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थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई)

थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) – यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 3: भारतीय अर्थव्यवस्था- आयोजना, संसाधनों का अभिनियोजन, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।

वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद

थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई)- संदर्भ

  • हाल ही में जारी थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़ों से ज्ञात होता है कि अगस्त में थोक मूल्यों में मुद्रास्फीति बढ़कर 39% हो गई, जो लगातार पांचवें महीने दो अंकों में रही।
    • उच्च ईंधन कीमतों के दूसरे क्रम के प्रभाव के रूप में निर्मित उत्पादों में मुद्रास्फीति लगातार चौथे महीने बढ़कर 4% हो गई।

थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई)_3.1

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थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) – प्रमुख बिंदु

  • डब्ल्यूपीआई के बारे में: थोक मूल्य सूचकांक थोक दरों पर विक्रय किए जाने वाले वस्तुओं की एक टोकरी की कीमत का प्रतिनिधित्व करता है। डब्ल्यूपीआई उन वस्तुओं के मूल्य पर अपना ध्यान केंद्रित करता है जिनका कारोबार निगमों के मध्य होता है।
    • यह मूल रूप से कारखाने के स्तर पर मुद्रास्फीति का मापन करता है न कि उपभोग बिंदु पर।
    • थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) थोक स्तर पर वस्तुओं के मूल्यों में औसत परिवर्तन के बराबर है।
  • डब्ल्यूपीआई का मुख्य उद्देश्य: विनिर्माण, निर्माण एवं उद्योग में मांग तथा आपूर्ति को प्रदर्शित करने वाले मूल्य में उतार-चढ़ाव की निगरानी करना।
    • एक अर्थव्यवस्था की समष्टि अर्थशास्त्रीय (मैक्रोइकॉनॉमिक) के साथ-साथ व्यष्टि अर्थशास्त्रीय स्थितियों का आकलन करने में भी सहायता करता है।
  • संकलन (प्रकाशन) प्राधिकार: यह आर्थिक सलाहकार कार्यालय (वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय) द्वारा प्रकाशित किया जाता है।
  • डब्ल्यूपीआई हेतु आधार वर्ष: अखिल भारतीय डब्ल्यूपीआई का आधार वर्ष  को 2017 में संशोधित कर 2004-05 से 2011-12  कर दिया गया है।।

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उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) एवं थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के मध्य महत्वपूर्ण अंतर

 

       मापदण्ड                      डब्ल्यूपीआई                         सीपीआई
प्रकाशन प्राधिकरण आर्थिक सलाहकार कार्यालय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय – सीपीआई (संयुक्त) केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा संकलित किया जाता है।

 

– सीपीआई (औद्योगिक श्रमिक), सीपीआई (ग्रामीण श्रमिक) और सीपीआई (खेतिहर श्रमिक) का संकलन श्रम ब्यूरो द्वारा किया जाता है

आधार वर्ष 2011-12 2012
सम्मिलित किए गए पण्य (वस्तुएं) केवल वस्तुओं में मूल्य परिवर्तन  का प्रग्रहण (कैप्चर) करता है वस्तु एवं सेवाओं दोनों में मूल्य में परिवर्तन का प्रग्रहण (कैप्चर) करता है
प्रासंगिकता उत्पादक स्तर पर मुद्रास्फीति को ट्रैक करता है

उत्पादकों के लिए प्रासंगिक

उपभोक्ता स्तर पर कीमतों के स्तर में परिवर्तन को ट्रैक करता है

उपभोक्ताओं के लिए प्रासंगिक

 

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