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एक स्वस्थ भारत कार्यक्रम: प्रासंगिकता
- जीएस 2: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।
एक स्वास्थ्य परियोजना भारत: संदर्भ
- हाल ही में, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय ने उत्तराखंड में वन हेल्थ सपोर्ट यूनिट द्वारा वन हेल्थ फ्रेमवर्क को लागू करने हेतु एक प्रायोगिक परियोजना प्रारंभ की है।
एक स्वास्थ्य प्रायोगिक परियोजना: मुख्य बिंदु
- एक स्वास्थ्य सहायता इकाई का उद्देश्य: प्रायोगिक परियोजना क्रियान्वयन की सीख के आधार पर एक राष्ट्रीय एक स्वास्थ्य रोडमैप विकसित करना।
- वन हेल्थ सपोर्ट यूनिट के कार्यान्वयन का नेतृत्व करने के लिए प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार की अध्यक्षता में अंतर-मंत्रालयी एक स्वास्थ्य समिति भी स्थापित की गई है।
- सचिव, पशुपालन एवं डेयरी की अध्यक्षता में एक परियोजना संचालन समिति (प्रोजेक्ट स्टीयरिंग कमिटी/पीएससी) का गठन किया गया है जिसमें विभिन्न मंत्रालयों, नागरिक समाज संगठनों तथा अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि सम्मिलित हैं।
- पीएससी की सिफारिशों के आधार पर स्वास्थ्य, पशुपालन एवं पर्यावरण मंत्रालयों के सक्षम अधिकारियों को सम्मिलित करके राज्य तथा जिला स्तर पर एक स्वास्थ्य समिति का गठन किया जाएगा।
वन हेल्थ पायलट प्रोजेक्ट: संचालित की जाने वाली प्रमुख गतिविधियां
- रोग के प्रकोप पर आंकड़ों के संग्रह के लिए तंत्र को संस्थागत बनाना,
- लक्षित अवेक्षण (निगरानी) योजना की व्यापकता, प्रबंधन तथा विकास,
- प्रयोगशालाओं के नेटवर्क को एकीकृत करना,
- सभी क्षेत्रों में संचार रणनीति का विकास एवं क्रियान्वयन, तथा
- राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन के डिजिटल आर्किटेक्चर के साथ डेटा का एकीकरण।
‘वन हेल्थ इंडिया‘ कार्यक्रम
- पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा आरंभ किया गया ‘वन हेल्थ इंडिया’ कार्यक्रम प्रौद्योगिकी तथा वित्त के माध्यम से पशुधन स्वास्थ्य, मानव स्वास्थ्य, वन्यजीव स्वास्थ्य एवं पर्यावरणीय स्वास्थ्य में सुधार के लिए विभिन्न क्षेत्रों के हितधारकों के साथ कार्य करेगा।
- उत्तराखंड में प्रायोगिक परियोजना भारत के लिए वन हेल्थ फ्रेमवर्क के निर्माण का समर्थन करेगा एवं लोगों तथा ग्रह के स्वास्थ्य का समर्थन करने वाले सुदृढ़ सामाजिक बुनियादी ढांचे के निर्माण में सहायता करेगा।
एक स्वास्थ्य अवधारणा क्या है?
- वन हेल्थ व्यक्तियों, पशुओं, पौधों तथा उनके साझा पर्यावरण के मध्य अंतर्संबंध को पहचानने के लिए इष्टतम स्वास्थ्य परिणामों को प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ स्थानीय, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तरों पर कार्य करने वाला एक सहयोगी, बहुक्षेत्रीय तथा अंतर क्षेत्रीय दृष्टिकोण है।
- वन हेल्थ कोई नई बात नहीं है, किंतु हाल के वर्षों में यह और भी महत्वपूर्ण हो गया है।
- वन हेल्थ दृष्टिकोण सतत विकास सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण है क्योंकि यह व्यक्तियों तथा ग्रह के मध्य अन्योन्याश्रितताओं को संबोधित करता है।
एक स्वास्थ्य कार्यक्रम: क्यों आवश्यक है?
- निम्नलिखित कारकों ने व्यक्तियों, पशुओं, पौधों तथा हमारे पर्यावरण के मध्य अंतः क्रिया को परिवर्तित कर दिया है।
- मानव जनसंख्या में वृद्धि हो रही है तथा नए भौगोलिक क्षेत्रों में विस्तार कर रही है।
- परिणामस्वरुप, काफी अधिक संख्या में लोग वन्यजीवों तथा घरेलू जानवरों, पशुधन एवं पालतू पशुओं दोनों के निकट संपर्क में रहते हैं।
- पशु हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, चाहे भोजन, फाइबर, आजीविका, यात्रा, खेल, शिक्षा अथवा साहचर्य के लिए।
- पशुओं तथा उनके वातावरण के साथ निकट संपर्क पशु एवं व्यक्तियों के मध्य रोगों को पारित करने के अधिक अवसर प्रदान करता है।
- पृथ्वी ने वनोन्मूलन एवं गहन कृषि पद्धतियों जैसे जलवायु एवं भूमि उपयोग में परिवर्तन का अनुभव किया है।
- पर्यावरणीय परिस्थितियों एवं पर्यावासों में व्यवधान रोगों को पशुओं को संचारित करने के नए अवसर प्रदान कर सकता है।
- अंतरराष्ट्रीय यात्रा एवं व्यापार से व्यक्तियों, पशुओं तथा पशु उत्पादों के आवागमन विधि है।
- परिणामस्वरूप, रोग तेजी से सीमाओं के पार एवं संपूर्ण विश्व में प्रसारित हो सकती हैं।




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