Home   »   150th Birth Anniversary of Sri Aurobindo   »   150th Birth Anniversary of Sri Aurobindo

श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती: यूपीएससी के लिए सबकुछ जानें

श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती: जिस प्रकार भारत अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, यह दिन श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती भी है। आज अर्थात 13 दिसंबर 2022 को उनकी 150वीं जयंती है।

श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती: यूपीएससी के लिए सबकुछ जानें_3.1

चर्चा में क्यों है?

  • प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर, 2022 को संध्या 5 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया।
  • श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती के अवसर पर, प्रधानमंत्री ने श्री अरबिंदो के सम्मान में एक स्मारकीय सिक्का एवं डाक टिकट जारी किया।
  • यह कार्यक्रम आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में कंबन कलाई संगम, पुडुचेरी में आयोजित किया गया था।

 

पार्श्वभूमि

  • महर्षि अरबिंदो की 150वीं जयंती एवं स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के अवसर पर, संस्कृति मंत्रालय 12 अगस्त से 15 अगस्त 2022 के मध्य देश भर की 75 जेलों में आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित करके श्री अरबिंदो के जीवन एवं दर्शन को स्मरण कर रहा है।
  • इन कार्यक्रमों का उद्देश्य श्री अरबिंदो के दर्शन एवं योग तथा ध्यान के अभ्यास के माध्यम से जेल के कैदियों के जीवन को ‘रूपांतरित करना’ है।

 

श्री अरबिंदो घोष के बारे में जानें?

  • 15 अगस्त 1872 को पैदा हुए श्री अरबिंदो एक दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में स्थायी योगदान दिया।
  • आजादी का अमृत महोत्सव – आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर भारत के लोगों, संस्कृति एवं उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का उत्सव मनाने का एक प्रयास – देश भर में वर्ष भर की गतिविधियों एवं कार्यक्रमों का आयोजन करके श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती मना रहा है।

श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती: यूपीएससी के लिए सबकुछ जानें_4.1

श्री अरबिंदो के लेखन

उनके लेखन में 36 खंड सम्मिलित हैं जिनमें द लाइफ डिवाइन, द सिंथेसिस ऑफ योगा, द सीक्रेट ऑफ द वेद, द ह्यूमन साइकिल, द आइडियल ऑफ ह्यूमन यूनिटी, द रेनेसांस ऑफ इंडिया, फ्यूचर पोएट्री एवं फ्यूचर पोएट्री एंड द मैग्नीफिसेंट एपिक, सावित्री सम्मिलित हैं।

बंदे मातरम: श्री अरबिंदो भारत के प्रथम राजनीतिक नेता थे, जिन्होंने अपने अखबार बंदे मातरम में खुले तौर पर देश के लिए पूर्ण स्वतंत्रता के विचार को सामने रखा।

आर्य: 1914 में चार वर्ष के मौन योग के पश्चात उन्होंने एक दार्शनिक मासिक, आर्य का प्रकाशन प्रारंभ किया। उनकी अधिकांश महत्वपूर्ण रचनाएँ, द लाइफ डिवाइन, द सिंथेसिस ऑफ योगा, एसेज़ ऑन द गीता, द ईशा उपनिषद, आर्य में क्रमिक रूप से दिखाई दीं।

 

श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती एवं भारत में जेल सुधार

श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती को भारत एवं विश्व के लोगों के लिए तथा ऑरोविले के जीवन एवं प्राप्ति में उनकी प्रासंगिकता के लिए उनके जीवन कार्य, दृष्टि, दर्शन तथा रचनात्मक शक्ति के उत्सव के माध्यम से मनाया गया था।

 

क्या था पीएम मोदी का विजन?

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि जेलों में बंदियों के जीवन में आत्मचिंतन एवं अनुभूति के माध्यम से परिवर्तन की आवश्यकता है तथा देश भर की जेलों को महर्षि अरबिंदो के जीवन पर कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए ताकि कैदियों को जीवन की एक नई यात्रा प्रारंभ करने में सक्षम बनाया जा सके।

 

संस्कृति मंत्रालय ने पीएम के विजन को कैसे लागू किया?

  • संस्कृति मंत्रालय ने इन कार्यक्रमों को संचालित करने हेतु उल्लेखनीय आध्यात्मिक नेताओं एवं संगठनों के साथ भागीदारी की है। संस्कृति मंत्रालय ने देश भर में 75 जेलों की पहचान की है, (मुख्य रूप से राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के साथ उनके जुड़ाव को ध्यान में रखते हुए) जहां ये कार्यक्रम आयोजित होंगे।
  • रामकृष्ण मिशन, पतंजलि, आर्ट ऑफ लिविंग, ईशा फाउंडेशन तथा सत्संग फाउंडेशन सहित पांच संगठनों को देश के 23 राज्यों में 12 से 15 अगस्त तक योग, ध्यान की सुविधा एवं श्री अरबिंदो की शिक्षाओं को जेल के कैदियों को प्रदान करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करने के लिए अनुबंधित किया गया है।
  • संस्कृति मंत्रालय ने देश भर में 75 जेलों की पहचान की है, (मुख्य रूप से राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के साथ उनके जुड़ाव को ध्यान में रखते हुए) जहां ये कार्यक्रम होंगे।

 

श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती का महत्व

  • स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का उत्सव मना रहे भारत के लिए 150वां वर्ष विशेष महत्व रखता है।
  • साथ ही 15 अगस्त 1947 को, उनके 75वें जन्मदिन पर, श्री अरबिंदो ने भारत एवं विश्व के भविष्य तथा मानव जाति के एक बड़े विकास एवं एकता के लिए राष्ट्र को एक संदेश दिया, जिसे पांच स्वप्न के रूप में जाना जाता है।

 

श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

प्र. श्री अरबिंदो घोष कौन थे?

उत्तर. 15 अगस्त 1872 को पैदा हुए श्री अरबिंदो एक दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में स्थायी योगदान दिया। वह भारत के पहले राजनीतिक नेता थे, जिन्होंने अपने अखबार बंदे मातरम में खुले तौर पर देश के लिए पूर्ण स्वतंत्रता के विचार को सामने रखा।

प्र. हाल ही भारत ने बंगाल के किस स्वतंत्रता सेनानी की 150वीं जयंती मनाई?

उत्तर. 13 दिसंबर, 2022 को श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती के अवसर पर, प्रधानमंत्री ने श्री अरबिंदो के सम्मान में एक स्मारकीय सिक्का एवं डाक टिकट जारी किया।

 

तवांग में भारत-चीन आमने-सामने: यूपीएससी के लिए सब कुछ जानें राष्ट्रीय नवीनीकरण की राजनीति- हिंदू संपादकीय विश्लेषण दैनिक समसामयिकी यूपीएससी प्रीलिम्स बिट्स – 13 दिसंबर 2022 न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (NILP) उद्देश्य, चुनौतियाँ एवं सरकार द्वारा उठाए गए कदम
पुरुषों में रक्ताल्पता- क्या लौह की कमी के कारण 10 में से 3 ग्रामीण पुरुषों में रक्ताल्पता पाई जाती है? क्या है केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना? सरकार सहकारी समिति अधिनियम में संशोधन क्यों कर रही है? बिम्सटेक कैसे एक नई दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय व्यवस्था का निर्माण कर सकता है?: हिंदू संपादकीय विश्लेषण
द हिंदू संपादकीय विश्लेषण – पीटी उषा एवं आईओए का भविष्य 9 वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (डब्ल्यूएसी) एवं आरोग्य एक्सपो गोवा में आयोजित किया जा रहा है अल्पसंख्यकों के लिए योजनाओं की सूची – अल्पसंख्यकों का शैक्षिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण भारत की जी-20 की अध्यक्षता, जी-20 की अध्यक्षता के दौरान भारत क्या पेशकश करेगा? द हिंदू संपादकीय विश्लेषण

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *