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यूपीएससी के लिए दैनिक समसामयिकी 05 जनवरी 2023: हम आपके लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवारों को सर्वाधिक महत्वपूर्ण दैनिक यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा विशिष्ट समसामयिकी के साथ अद्यतन करने के सिद्धांत पर “यूपीएससी परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी” लाते हैं। ये दैनिक समसामयिकी हमारी टीम द्वारा यूपीएससी उम्मीदवारों के कीमती समय को बचाने के लिए बिट फॉर्म/संक्षिप्त रूप में तैयार किए गए हैं। आज के प्रीलिम्स बिट्स में हम नीचे दिए गए टॉपिक्स के लिए समसामयिकी बिट्स को कवर कर रहे हैं: श्री सिद्धेश्वर स्वामी, राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन, इंडियन/मामल्लपुरम नृत्य महोत्सव, सियोम ब्रिज।
श्री सिद्धेश्वर स्वामी
चर्चा में क्यों है?
हाल ही में, ज्ञानयोगश्रम के द्रष्टा एवं ‘उत्तरी कर्नाटक के सचल भगवान’ के रूप में जाने जाने वाले श्री सिद्धेश्वर स्वामी का निधन हो गया।
कौन थे श्री सिद्धेश्वर स्वामी?
- ज्ञानयोगी श्री सिद्धेश्वर स्वामी, जिन्हें प्रायः ‘उत्तरी कर्नाटक के सचल भगवान‘ के रूप में जाना जाता है, का जन्म एवं पालन-पोषण कर्नाटक के बिज्जारगी, विजयपुरा में हुआ था।
- उन्हें प्यार से बुड्डीजी भी कहा जाता था।
- उन्हें उनके गुरु, वेदांत केसरी श्री मल्लिकार्जुन महाशिव योगी द्वारा गणित के द्रष्टा के रूप में नियुक्त किया गया था।
- ज्ञानयोगाश्रम के अनुसार, 14 वर्ष की अल्पायु में, स्वामीजी को आध्यात्मिक आह्वान प्राप्त हुआ तथा शीघ्र ही वे श्री मल्लिकार्जुन स्वामीजी के शिष्यत्व में आ गए।
- विशेष रूप से, 2018 में सिद्धेश्वर स्वामी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर पद्मश्री पुरस्कार स्वीकार करने से इनकार कर दिया था, जो उन्हें प्रदान किया गया था। सिद्धेश्वर स्वामी के पत्र के अनुसार, “मुझे उपाधियों की आवश्यकता नहीं है, मैं एक सन्यासी हूं।”
- स्वामीजी ने उपनिषद, गीता, शरण दर्शन एवं सामान्य आध्यात्मिकता पर अनेक पुस्तकों की रचना की है। सिद्धांत शिखामणि, अल्लमप्रभु का वचन निर्वचन एवं भगवद चिंतन (दिव्यता के प्रतिबिंब) उनकी कुछ प्रमुख रचनाएँ हैं। उन्होंने अंग्रेजी भाषा में भी पुस्तकों की रचनाएं की हैं।
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन
चर्चा में क्यों है?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 4 जनवरी को राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को अपनी स्वीकृति प्रदान की है, जिसका उद्देश्य भारत को हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए वैश्विक केंद्र बनाना है।
पृष्ठभूमि
- कार्बन उत्सर्जन में कटौती एवं ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों के उपयोग में वृद्धि करने के उद्देश्य से 15 अगस्त, 2021 को राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन का शुभारंभ किया गया था।
- मिशन का उद्देश्य सरकार को अपने जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने एवं भारत को हरित हाइड्रोजन केंद्र बनाने में सहायता करना है।
- इससे 2030 तक 5 मिलियन टन हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लक्ष्य को पूरा करने एवं नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के संबंधित विकास में सहायता मिलेगी।
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन पर प्रीलिम्स बिट्स
- राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन 2030 तक देश में लगभग 125 गीगा वाट की संबद्ध नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वृद्धि के साथ प्रति वर्ष कम से कम 5 MMT (मिलियन मीट्रिक टन) की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता के विकास को प्रोत्साहित करना चाहता है।
- नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी/एमएनआरई) कार्यान्वयन के लिए योजना दिशानिर्देश तैयार करेगा।
हरित हाइड्रोजन क्या है?
- जीवाश्म ईंधन को प्रतिस्थापित करने हेतु हाइड्रोजन एवं अमोनिया को भविष्य के ईंधन के रूप में परिकल्पित किया गया है।
- नवीकरणीय ऊर्जा से ऊर्जा का उपयोग करके इन ईंधनों का उत्पादन, जिसे हरित हाइड्रोजन एवं हरित अमोनिया कहा जाता है, राष्ट्र की पर्यावरण की दृष्टि से सतत ऊर्जा सुरक्षा की प्रमुख आवश्यकताओं में से एक है।
- हरित हाइड्रोजन जल के विद्युत अपघट्य (इलेक्ट्रोलिसिस)- इसे प्राप्त करने के लिए नवीकरणीय शक्ति का उपयोग करके जल को हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन में विखंडित करने हेतु एक ऊर्जा-गहन प्रक्रिया के माध्यम से उत्पादित हाइड्रोजन गैस है।
- भारत सरकार जीवाश्म ईंधन/जीवाश्म ईंधन-आधारित फीडस्टॉक्स से हरित हाइड्रोजन/हरित अमोनिया में परिवर्तन की सुविधा के लिए विभिन्न उपाय कर रही है।
सियोम ब्रिज
चर्चा में क्यों है?
03 जनवरी, 2022 को, रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन द्वारा पूरी की गई 27 अन्य आधारिक संरचना परियोजनाओं के साथ अरुणाचल प्रदेश में सियोम पुल का उद्घाटन किया।
सियोम ब्रिज के लिए प्रीलिम्स बिट्स
- अलोंग-यिंकिओनग रोड पर सियोम ब्रिज – एक 100 मीटर ‘क्लास-70’ स्टील आर्क सुपर स्ट्रक्चर।
- सियोम नदी ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी है।
- यह अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी सियांग जिले से होकर प्रवाहित होती है। रिपोर्टों में कहा गया है कि नदी पर नया पुल ऊपरी सियांग जिले एवं अलोंग (आलो) के माध्यम से आगे के लिए संपर्क में सुधार करेगा।
- सियोम ब्रिज ऊपरी सियांग जिले के अग्रवर्ती इलाकों, वास्तविक नियंत्रण रेखा (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल/एलएसी) के साथ तुतिंग एवं यिंकिओनग क्षेत्रों में सैनिकों, हॉवित्जर तथा मशीनीकृत वाहनों जैसे भारी उपकरणों को तेजी से शामिल करने की सुविधा प्रदान करेगा।
भारतीय/मामल्लपुरम नृत्य महोत्सव 2022-23
चर्चा में क्यों है?
भारतीय नृत्य महोत्सव 2022-23 मामल्लपुरम में शोर मंदिर में 23 दिसंबर, 2022 से 12 जनवरी, 2023 तक आयोजित किया जा रहा है।
प्रीलिम्स बिट्स
- जब यह महोत्सव प्रथम बार 1992 में आयोजित किया गया था, तो इस उत्सव को मामल्लपुरम नृत्य महोत्सव कहा जाता था; बाद में, इसका नाम बदलकर भारतीय नृत्य महोत्सव (इंडियन डांस फेस्टिवल) कर दिया गया।
- संपूर्ण भारत के प्रसिद्ध पेशेवर शास्त्रीय नृत्य कलाकार इस प्रमुख कार्यक्रम में प्रस्तुति देने के लिए एकत्रित होते हैं।
- तमिलनाडु सरकार का पर्यटन विभाग प्रत्येक वर्ष इस उत्सव का आयोजन करता है।
- मयिलट्टम, करगम, कवाड़ी, थप्पत्तम एवं ओयिलट्टम जैसे पारंपरिक लोक कला रूपों के साथ-साथ भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी एवं कथक जैसी शास्त्रीय कलाओं को उत्सव में प्रदर्शित किया जाता है।
- यह त्योहार विभिन्न नृत्य रूपों की महिमा का उत्सव मनाता है तथा इसमें सम्मिलित होने वाले सभी लोगों में उत्साह का बीज भर देता है।
- त्योहार “अर्जुन तपस्या” के आसपास के क्षेत्र में आयोजित किया जाता है, जो तट (शोर) मंदिर में एक ऐतिहासिक मूर्तिकला है जिसकी उत्पत्ति सातवीं शताब्दी के मध्य की है।
- यह शहर के सर्वाधिक भव्य स्मारकों में से एक है। प्रत्येक शाम, देश भर के प्रमुख कलाकार दर्शकों के लिए एक रोमांचक अनुभव प्रदान करने के लिए मंच पर आते हैं।



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