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‘नो मनी फॉर टेरर‘ सम्मेलन 2022: यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
‘नो मनी फॉर टेरर‘: आतंकवाद वित्तपोषण रोधी (काउंटर-टेररिज्म फाइनेंसिंग) पर मंत्रिस्तरीय सम्मेलन एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सभा है जिसका उद्देश्य सूचना साझा करने तथा विभिन्न हितधारकों के मध्य सहयोग के माध्यम से आतंकी संगठनों को प्राप्त होने वाले वित्त पोषण को पूर्ण रूप से समाप्त करना है। यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा (समसामयिकी) एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (अंतर्राष्ट्रीय संबंध तथा सुरक्षा) के लिए तीसरा ‘नो मनी फॉर टेरर’ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन महत्वपूर्ण है।
‘नो मनी फॉर टेरर‘ तीसरा सम्मेलन चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में आतंकवाद वित्तपोषण रोधी (काउंटर-टेररिज्म फाइनेंसिंग) पर ‘नो मनी फॉर टेरर’ (NMFT) तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को संबोधित किया।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद से निपटने में किसी भी तरह की संदिग्धावस्था से बचने के लिए दृढ़ता से कहा है एवं आतंकवाद को विदेश नीति के एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल करने वाले देशों के प्रति भी चेतावनी दी है।
‘नो मनी फॉर टेरर‘ सम्मेलन 2022
- पृष्ठभूमि: “नो मनी फॉर टेरर” सम्मेलन फ्रांसीसी सरकार की एक पहल है जो विशेष रूप से देशों के बीच आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए सहयोग पर ध्यान केंद्रित करती है।
- पहला “नो मनी फॉर टेरर” सम्मेलन 2018 में आयोजित किया गया था।
- ‘नो मनी फॉर टेरर‘ सम्मेलन 2022 के बारे में: ‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन 2022 नई दिल्ली में भारत द्वारा 18-19 नवंबर को आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन है।
- अधिदेश: यह भाग लेने वाले देशों एवं संगठनों को आतंकवाद विरोधी वित्तपोषण पर वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय शासन की प्रभावशीलता तथा उभरती चुनौतियों का समाधान करने के लिए आवश्यक कदमों पर विचार-विमर्श करने हेतु एक विशिष्ट मंच प्रदान करेगा।
- महत्व: ‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन 2022 विगत दो सम्मेलनों (अप्रैल 2018 में पेरिस में तथा नवंबर 2019 में मेलबर्न में आयोजित) के लाभ एवं सीख पर आधारित होगा।
- यह आतंकवादियों को वित्त पोषण से वंचित करने एवं संचालित करने के लिए अनुमेय अधिकार क्षेत्र तक पहुंच को रोकने के लिए वैश्विक सहयोग बढ़ाने की दिशा में भी कार्य करेगा।
- भागीदारी: इसमें संपूर्ण विश्व के लगभग 450 प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिनमें मंत्री, बहुपक्षीय संगठनों के प्रमुख एवं वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स/एफएटीएफ) के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख शामिल हैं।
‘आतंक के लिए कोई वित्त नहीं‘ सम्मेलन 2022 के तहत प्रमुख सत्र
सम्मेलन के दौरान चार सत्रों में विचार-विमर्श किया जाएगा, जो निम्नलिखित पर ध्यान केंद्रित करेंगे-
- ‘आतंकवाद तथा आतंकवादी वित्तपोषण के प्रति वैश्विक रुझान’,
- ‘आतंकवाद के लिए धन के औपचारिक एवं अनौपचारिक चैनलों का उपयोग’,
- ‘उभरती प्रौद्योगिकियां एवं आतंकवादी वित्तपोषण’ तथा
- ‘आतंकवादी वित्तपोषण का मुकाबला करने में चुनौतियों का समाधान करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय सहयोग’।
एफएटीएफ क्या है?
- एफएटीएफ के बारे में: यह वैश्विक धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) एवं आतंकवादी वित्तपोषण निगरानी संस्था है।
- एफएटीएफ एक अंतर-सरकारी निकाय है, जिसकी स्थापना 1989 में पेरिस, फ्रांस में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान की गई थी।
- एफएटीएफ सचिवालय: पेरिस में आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (द ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकोनामिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट/OECD) मुख्यालय में स्थित है।
- संगठनात्मक संरचना: इसमें वर्तमान में 37 सदस्य क्षेत्राधिकार तथा 2 क्षेत्रीय संगठन शामिल हैं। इसमें पर्यवेक्षक और सहयोगी सदस्य भी होते हैं।
- भारत जून 2010 से संगठन का सदस्य रहा है। इसने पहले 2006 में एफएटीएफ में ‘पर्यवेक्षक’ का दर्जा प्राप्त किया था।
- एफएटीएफ प्लेनरी: यह एफएटीएफ का निर्णय निर्मात्री निकाय है जो वर्ष में तीन बार मिलता है।
- एफएटीएफ के अध्यक्ष: वह एफएटीएफ प्लेनरी द्वारा अपने सदस्यों में से नियुक्त एक वरिष्ठ अधिकारी है, जिसका कार्यकाल दो वर्ष का होता है।
- वह एफएटीएफ प्लेनरी एवं संचालन समूह की बैठकों का आयोजन तथा अध्यक्षता करता है एवं वह एफएटीएफ सचिवालय की देखरेख करता है।
- अध्यक्ष एफएटीएफ का प्रमुख प्रवक्ता होता है एवं बाहरी रूप से एफएटीएफ का प्रतिनिधित्व करता है।
एफएटीएफ द्वारा तैयार देशों की सूचियां क्या हैं?
- ग्रे लिस्ट: जिन देशों को आतंकवाद वित्त पोषण एवं धन शोधन (टेरर फंडिंग एंड मनी लॉन्ड्रिंग) का समर्थन करने के लिए सुरक्षित स्वर्ग माना जाता है, उन्हें FATF ग्रे लिस्ट में डाल दिया जाता है।
- यह समावेशन देश के लिए एक चेतावनी के रूप में कार्य करता है कि वह काली सूची (ब्लैक लिस्ट)में प्रवेश कर सकता है।
- पाकिस्तान को ग्रे सूची में बनाए रखा गया था क्योंकि यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा नामित आतंकी समूहों के शीर्ष नेतृत्व पर अभियोग चलाने में असफल रहा था जिसमें लश्कर-ए तैयबा, जैश-ए मोहम्मद एवं अलकायदा शामिल थे।
- काली सूची: गैर-सहकारी देशों या क्षेत्रों (नॉन-कोऑपरेटिव कंट्रीज और टेरिटरीज/NCCTs) के रूप में जाने जाने वाले देशों को काली सूची में डाल दिया जाता है। ये देश आतंकी वित्त पोषण एवं धन शोधन गतिविधियों का समर्थन करते हैं।
- एफएटीएफ प्रविष्टियों को जोड़ने या हटाने के लिए नियमित रूप से ब्लैकलिस्ट में संशोधन करता है।
- इस सूची में उत्तर कोरिया जैसे देश शामिल हैं।
‘नो मनी फॉर टेरर‘ सम्मेलन 2022 के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
- पहला ‘नो मनी फॉर टेरर‘ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन कब आयोजित किया गया था?
उत्तर. ‘नो मनी फॉर टेरर’ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन पहली बार 2018 में फ्रांस द्वारा आयोजित किया गया था।
- ‘नो मनी फॉर टेरर‘ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 2022 कहाँ आयोजित किया गया था?
उत्तर. ‘नो मनी फॉर टेरर’ तीसरा मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 2022 नई दिल्ली, भारत में आयोजित किया गया था।
- देशों की ग्रे लिस्ट एवं ब्लैक लिस्ट किस संस्था द्वारा तैयार की जाती है?
उत्तर. फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) देशों की ग्रे लिस्ट एवं ब्लैक लिस्ट प्रकाशित करने हेतु उत्तरदायी है।



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