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वैविध्यपूर्ण व्यापार एवं निवेश समझौता: प्रासंगिकता
- जीएस 2: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह एवं भारत से जुड़े एवं / या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।
वैविध्यपूर्ण व्यापार एवं निवेश समझौता: प्रसंग
- हाल ही में, भारत एवं यूके ने द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश समझौतों (बीटीआईए) को पुनः प्रारंभ करने हेतु नियमित रूप से अंतःक्रिया करने का निर्णय लिया है।
वैविध्यपूर्ण व्यापार एवं निवेश समझौता: मुख्य बिंदु
- अंतःक्रिया में सहयोग की और संभावनाओं का पता लगाने के लिए एक द्विपक्षीय नियामक वार्ता एवं एक भारत-यूरोपीय संघ बहुपक्षीय वार्ता शामिल है।
- दोनों देशों का नियम-आधारित द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय व्यापार प्रणालियों में साझा विश्वास है।
- दोनों का मानना है कि द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को और गहन करने से बहुपक्षीय मार्ग को कमजोर करने के स्थान पर सहयोग करना चाहिए।
- भले ही द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई हो, किंतु यह निष्कर्ष निकालने के आधार हैं कि वर्तमान स्तर अभी भी क्षमता से कम हैं।
- इस पृष्ठभूमि में, भारत-यूरोपीय संघ के वैविध्यपूर्ण व्यापार एवं निवेश समझौते (बीटीआईए) को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया गया है।
जी 7 द्वारा प्रतिपादित डिजिटल व्यापार सिद्धांत
बीटीआईए के बारे में
- बीटीआईए के तहत समझौता वार्ता 2007 में प्रारंभ हुई थी।
- वार्ता में वस्तुओं के व्यापार, सेवाओं में व्यापार, निवेश, स्वच्छता एवं पादप स्वच्छता उपायों, व्यापार के लिए तकनीकी बाधाएं, व्यापार सुधार, उत्पत्ति के नियम, सीमा शुल्क एवं व्यापार सुविधा, प्रतिस्पर्धा, व्यापार रक्षा, सरकारी खरीद, विवाद निपटान, बौद्धिक संपदा अधिकार एवं भौगोलिक संकेतक एवं सतत विकास इत्यादि सम्मिलित थे।
- यद्यपि, यह महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचारों के विचलन के कारण 2013 से अवरुद्ध है।
बीटीआईए मुद्दे
- यूरोपीय संघ बाजार अधिगम एवं ऑटोमोबाइल, शराब एवं स्प्रिट के साथ-साथ सरकारी खरीद में उच्च स्तर की टैरिफ रियायतों की मांग कर रहा था।
- इनके अतिरिक्त, दोनों देशों की नीतियां बौद्धिक संपदा अधिकार, डेटा सुरक्षा, सेवाएं, कृषि निर्यात, रसायन, डेयरी एवं मत्स्य पालन, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के पंजीकरण तथा दूरसंचार नेटवर्क तत्वों के प्रमाणीकरण जैसे मुद्दों पर अभिसरित नहीं होती हैं।
- यूरोपीय संघ के पास भिन्न भिन्न योग्यताएं एवं व्यावसायिक मानक थे।
- भारत में इतालवी नौसैनिकों की गिरफ्तारी एवं विचारण (मुकदमे) ने यूरोपीय संघ में एक तीखी प्रतिक्रिया को अग्रसर किया।
- कीटों के पाए जाने के कारण भारतीय अल्फांसो आम एवं चार अन्य सब्जियों पर प्रतिबंध को भारत से कड़ी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई।
- इन सभी मुद्दों ने विगत एक दशक में द्विपक्षीय संबंधों को खराब किया एवं अप्रत्यक्ष रूप से व्यापार वार्ता के पुनरुद्धार को प्रभावित किया।
- व्यापार एवं निवेश वार्ता के दौरान उत्पन्न हुए मतभेद इतने व्यापक थे कि उन्हें उच्च स्तर से राजनीतिक दबाव दिए बिना दूर किया जा सकता था।
व्यापार एवं विकास रिपोर्ट 2021
वैविध्यपूर्ण व्यापार एवं निवेश समझौता: आगे की राह
- यदि सफलतापूर्वक निष्कर्ष निकाला जाए, तो बीटीआईए में भारत-यूरोपीय संघ की रणनीतिक साझेदारी में वास्तविक सार लाने की क्षमता है।
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