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हरित वित्त (ग्रीन फाइनेंस) 

ग्रीन फाइनेंस- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • सामान्य अध्ययन III- पर्यावरण से संबंधित मुद्दे।

हरित वित्त (ग्रीन फाइनेंस) _3.1

हरित वित्त: संदर्भ

  • एक मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए जलवायु परिवर्तन एवं हरित वित्त को नीति में शामिल करना महत्वपूर्ण है।

 

ग्रीन फाइनेंस क्या है?

  • हरित वित्त एक ऐसी परिघटना है जो पर्यावरण के अनुकूल व्यवहार के साथ वित्त एवं व्यापार की दुनिया को जोड़ती है।
  • इसका नेतृत्व वित्तीय प्रोत्साहन, ग्रह को संरक्षित करने की इच्छा अथवा दोनों के संयोजन से हो सकता है।
  • अग्रसक्रिय, पर्यावरण के अनुकूल व्यवहार का प्रदर्शन करने के अतिरिक्त, जैसे किसी भी व्यवसाय या गतिविधि को बढ़ावा देना जो अभी या आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकता है।

 

हरित वित्त के साधन/ग्रीन फाइनेंस इंस्ट्रूमेंट्स

  • अंतरराष्ट्रीय एवं घरेलू पूंजी को एक साथ जोड़कर हरित निवेश को प्रेरण देकर बढ़ाने हेतु एक “ग्रीन सुपर फंड” की स्थापना की जा सकती है।
  • सार्वभौम हरित ऋण पत्र (सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड/SGB): सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड एक नवीन विचार है। यह सरकार के ऋण कार्यक्रम का एक हिस्सा होगा। सरकार का सकल ऋण कार्यक्रम 14.95 लाख करोड़ रुपये आकलित किया गया है। बढ़ाया गया SGB (सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड) कुल ऋण कार्यक्रम का हिस्सा होगा एवं इसका उपयोग उन परियोजनाओं के लिए किया जाना है जो पर्यावरण, सामाजिक एवं शासन (एनवायरनमेंट, सोशल एंड गवर्नेंस/ESG) के अनुरूप हैं।

 

वित्तीय प्रणाली को हरित करने के लिए नेटवर्क

  • वित्तीय प्रणाली को हरित करने हेतु नेटवर्क 114 केंद्रीय बैंकों एवं वित्तीय पर्यवेक्षकों का एक नेटवर्क है जिसका उद्देश्य हरित वित्त के विस्तार में गति लाना तथा जलवायु परिवर्तन के लिए केंद्रीय बैंकों की भूमिका  हेतु संस्तुतियां विकसित करना है।
  • वित्तीय प्रणाली को हरित करने हेतु नेटवर्क (द नेटवर्क फॉर ग्रीनिंग द फाइनेंशियल सिस्टम/एनजीएफएस) 2017 में निर्मित किया गया था  तथा इसके सचिवालय की मेजबानी बांके डी फ्रांस द्वारा की जाती है।
  • नेटवर्क का उद्देश्य पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु आवश्यक वैश्विक प्रतिक्रिया को सुदृढ़ करने एवं जोखिमों के प्रबंधन के लिए वित्तीय प्रणाली की भूमिका में वृद्धि करने तथा पर्यावरणीय रूप से सतत विकास के व्यापक संदर्भ में हरित एवं निम्न कार्बन निवेश के लिए पूंजी जुटाने में सहायता करना है।

 

महत्व

  • निवल-शून्य उत्सर्जन एवं अन्य जलवायु-संबंधी तथा पर्यावरणीय लक्ष्यों तक पहुँचने के लिए अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में विकार्बनीकरण (डीकार्बोनाइजेशन) एवं नवाचार को सक्षम करने के लिए महत्वपूर्ण निवेश की आवश्यकता होगी। इन निवेशों को साकार करने के लिए वित्तीय प्रणाली को हरित बनाना महत्वपूर्ण है।
  • हरित वित्त पहल का उद्देश्य 2030 सतत विकास लक्ष्यों (सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स/एसडीजी) को प्राप्त करना है, जो शेयरधारकों (आर्थिक) के लिए मूल्य निर्माण लेकर हितधारकों (आर्थिक, पर्यावरण एवं सामाजिक) के लिए मूल्य निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
  • जैसे ही हम महामारी से उबरना शुरू करते हैं, हरित वित्त नवीन व्यवसायों एवं नौकरियों का सृजन करते हुए, एक हरित भविष्य के साथ वापस निर्माण करने का एक बड़ा अवसर प्रस्तुत करता है।
  • अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में सुदृढ़ एवं हरित विकास का समर्थन करता है।

 

हरित वित्त के साथ मुद्दे

  • हरित वित्त पर प्रतिफल दीर्घकालिक, अल्प मौद्रिक मूल्य एवं कई बार अमूर्त होता है, जिससे निजी हरित वित्त जुटाने के लिए वित्तीय प्रणाली की क्षमता, विशेष रूप से विकसित देशों में कठिन होती है।
  • भारत जैसे विकासशील देशों में विकास एवं निर्धनता उन्मूलन की चुनौतियां हैं, अतः मूलभूत  आवश्यकताओं को पूरा करने एवं भारी निवेश की आवश्यकता वाली हरित परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने हेतु संसाधनों का आवंटन एक चुनौती है।
  • अनेक देशों में, हरित वित्त एवं अधिकांश हरित परियोजनाएं नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश तक सीमित हैं।
  • भारत को कोयला प्रौद्योगिकी को हरित करने की आवश्यकता है जो अधिकांश विकसित देशों में निजी  प्रतिभागियों तक सीमित है एवं आईपीआर के अधीन है।
  • हरित ऋण पत्र (ग्रीन बॉन्ड) को नवीन माना जाता है एवं इसमें अधिक जोखिम संलग्न होता है तथा उनकी अवधि भी छोटी होती है। उन्हें निवेश स्तर का बनाने के लिए जोखिम कम करने की आवश्यकता है।

 

आगे की राह 

  • हमारा भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम अपनी पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान किस प्रकार करते हैं।
  • इसके अतिरिक्त, हम विश्व के तीसरे सर्वाधिक वृहद कार्बन उत्सर्जक हैं एवं ग्रह को निम्न कार्बन प्रक्षेपवक्र में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। सीधे शब्दों में कहें तो हमें हरित सीमा तक पहुंचने के लिए अपनी अर्थव्यवस्था को तत्काल रूपांतरित करना होगा।

 

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