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इसरो का पीएसएलवी-सी52/ईओएस-04 मिशन 

पीएसएलवी-सी52/ईओएस-04 मिशन- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • GS पेपर 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- आईटी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-प्रौद्योगिकी, जैव-प्रौद्योगिकी एवं बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित मुद्दों के क्षेत्र में जागरूकता।

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पीएसएलवी-सी52/ईओएस-04 मिशन- संदर्भ

  • हाल ही में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन/ इसरो) ने अपने पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ईओएस-04 एवं दो सह-यात्री प्रौद्योगिकी प्रदर्शक तथा वैज्ञानिक उपग्रहों को सफलतापूर्वक  प्रक्षेपित किया।
  • ईओएस-04,  इंस्पायर सेट- 1 (INSPIRE sat-1) तथा इनसैट आईएनएसटी-2 टीडी नाम के तीन उपग्रहों को 529 किमी की सूर्य-तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा में सफलतापूर्वक अंतःक्षेपित किया गया।

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पीएसएलवी-सी52/ईओएस-04 मिशन- मुख्य बिंदु 

  • मिशन के बारे में: पीएसएलवी-सी52/ईओएस-04 मिशन इस वर्ष देश का प्रथम मिशन था, वास्तविकता में, अगस्त 2021 में  जीएसएलवी एफ 10 मिशन की विफलता के पश्चात से यह पहला मिशन था।
  • ईओएस-04 के बारे में: यह एक रडार इमेजिंग उपग्रह है जो सभी मौसमों में उच्च गुणवत्ता वाली छवियां प्रदान करने में सक्षम है।
  • उपग्रह का वजन एवं मिशन का जीवनकाल: ईओएस-04 एक 1,700 किलोग्राम वजनी उपग्रह है। उपग्रह का मिशन जीवन काल 10 वर्ष है।
  • ईओएस-04 का अनुप्रयोग: इसका उपयोग कृषि, वानिकी, बाढ़ मानचित्रण, मृदा की नमी एवं जल विज्ञान के लिए छवियों को कैप्चर करने के लिए किया जा सकता है।

 

पीएसएलवी-सी52 मिशन: अन्य दो उपग्रह

ईओएस-04 के अतिरिक्त, दो अन्य उपग्रहों अर्थात् I इंस्पायर सैट-1 एवं आईएनएसटी-2 टीडी को सूर्य-तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा में सफलतापूर्वक अंतःक्षेपित किया गया। इन उपग्रहों के बारे में मुख्य विवरण नीचे दिया गया है-

  • प्रौद्योगिकी प्रदर्शक उपग्रह: इसमें एक थर्मल इमेजिंग कैमरा है।
    • अनुप्रयोग: यह वनस्पति मानचित्रण के अतिरिक्त भूमि एवं जल की सतह के तापमान के आकलन में सहायता कर सकता है।
  • इंस्पायरसैट –1 उपग्रह: इसे भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, कोलोराडो विश्वविद्यालय, अमेरिका, सिंगापुर के नानयांग प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तथा ताइवान में राष्ट्रीय केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किया गया था।
    • अनुप्रयोग: यह उपग्रह आयनोस्फीयर गतिकी एवं सूर्य की किरीटी उष्मा (कोरोनल हीटिंग) प्रक्रिया का अध्ययन करने हेतु दो उपकरणों का उपयोग करेगा।

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इसरो  के 2022 के अन्य अपेक्षित मिशन

  • तीन उपग्रह ओशन सैट-3, आईएनएस-2 बी, आनंद को मार्च में  पीएसएलवी- सी 53 तथा इस वर्ष अप्रैल में लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) पर माइक्रो सैट से प्रक्षेपित किया जाएगा।
  • जीसैट-24 का प्रक्षेपण, जो एक संचार उपग्रह है, 2022 की पहली तिमाही के दौरान एरियनस्पेस के एरियन 5 पर भी निर्धारित है।

 

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