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काट्सा (सीएएटीएसए) अधिनियम: प्रासंगिकता
जीएस 2: भारत के हितों, भारतीय प्रवासियों पर विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों एवं राजनीति का प्रभाव।
काट्सा (सीएएटीएसए) अधिनियम: प्रसंग
- हाल ही में, अमेरिका में सांसदों ने रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद के लिए भारत के लिए प्रतिबंधों में छूट हेतु पुनः अपना समर्थन व्यक्त किया।

काट्सा (सीएएटीएसए) अधिनियम: मुख्य बिंदु
- भारत नवंबर में एस-400 की डिलीवरी लेना प्रारंभ कर सकता है, जो 2017 के कानून, काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (सीएएटीएसए) के तहत अमेरिकी प्रतिबंधों को आमंत्रित कर सकता है।
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एस-400 प्रक्षेपास्त्र प्रणाली के बारे में
- एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली रूस की एक परिष्कृत वायु रक्षा तकनीक है।
- यह सशस्त्र बलों की वायु रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देने हेतु खतरों को ट्रैक करने एवं निष्प्रभावी करने में सक्षम है।
- एस-400 वायु रक्षा प्रणाली लक्ष्यीकरण प्रणाली, बहुक्रिया रडार, स्वायत्त संसूचन, विमान भेदी प्रक्षेपास्त्र प्रणाली, प्रक्षेपकों (लांचर) एवं एक समादेश एवं नियंत्रण (कमांड-एंड-कंट्रोल) केंद्र से सुसज्जित है।
- यह विमान, मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी), बैलिस्टिक एवं क्रूज मिसाइलों सहित हवाई लक्ष्यों को 30 किमी तक की ऊंचाई पर 400 किमी की सीमा के भीतर निशाना बनाने में सक्षम है एवं एक स्तरित रक्षा बनाने के लिए तीन प्रकार की मिसाइलों को दाग सकता है।
सीएएटीएसए के बारे में
- काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (सीएएटीएसए) एक संयुक्त राज्य संघीय कानून है जो ईरान, उत्तर कोरिया एवं रूस पर प्रतिबंध आरोपित करता है।
- यह अधिनियम प्रशासन को उन देशों पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार प्रदान करता है जो 2014 में रूस के क्रीमिया पर नियंत्रण स्थापित करने एवं 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में कथित हस्तक्षेप के प्रत्युत्तर में रूस से प्रमुख रक्षा हार्डवेयर का क्रय करते हैं।
- अधिनियम में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रपति निर्दिष्ट परिस्थितियों में प्रतिबंधों को लागू करने या जारी रखने में अस्थायी रूप से छूट प्रदान कर सकते हैं।
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भारत एवं एस-400 मिसाइल प्रणाली
- भारत ने 2018 में रूस के साथ अपनी रक्षा प्रणाली को संवर्धित करने हेतु एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाइयां क्रय करने हेतु 5 बिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
- इस आशंका के बावजूद कि इस खरीद से काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (सीएएटीएसए) के प्रतिबंधों को आकर्षित कर सकते हैं, भारत ने 2019 में रूस को लगभग 800 मिलियन डॉलर के भुगतान की प्रथम किस्त प्रदान की।
- भुगतान के पश्चात, भारत को ट्रंप प्रशासन से चेतावनी मिली थी कि यदि भारत इस अनुबंध के साथ आगे बढ़ता है तो उसे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
भारत पर प्रतिबंध लगाना अमेरिका के हित में क्यों नहीं है?
- आने वाले दशकों में भारत-अमेरिका संबंधों पर प्रतिबंधों का विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा।
- भारत की दृष्टि में, संयुक्त राज्य अमेरिका को एक बार फिर अविश्वसनीय माना जाएगा।
- प्रतिबंध भारत को ऐसे समय में रूस के करीब ले जाएंगे जब भारत ईरान समझौते से हटने के फैसले से जूझ रहा है-ईरान भारत का तीसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का आपूर्तिकर्ता है।


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