गया।
भारत पर ह्यूमन राइट्स वॉच रिपोर्ट 2023
- ह्यूमन राइट्स वॉच रिपोर्ट (एचआरडब्ल्यू) ने कहा कि भारत सरकार ने 2022 में कर छापों, वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों एवं एफसीआरए के उपयोग के माध्यम से अधिकार समूहों को चिंतित करते हुए कार्यकर्ता समूहों एवं मीडिया पर अपनी कार्रवाई को “गहन तथा व्यापक” किया था।
- इसने कहा, अनेक भाजपा शासित राज्यों में अधिकारियों ने कानूनी प्राधिकरण या सम्यक प्रक्रिया के बिना विरोध या कथित अपराधों के लिए संक्षिप्त दंड के रूप में मुस्लिमों के घरों एवं संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया।
- इसने कहा, अधिकारियों ने कार्यकर्ताओं, पत्रकारों एवं सरकार के अन्य आलोचकों को आतंकवाद सहित दुर्भावनापूर्ण एवं “राजनीतिक रूप से प्रेरित” आपराधिक आरोपों पर गिरफ्तार किया।
- इसने कहा, अधिकारियों ने ईसाइयों, विशेष रूप से दलित एवं आदिवासी समुदायों को लक्षित करने के लिए जबरन धर्म परिवर्तन के नाम पर कानूनों का “दुरुपयोग” भी किया”।
- इसमें बिलकिस बानो मामले का उल्लेख किया गया एवं कहा गया कि बिलकिस बानो के सामूहिक बलात्कार तथा उसके परिवार के 14 सदस्यों की हत्या के लिए दोषी ठहराए गए एवं आजीवन कारावास की सजा पाए 11 लोगों की रिहाई ने महिलाओं के प्रति हिंसा के मामलों में भी अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति सरकार के भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण को उजागर किया।
- इसमें कहा गया है, जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के 3 वर्ष पश्चात भी सरकार वहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्ण सभा एवं अन्य बुनियादी अधिकारों पर रोक लगाती रही।
- ह्यूमन राइट्स वॉच रिपोर्ट 2023 में कहा गया है कि मानवाधिकार समूहों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं गैर-सरकारी संगठनों को पूरे देश में अधिकारियों द्वारा कर छापे, विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट/एफसीआरए) के उपयोग एवं वित्तीय अनियमितताओं के अन्य आरोपों के माध्यम से परेशान किया गया था।
- रिपोर्ट ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उठाए गए उदार कदमों की सराहना की, जिसमें राजद्रोह कानून के उपयोग को रोकने के फैसले को सम्मिलित किया गया था, जिसका सरकार एवं उसकी नीतियों के आलोचकों को गिरफ्तार करने के लिए दुरुपयोग किया गया था। इसने निम्नलिखित की सराहना भी की:
- वैवाहिक स्थिति पर विचार किए बिना सभी महिलाओं को गर्भपात के अधिकार का विस्तार करने से संबंधित न्यायालय का निर्णय।
- न्यायालय ने यौन हमले से बचे लोगों की सुरक्षा के लिए टू-फिंगर टेस्ट पर रोक लगा दी।
- रिपोर्ट ने कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लिम महिला छात्रों को हिजाब, या हेड स्कार्फ पहनने अथवा ना पहनने से संबंधित फैसले के लिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय की भी आलोचना की।
एचआरडब्ल्यू रिपोर्ट 2023 हमारे पड़ोसी देशों के संदर्भ में क्या कहती है?
श्रीलंका के संदर्भ में
- श्रीलंका के संदर्भ में, इसने कहा कि 2022 में राष्ट्रपतियों को बदलने से देश के मानवाधिकार रिकॉर्ड में कोई सुधार नहीं हुआ है।
- नए राष्ट्रपति, रानिल विक्रमसिंघे द्वारा बड़े पैमाने पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों पर कठोर कार्रवाई की गई, कार्यकर्ताओं को कैद कर लिया एवं विगत उल्लंघनों के लिए न्याय की अवहेलना की।
पाकिस्तान के संदर्भ में
- पाकिस्तानी अधिकारियों ने अल्पसंख्यकों एवं अन्य जोखिम वाले समूहों के अधिकारों की रक्षा करने में विफल रहते हुए, 2022 में मीडिया, नागरिक समाज समूहों एवं विपक्षी कार्यकर्ताओं पर अपना शिकंजा कस दिया है।
नेपाल के संदर्भ में
- नेपाली सरकार को संघर्ष-युग के अधिकारों के हनन के लिए न्याय का अनुसरण करना शेष था।
बांग्लादेश के संदर्भ में
- राजनीतिक विपक्षी सदस्यों के विरुद्ध बढ़ते हमलों के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा लगातार दुर्व्यवहार बांग्लादेश के 2023 के संसदीय चुनावों से पूर्व हिंसा एवं दमन के बारे में चिंता उत्पन्न करता है।
अफगानिस्तान के संदर्भ में
- अफगानिस्तान के संदर्भ में, एचआरडब्ल्यू ने कहा कि तालिबान अधिकारियों ने अगस्त 2021 में सत्ता संभालने के बाद से व्यापक रूप से ऐसे नियम तथा नीतियां लागू की हैं जो महिलाओं एवं बालिकाओं को उनके मूल अधिकारों से वंचित करती हैं एवं शांतिपूर्ण असंतोष को कुचलती हैं।
ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट 2023 कितनी विश्वसनीय है?
- 712 पृष्ठ की वर्ल्ड रिपोर्ट 2023, इसके 33वें संस्करण में, ह्यूमन राइट्स वॉच ने करीब 100 देशों में मानवाधिकार प्रथाओं की समीक्षा की है।
- किंतु, निस्संदेह यह कुछ हद तक आंशिक है एवं इसकी भाषा प्रायः अमेरिका के समान होती है। दूसरे, यह प्रायः अफ्रीकी देशों, एशियाई देशों एवं रूस की आलोचना करता है।
- भारत के मामले में भी यह देश की जमीनी वास्तविकता को समझे बिना सिर्फ एकपक्षीय कहानी (वामपंथी मानसिकता पर आधारित) प्रस्तुत कर रहा है। कश्मीर, अल्पसंख्यकों के अधिकार, दुर्व्यवहार एवं सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर इसके विचार पूर्ण रूप से भ्रामक हैं।
ह्यूमन राइट्स वर्ल्ड वॉच रिपोर्ट 2023 के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. विश्व रिपोर्ट 2023 को किसने प्रकाशित किया?
उत्तर. अमेरिका स्थित गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ह्यूमन राइट्स वॉच ने हाल ही में अपनी वार्षिक रिपोर्ट ”वर्ल्ड रिपोर्ट 2023” प्रकाशित की है।
प्र. ह्यूमन राइट्स वॉच क्या है?
उत्तर. ह्यूमन राइट्स वॉच अमेरिका स्थित एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) है जो विश्व के सभी भागों में होने वाले मानवाधिकारों के हनन की जांच एवं रिपोर्ट करता है।



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