Home   »   Tackling Air Pollution: Commission for Air...   »   ग्रेडेड एक्शन रेस्पांस प्लान

ग्रेडेड एक्शन रेस्पांस प्लान

ग्रेडेड एक्शन रेस्पांस प्लान: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन।

 

ग्रेडेड एक्शन रेस्पांस प्लान: प्रसंग

  • हाल ही में, दिल्ली-एनसीआर एवं आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की एक उप समिति ने इस क्षेत्र में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने हेतु कुछ कदम सुझाए हैं।

ग्रेडेड एक्शन रेस्पांस प्लान_3.1

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी हेतु निशुल्क वीडियो प्राप्त कीजिए एवं आईएएस/ आईपीएस/ आईआरएस बनने के अपने सपने को साकार कीजिए

 

ग्रेडेड एक्शन रेस्पांस प्लान: मुख्य बिंदु

  • दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में डीजल जनित्र (जनरेटर) पर प्रतिबंध एवं कोयले से चलने वाले ओवन के उपयोग जैसे प्रतिबंध 15 अक्टूबर से, उस समय की वायु की गुणवत्ता पर विचार किए बिना प्रारंभ होने चाहिए।
  • साथ ही नियमित मशीनीकृत सफाई जैसी गतिविधियां भी प्रारंभ की जानी चाहिए।
  • समिति ने यह भी सिफारिश की कि ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के सभी ‘अपर्याप्त’ एवं कुछ ‘ अत्यंत अपर्याप्त’  नवाचारों को सक्रिय किया जाए।
  • इसने यह भी सिफारिश की कि ‘अत्यंत अपर्याप्त’ श्रेणी के अंतर्गत कुछ कार्रवाइयां भी 15 अक्टूबर से प्रारंभ होनी चाहिए, यद्यपि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के एनसीआर में ‘संतोषजनक’ से ‘मध्यम’ श्रेणी में रहने की संभावना है। .

देश का प्रथम स्मॉग टावर

ग्रेडेड एक्शन रेस्पांस प्लान के बारे में

  • ग्रैप आपातकालीन कार्यवाहियों का एक समूह है जिसे 2016 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुमोदित किया गया था।
  • यह तब प्रभावी होता है जब दिल्ली एवं एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) कुछ निश्चित सीमाओं का उल्लंघन करता है।
  • इस तरह, योजना में औद्योगिक, वाहनों एवं दहन उत्सर्जन से निपटने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा पूरे वर्ष की जाने वाली कार्रवाई सम्मिलित नहीं है।

 

ग्रैप: दो सफलताएं

  • इसने संपूर्ण दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के लिए चरणबद्ध योजना निर्मित की है।
  • इसने अनेक अभिकरणों: सभी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, औद्योगिक क्षेत्र प्राधिकरण, नगर निगम, भारत मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी, अन्य को शामिल किया है।

वैश्विक मीथेन संकल्प

ग्रैप ने किस प्रकार सहायता की है?

  • उत्तरदायित्व सुनिश्चित किया: एक विशेष वायु गुणवत्ता श्रेणी के अंतर्गत की जाने वाली कार्यपालक कार्रवाइयां स्पष्ट रूप से चिन्हित की गई हैं।
    • चार राज्यों-दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा एवं राजस्थान की 13 एजेंसियों के मध्य समन्वय को उत्तरदायित्व के स्पष्ट सीमांकन के कारण एक सीमा तक सरल बनाया गया है।
  • तीन प्रमुख नीतिगत निर्णय:
    • बदरपुर में ताप विद्युत संयंत्र को बंद करना
    • प्रारंभ में निर्धारित समय सीमा से पूर्व दिल्ली में बीएस-VI ईंधन लाना
    • दिल्ली-एनसीआर में ईंधन के रूप में पेट कोक पर प्रतिबंध।
  • ईपीसीए का प्रारंभिक अधिदेश यह सुनिश्चित करना था कि दिल्ली की बस एवं ऑटो बेड़ा पूर्ण रूप से सीएनजी द्वारा संचालित हो – एक विशाल कार्य जिसने 2000 के दशक के अंत में दिल्ली की वायु को स्वच्छ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

डब्ल्यूएचओ वैश्विक वायु गुणवत्ता दिशा निर्देश 2021

ग्रैप कार्यवाहियां

 

गंभीरता प्रदूषण स्तर कार्यवाही
गंभीर + या आपातकालीन 2.5 पीएम 300 माइक्रोग्राम/घन मीटर से अधिक या 10 पीएम 500 माइक्रोग्राम/घन मीटर से अधिक। 48+ घंटे के लिए
  • दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश बंद करना
  • निर्माण कार्य बंद करना
  • निजी वाहनों के लिए सम-विषम योजना लागू करना।
  • विद्यालयों को बंद करने सहित कोई अतिरिक्त कदम निर्धारित करने हेतु कार्य बल।

 

गंभीर

 

2.5 पीएम 250 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक। या 10 पीएम 430 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक।
  • ईंट भट्ठों, हॉट मिक्स प्लांट, स्टोन क्रशर को बंद कर दें।
  • प्राकृतिक गैस से ऊर्जा उत्पादन को अधिकतम करें।
  • विभेदक दरों के साथ सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करें।
  • सड़क की मशीनीकृत सफाई  एवं जल के छिड़काव का अधिकाधिक प्रयोग।
बहुत खराब 2.5 पीएम 121-250 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर या 10 पीएम 351-430 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर।
  • डीजल जनरेटर सेट का उपयोग बंद करें
  • पार्किंग शुल्क में 3-4 गुना वृद्धि करें
  • बस एवं मेट्रो सेवाओं को बढ़ाएं।
  • अपार्टमेंट के मालिकों को सर्दियों में आग जलाने को हतोत्साहित करें।
  • श्वसन एवं हृदय की स्थिति वाले लोगों को बाहरी आवाजाही को प्रतिबंधित करने की सलाह।
मध्यम से खराब 2.5पीएम  61-120 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर या 10 पीएम 101-350 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर ।
  • कूड़ा जलाने पर भारी जुर्माना
  • ईंट भट्ठों एवं उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण नियमों को लागू करना।
  • भारी यातायात एवं पानी के छिड़काव के साथ सड़कों पर मशीनीकृत सफाई।
  • पटाखों पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करें।

स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार

 

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *