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सीएसआईआर- जिज्ञासा कार्यक्रम- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां
- सरकार की नीतियां एवं विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए अंतःक्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
सीएसआईआर- जिज्ञासा कार्यक्रम चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, जिज्ञासा 2.0 कार्यक्रम के तहत चार दिवसीय “नवीकरणीय ईंधन के लिए जिज्ञासा” कार्यक्रम का आयोजन सिंधिया कन्या विद्यालय, ग्वालियर के ग्यारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए सफलतापूर्वक किया गया था।
- “नवीकरणीय ईंधन के लिए जिज्ञासा” कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य अखाद्य वनस्पति तेलों, प्रयुक्त खाद्य तेल एवं अपशिष्ट प्लास्टिक के विभिन्न प्रकार के ईंधनों के उपयोग के लिए विकसित विभिन्न प्रौद्योगिकियों के बारे में जानकारी देना है।
सीएसआईआर- जिज्ञासा कार्यक्रम
- जिज्ञासा कार्यक्रम के बारे में: जिज्ञासा कार्यक्रम प्लेटिनम जुबली वर्ष के दौरान की गई एक पहल है जो माननीय प्रधानमंत्री मोदी के नवीन भारत के दृष्टिकोण एवं सीएसआईआर के लिए वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व (साइंटिफिक सोशल रिस्पांसिबिलिटी/एसएसआर) से प्रेरणा के रूप में आई है।
- जिज्ञासा कार्यक्रम को सीएसआईआर- जिज्ञासा कार्यक्रम के रूप में भी जाना जाता है।
- उद्देश्य: जिज्ञासा का उद्देश्य विद्यालय जाने वाले छात्रों के लिए सुनियोजित अनुसंधान प्रयोगशाला आधारित शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करके कक्षा शिक्षण का विस्तार करना है।
- कार्यान्वयन: सीएसआईआर ने प्रथम चरण (2017-20) के दौरान केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) के सहयोग से जिज्ञासा कार्यक्रम लागू किया।
- दूसरे चरण में, जिज्ञासा 2.0 (वित्त वर्ष 2021 से) को आभासी प्रयोगशाला (वर्चुअल लैब) एकीकरण के साथ राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में विस्तारित किया गया है।
- प्रदर्शन: 2017 से, सीएसआईआर प्रयोगशालाओं द्वारा लगभग 981 जिज्ञासा कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
- 2019 तक महामारी के प्रारंभ तक करीब 300,000 स्कूली छात्रों, 15,000 शिक्षकों ने सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में जाकर विभिन्न आस्थिति मॉड्यूल में भाग लिया।
- हाल ही में, सीएसआईआर ने एआईएम-नीति आयोग के साथ मिलकर 249 एटीएल (अटल टिंकरिंग लैब) को अंगीकृत किया।
- महत्व: जिज्ञासा कार्यक्रम विद्यालय जाने वाले बच्चों के लिए राष्ट्रीय वैज्ञानिक स्थापनाओं का मार्ग प्रशस्त करने, सीएसआईआर वैज्ञानिक ज्ञान आधार एवं विद्यालय जाने वाले बच्चों द्वारा उपयोग की जाने वाली सुविधा को सक्षम करने की परिकल्पना करता है।
- जिज्ञासा कार्यक्रम जिज्ञासा एवं वैज्ञानिक प्रकृति की संस्कृति की व्याख्या करेगा।
- राष्ट्रीय स्तर पर सीएसआईआर जिज्ञासा कार्यक्रम के माध्यम से अपने वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व (एसएसआर) को और विस्तृत एवं गहन कर रहा है।
- सीएसआईआर- जिज्ञासा कार्यक्रम के तहत संबद्धता के मॉडल
- छात्र आवासीय कार्यक्रम
- वैज्ञानिक शिक्षक के रूप में एवं शिक्षक वैज्ञानिक के रूप में
- प्रयोगशाला विशिष्ट गतिविधियां / ऑनसाइट प्रयोग
- विद्यालयों/पहुंच कार्यक्रमों में वैज्ञानिकों का दौरा
- विज्ञान एवं गणित क्लब
- विद्यालयों में लोकप्रिय व्याख्यान श्रृंखला/प्रदर्शन कार्यक्रम
- छात्र शिक्षुता कार्यक्रम
- विज्ञान प्रदर्शनी
- राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की परियोजनाएं
- शिक्षक कार्यशाला
- टिंकरिंग प्रयोगशालाएं
जिज्ञासा कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएं
- ‘जिज्ञासा’ विद्यालय जाने वाले छात्रों एवं उनके शिक्षकों के मध्य एक तरफ जिज्ञासा की संस्कृति एवं दूसरी तरफ वैज्ञानिक सोच अंतर्निविष्ट करेगा।
- यह कार्यक्रम छात्रों एवं शिक्षकों को सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में जाकर तथा परियोजनाओं में भाग लेकर विज्ञान में सिखाई गई सैद्धांतिक अवधारणाओं को व्यावहारिक रूप से जीने में सक्षम करेगा।
- इस कार्यक्रम से 1151 केन्द्रीय विद्यालयों को सीएसआईआर की 38 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं से जोड़ने की संभावना है, जो प्रतिवर्ष 100,000 छात्रों एवं लगभग 1000 शिक्षकों को लक्षित करते हैं।
- विद्यालय जाने वाली छात्रों एवं वैज्ञानिकों को एक सुनियोजित अनुसंधान प्रयोगशाला आधारित शिक्षा के साथ छात्रों की कक्षा शिक्षण को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- यह छात्रों एवं शिक्षकों को सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में जाकर तथा लघु विज्ञान परियोजनाओं में भाग लेकर विज्ञान में सिखाई गई सैद्धांतिक अवधारणाओं को व्यावहारिक रूप से जीने में सक्षम बनाएगा।



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