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प्रासंगिकता
- जीएस 2: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र / सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।
प्रसंग
- हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मेनिन्जाइटिस को पराजित करने हेतु प्रथम वैश्विक रणनीति आरंभ की – एक दुर्बल करने वाला रोग जो प्रत्येक वर्ष सैकड़ों हजारों लोगों की मृत्यु का कारण बनता है।

मुख्य बिंदु
- 2030 तक मेनिनजाइटिस को पराजित करने हेतु वैश्विक दिशा निर्देश, मेनिन्जाइटिस की रोकथाम एवं नियंत्रण में शामिल भागीदारों के एक व्यापक गठबंधन द्वारा आरंभ किया गया था।
- इसका ध्यान-केंद्र संक्रमणों को रोकने एवं प्रभावित व्यक्तियों की देखभाल तथा निदान में सुधार लाने पर है।
मेनिनजाइटिस
- मेनिनजाइटिस (दिमागी बुखार) सामान्य तौर पर एक विषाणु संक्रमण के कारण होता है, किंतु यह जीवाणु अथवा कवक के कारण भी हो सकता है। टीके मेनिन्जाइटिस के कुछ रूपों की रोकथाम कर सकते हैं।
- यह एक वर्ष में लगभग 2, 50000 मौतों का कारण बन रहा है, और एवं तीव्र गति से प्रसारित होने वाली महामारी का कारण बन सकता है।
- यह संक्रमित व्यक्तियों में से 10 में से 1 की मृत्यु का कारण बनता है – अधिकांशतः बच्चे एवं युवा – तथा 5 में से 1 को लंबे समय तक चलने वाली विकलांगता के साथ छोड़ देता है।
- लक्षण: लक्षणों में सिरदर्द, बुखार तथा गर्दन में अकड़न शामिल हैं।
- कारण के आधार पर, मेनिन्जाइटिस स्वयं ठीक हो सकता है अथवा यह जीवन के लिए खतरा हो सकता है, जिसके लिए तत्काल प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक) उपचार की आवश्यकता होती है।
कदम उठाने की आवश्यकता है
- टीकों जैसे मौजूदा उपकरणों तक पहुंच का विस्तार करना।
- रोग के विभिन्न कारणों को रोकने, उनका पता लगाने तथा उनका उपचार करने हेतु नवीन अनुसंधान एवं नवाचार का नेतृत्व करना।
- इस रोग से प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास में सुधार लाना।
आयुष्मान भारत- पीएम जन आरोग्य योजना
मेनिनजाइटिस की व्यापकता
- विगत दस वर्षों में, विश्व के सभी क्षेत्रों में, यद्यपि अधिकांशतः ‘मेनिनजाइटिस पट्टी’ में मेनिन्जाइटिस महामारी का प्रकोप हुआ है।
- मेनिनजाइटिस बेल्ट: यह उप-सहारा अफ्रीका के 26 देशों में फैली हुई है।
- ये महामारियां अप्रत्याशित हैं, ये स्वास्थ्य प्रणालियों को गंभीर रूप से बाधित कर सकती हैं, एवं परिवारों तथा समुदायों के लिए निर्धनता उत्पन्न करने वाले विनाशकारी व्यय उत्पन्न कर सकती हैं।
मेनिनजाइटिस का टीका
- कई टीके मेनिन्जाइटिस से बचाव करते हैं, जिनमें मेनिंगोकोकल, हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी एवं न्यूमोकोकल टीके शामिल हैं।
- यद्यपि, सभी समुदायों के पास इन जीवन रक्षक टीकों तक पहुंच नहीं है, एवं अनेक देशों ने अभी तक इन्हें अपने राष्ट्रीय कार्यक्रमों में शामिल नहीं किया है।
कुत्ते के माध्यम से होने वाले वाले रेबीज उन्मूलन हेतु राष्ट्रीय कार्य योजना
वैश्विक रोडमैप की प्राथमिकताएं
- उच्च टीकाकरण आच्छादन (कवरेज) की उपलब्धि, नए किफायती टीकों का विकास, एवं बेहतर रोकथाम रणनीतियों तथा प्रकोप प्रतिक्रिया;
- रोगियों के लिए त्वरित निदान एवं इष्टतम उपचार;
- रोकथाम एवं नियंत्रण के प्रयासों का मार्गदर्शन करने हेतु उचित आंकड़े;
- प्रभावित व्यक्तियों की देखभाल एवं सहायता, शीघ्र पहचान पर ध्यान केंद्रित करना तथा देखभाल हेतु बेहतर पहुंच एवं बाद के प्रभावों के लिए सहायता, एवं
- मेनिनजाइटिस के बारे में उच्च जागरूकता, राष्ट्रीय योजनाओं के प्रति उत्तरदायित्व एवं रोकथाम, देखभाल तथा देखभाल के बाद सेवाओं के अधिकार की पुष्टि सुनिश्चित करने हेतु पक्ष पोषण एवं अभिपुष्टि।
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी)
लक्ष्य
- 2030 तक बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस की महामारी को समाप्त करना।
- मृत्यु दर को 70% तक कम करना एवं 2030 तक मामलों की संख्या को आधा करना।
- रणनीति वार्षिक 200,000 से अधिक व्यक्तियों की जान बचा सकती है एवं रोग के कारण होने वाली विकलांगता को काफी हद तक कम कर सकती है।


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