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बिम्सटेक- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।
समाचारों में साइबर सुरक्षा सहयोग पर बिम्सटेक विशेषज्ञ समूह
- राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय, भारत सरकार 14-15 जुलाई 2022 को नई दिल्ली में साइबर सुरक्षा सहयोग पर बिम्सटेक विशेषज्ञ समूह की दो दिवसीय बैठक का आयोजन कर रही है।
साइबर सुरक्षा सहयोग पर बिम्सटेक विशेषज्ञ समूह
- साइबर सुरक्षा सहयोग पर बिम्सटेक विशेषज्ञ समूह के बारे में: साइबर सुरक्षा सहयोग पर बिम्सटेक विशेषज्ञ समूह की बैठक मार्च 2019 में बैंकॉक में आयोजित बिम्सटेक राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुखों की बैठक के दौरान किए गए समझौते पर आधारित है।
- अधिदेश: बिम्सटेक विशेषज्ञ समूह बिम्सटेक क्षेत्र में साइबर सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए एक कार्य योजना तैयार करेगा।
- अध्यक्ष: साइबर सुरक्षा पर व्यक्तिगत रूप से बिम्सटेक विशेषज्ञ समूह के बैठक की अध्यक्षता भारतीय राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक लेफ्टिनेंट जनरल राजेश पंत कर रहे हैं।
- भागीदारी:
- बिम्सटेक फोरम में सुरक्षा क्षेत्र के लिए एक अग्रणी देश के रूप में भारत ने साइबर सुरक्षा सहयोग पर इस बैठक को आयोजित करने तथा साइबर सुरक्षा पर कार्य योजना विकसित करने की पहल की है।
- बिम्सटेक सदस्य राज्यों का प्रतिनिधित्व उनके संबंधित सरकारी संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया जाता है जो साइबर सुरक्षा एवं घटना प्रतिक्रिया से निपटते हैं।
साइबर सुरक्षा चुनौतियों से निपटने हेतु बिम्सटेक कार्य योजना
- मुख्य उद्देश्य: बिम्सटेक विशेषज्ञ समूह की इस बैठक का प्रमुख उद्देश्य कार्य योजना तैयार करना है।
- यह सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी/आईसीटी) के उपयोग में साइबर सुरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु बिम्सटेक सदस्य राज्यों के मध्य समन्वय एवं सहयोग को बढ़ावा देगा।
- विस्तार क्षेत्र: यह कार्य योजना निम्नलिखित के लिए तंत्र को कवर करेगी-
- साइबर, साइबर अपराध से संबंधित सूचनाओं का आदान-प्रदान,
- महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना का संरक्षण,
- साइबर घटना प्रतिक्रिया एवं साइबर मानदंडों से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय विकास।
- क्रियान्वयन: कार्य योजना को 5 वर्षों की समय सीमा के भीतर लागू करने का प्रस्ताव दिया गया है जिसके पश्चात साइबर सुरक्षा पर विशेषज्ञ समूह कार्य योजना की समीक्षा करेगा।
बिम्सटेक देशों के बारे में प्रमुख तथ्य
- बिम्सटेक की स्थापना 1997 में दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व एशिया के मध्य 5 देशों – दक्षिण एशिया से बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल एवं श्रीलंका तथा दक्षिण-पूर्व एशिया के दो देशों – म्यांमार एवं थाईलैंड के साथ एक विशिष्ट संपर्क प्रदान करने हेतु की गई थी।
- सहयोग के क्षेत्र: अर्थव्यवस्था के 14 प्रमुख आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में सहयोग के लिए ये सभी देश एक मंच के रूप में एक साथ आए।
- प्रारंभ में, छह क्षेत्रों- व्यापार, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, परिवहन, पर्यटन एवं मत्स्य पालन को क्षेत्रीय सहयोग के लिए सम्मिलित किया गया था जिसे बाद में सहयोग के 14 क्षेत्रों में विस्तारित किया गया था।
- बिम्सटेक मुख्यालय: बिम्सटेक का मुख्यालय काठमांडू, नेपाल में अवस्थित है।
- बिम्सटेक के नए महासचिव: तेनज़िन लेकफेल।
- उद्देश्य: क्षेत्र में आपसी व्यापार, संपर्क एवं सांस्कृतिक, तकनीकी तथा आर्थिक विकास को आगे बढ़ाना।
- बिम्सटेक 2022 शिखर सम्मेलन: 5 वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन की मेजबानी बिम्सटेक के वर्तमान अध्यक्ष श्रीलंका द्वारा आभासी रूप में (वर्चुअल मोड में) की गई थी।
- बिम्सटेक 2022 की थीम: 5 वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन की विषय वस्तु “एक लचीला क्षेत्र की ओर, समृद्ध अर्थव्यवस्थाएं, स्वस्थ लोग” (टुवर्ड्स ए रेसिलिएंट रीजन, प्रॉस्परस इकोनामिज, हेल्दी पीपल) है।




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