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यूपीएससी परीक्षा 22 दिसंबर 2022 के लिए दैनिक समसामयिकी |प्रीलिम्स बिट्स

यूपीएससी परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी 22 दिसंबर 2022: यूपीएससी परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवारों को यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा विशिष्ट हेतु सर्वाधिक महत्वपूर्ण दैनिक समसामयिकी के साथ अद्यतन करने के सिद्धांत पर आधारित हैं। यूपीएससी के अभ्यर्थियों के कीमती समय को बचाने के लिए ये डेली करेंट अफेयर्स बिट फॉर्म/संक्षिप्त रूप में तैयार किए गए हैं।

यूपीएससी परीक्षा 22 दिसंबर 2022 के लिए दैनिक समसामयिकी |प्रीलिम्स बिट्स_3.1

एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी परियोजना अरनाला

 

चर्चा में क्यों है?

अरनाला, भारतीय नौसेना के लिए गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स, GRSE द्वारा निर्मित ASW SWC प्रोजेक्ट का प्रथम जलपोत, 20 दिसंबर को कट्टूपल्ली, चेन्नई में लॉन्च किया गया था।

आईएनएस अरनाला क्या है?

  • आईएनएस अरनाला आठ स्वदेश निर्मित एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW-SWC) में से  प्रथम है।
  • इन जलपोतों में 25 समुद्री मील की अधिकतम गति एवं 1800 समुद्री मील (नॉटिकल माइल/NM) की सहनशक्ति के साथ 900 टन की विस्थापन क्षमता है।

इसका नाम अरनालाक्यों रखा

  • महान मराठा योद्धा, छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा महाराष्ट्र के वसई से लगभग 13 किलोमीटर उत्तर में स्थित अरनाला द्वीप को दिए गए रणनीतिक समुद्री महत्व को प्रदर्शित करने हेतु जलपोत का नाम अरनाला रखा गया है।

अरनाला का निर्माण किसने किया था?

  • अप्रैल 2019 में आठ ASW SWC जलपोतों के निर्माण के अनुबंध पर रक्षा मंत्रालय एवं GRSE, कोलकाता के मध्य हस्ताक्षर किए गए थे।
  • ASW SWC जलपोतों में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी, यह सुनिश्चित करते हुए कि भारतीय विनिर्माण इकाइयों द्वारा बड़े पैमाने पर रक्षा उत्पादन निष्पादित किया जाता है।
  • यह देश के भीतर रोजगार एवं क्षमता निर्माण का सृजन करेगा।

उद्देश्य क्या है?

  • तटीय जल में उपसतह निगरानी सहित तटीय समुद्रों एवं कम गहनता वाले समुद्री संचालन (लो इंटेंसिटी मैरीटाइम ऑपरेशंस/एलआईएमओ) में पनडुब्बी रोधी संचालन करने हेतु।
  • जलपोतों की अरनाला श्रेणी भारतीय नौसेना के अभय वर्ग एएसडब्ल्यू जलपोतों का स्थान लेगी एवं तटीय  समुद्रों में पनडुब्बी रोधी संचालन तथा तटीय समुद्रों में उपसतह निगरानी सहित कम गहनता वाले समुद्री संचालन के लिए डिज़ाइन की गई है।

 

 

चिल्लई कलां

 

चिल्लई कलां चर्चा में क्यों है?

  • मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के अनुसार, राजधानी शहर में मंगलवार एवं बुधवार की मध्यवर्ती रात्रि को शून्य से 4.2 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान के साथ मौसम की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई।
  • संगीत है कि कश्मीर में 40 दिनों की सर्वाधिक कठोर शीत ऋतु की अवधि, “चिल्ला-ए-कलां” प्रारंभ हुई।

चिल्लई कलां क्या है?

  • कश्मीर में शीत ऋतु का सर्वाधिक गंभीर हिस्सा तीन भागों में बांटा जाता है जिन्हें चिल्लई कलां, चिल्लई खुर्द  तथा चिल्लई भाछे कहा जाता है।
  • चिल्लई कलां कठोर सर्दियों की चालीस दिनों की अवधि है जो 21 दिसंबर से प्रारंभ होती है एवं आगामी वर्ष 31 जनवरी को समाप्त होती है।
  • इस अवधि के दौरान, कश्मीर में मौसम शुष्क एवं ठंडा बना रहता है तथा न्यूनतम तापमान हिमांक बिंदु से नीचे बना रहता है।

 

 

आई डेक्स

 

आई डेक्स चर्चा में क्यों है?

रक्षा मंत्रालय ने 21 दिसंबर 2022 को “iDEX” नामक एक ढांचे के तहत रक्षा नवाचार के लिए 150वें अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।

आई डेक्स क्या है?

  • रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार (इन्नोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस/आईडीईएक्स) रक्षा उत्पादन विभाग की प्रमुख पहल है एवं इसे रक्षा नवाचार में संलग्न स्टार्ट-अप तथा ऐसी अन्य संस्थाओं को प्रोत्साहित करने हेतु प्रारंभ किया गया था।
  • iDEX को 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विमोचित किया गया था।
  • iDEX ने 26 जुलाई, 2022 को अपने 100वें अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के पांच माह के भीतर मील का पत्थर हासिल किया।
  • अब तक, iDEX को DISC, Prime एवं OC के तहत व्यक्तिगत नवोन्मेषक,  लघु एवं मध्यम इकाइयों (MSMEs) तथा स्टार्ट-अप्स से 6,500 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। यह हजारों नौकरियां उत्पन्न करने एवं भारत की प्रतिभा को वापस देश में आकर्षित करने में भी सक्षम रहा है।
  • iDEX, त्रि-सेवाओं, रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम (DPSUs),  सूक्ष्म लघु एवं मध्यम इकाइयों (MSMEs) एवं स्टार्ट-अप्स के सहयोग से, भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी उत्पादों को विकसित करने का प्रयास कर रहा है एवं आगामी 25 वर्षों में भारत को वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र में रूपांतरित करने हेतु 5 बिलियन अमरीकी डालर अर्थात 40,000 करोड़ रुपये के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रयासरत है।

 

 

 टीवीएस-2 एम कोटि का ईंधन

 

टीवीएस-2 एम चर्चा में क्यों है?

रूस ने कुडनकुलम में यूनिट 1 एवं 2 में रिएक्टरों में उपयोग के लिए यूटीवीएस प्रकार के ईंधन के स्थान पर टीवीएस-2एम प्रकार के अधिक उन्नत ईंधन की पहली खेप भेजी है।

टीवीएस-2 एम कोटि का ईंधन क्या है?

  • टीवीएस-2 एम FAs में गैडोलीनियम-ऑक्साइड होता है जो यूरेनियम-235 संवर्धन के साथ मिश्रित होता है।
  •  केंद्र में BARs (बर्नेबल एब्सॉर्बर्स रॉड्स) नहीं होते हैं।
  • इस ईंधन में 18 माह का ईंधन चक्र होता है, जिसका अर्थ है कि रिएक्टर को प्रत्येक डेढ़ वर्ष में ताजा ईंधन लोड करने के लिए रोकना पड़ता है।
  • TVEL ने अब अधिक आधुनिक उन्नत प्रौद्योगिकी ईंधन (एडवांस्ड टेक्नोलॉजी फ्यूल/ATF) की पेशकश की है, जिसका ईंधन चक्र 24 माह का है।

 

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