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व्यापारिक सुगमता रैंकिंग: यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- हाल ही में विश्व बैंक ने सूचित किया कि उसने आगामी व्यापारिक सुगमता(ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) रिपोर्ट को रोक दिया है एवं रिपोर्ट तथा इसकी कार्यप्रणाली की समीक्षा एवं अंकेक्षण (ऑडिट) की एक श्रृंखला आरंभ की है।
- विश्व बैंक ने यह भी बताया कि वह व्यापार एवं निवेश के वातावरण का आकलन करने हेतु एक नवीन दृष्टिकोण पर कार्य करेगा।
विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट 2020-22
व्यापारिक सुगमता रैंकिंग: बंद करने के कारण
- ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग को रोक दिया गया क्योंकि विश्व बैंक ने 2018 एवं 2020 में डूइंग बिजनेस पर आंकड़ों की अनियमितताओं को पाया, जो जून 2020 में आंतरिक रूप से रिपोर्ट किए गए थे।
- नैतिक मुद्दे: आंतरिक रिपोर्टों में तिथि के विरूपण ने नैतिक मामलों को उठाया, जिसमें बोर्ड के पूर्व अधिकारियों के साथ-साथ वर्तमान एवं / या पूर्व बैंक कर्मचारियों का आचरण भी शामिल है, जिसके कारण विश्व बैंक द्वारा यह निर्णय लिया गया।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग: प्रमुख बिंदु
- पृष्ठभूमि: ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट विश्व बैंक द्वारा 2003 में प्रारंभ की गई थी।
- उद्देश्य: 190 अर्थव्यवस्थाओं में व्यापार विनियमों एवं उनके प्रवर्तन के उद्देश्य उपायों का मूल्यांकन उपलब्ध कराना।
- रैंकिंग हेतु प्रयुक्त मापदंड: ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में निम्नलिखित दस मापदंडों का उपयोग किया गया है-
- एक व्यवसाय आरंभ करना,
- निर्माण परमिट से निपटना,
- विद्युत की उपलब्धता,
- संपत्ति पंजीकरण,
- ऋण उपलब्धता,
- अल्पसंख्यक निवेशकों की रक्षा करना,
- करों की अदायगी,
- सीमापारीय व्यापार,
- अनुबंध प्रवर्तन, एवं
- दिवालियापन का समाधान।
- ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट का महत्व:
- नीति निर्माताओं के कार्यों के संबंध में सूचित करता है,
- देशों को बेहतर संसूचित निर्णय लेने में सहायता करता है, एवं
- हितधारकों को आर्थिक एवं सामाजिक सुधारों को अधिक परिशुद्ध रूप से मापने की अनुमति प्रदान करता है
- निजी क्षेत्र, नागरिक समाज, शिक्षाविदों, पत्रकारों एवं अन्य व्यक्तियों हेतु वैश्विक मुद्दों की समझ को व्यापक बनाने के लिए एक मूल्यवान उपकरण के रूप में कार्य करता है।
व्यापार एवं विकास रिपोर्ट 2021
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग: भारत का प्रदर्शन
- भारत ने 2017, 2018 और 2019 में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में सर्वाधिक उल्लेखनीय उन्नति प्रदर्शित की।
- भारत की 2017 रैंकिंग- 100 वां स्थान
- भारत की 2018 रैंकिंग- 77वें स्थान पर रखा गया
- भारत की 2019 रैंकिंग (सर्वाधिक नवीनतम)- 63 वां स्थान प्राप्त किया
- ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग मूल रूप से मात्र दो शहरों- दिल्ली तथा मुंबई के प्रदर्शन पर निर्भर करती है।
- मुंबई का भारांश (वेटेज)- 47%
- दिल्ली का भारांश- 53%