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जलवायु परिवर्तन के लिए रणनीतिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन की यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता
NMSKCC: जलवायु परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय मिशन रणनीतिक ज्ञान (नेशनल मिशन ऑन स्ट्रैटेजिक नॉलेज फॉर क्लाइमेट चेंज), जलवायु परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (नेशनल एक्शन प्लान फॉर क्लाइमेट चेंज/NAPCC) का एक महत्वपूर्ण उप-भाग है।
यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा 2023 (जीएस पेपर 3- पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन) हेतु जलवायु परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय मिशन रणनीतिक ज्ञान महत्वपूर्ण है।
NMSKCC चर्चा में क्यों है?
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में जलवायु परिवर्तन के लिए रणनीतिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन (नेशनल मिशन ऑन स्ट्रैटेजिक नॉलेज फॉर क्लाइमेट चेंज/एनएमएसकेसीसी) के बारे में जानकारी दी।
जलवायु परिवर्तन के लिए रणनीतिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन (NMSKCC)
- जलवायु परिवर्तन के लिए रणनीतिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन (NMSKCC) के बारे में: जलवायु परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC) के तहत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा कार्यान्वित जलवायु परिवर्तन के लिए रणनीतिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन (NMSKCC), जलवायु विज्ञान से संबंधित अनुसंधान, ज्ञान सृजन एवं क्षमता निर्माण को प्रोत्साहित करता है।
- अधिदेश: जलवायु परिवर्तन मिशन के लिए रणनीतिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन को देश की प्रतिबद्धताओं के साथ अपने उद्देश्यों एवं प्राथमिकताओं को संरेखित करने हेतु संशोधित किया गया है।
- मंत्रालय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय को जलवायु परिवर्तन के लिए सामरिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन (NMSKCC) के समन्वय का उत्तरदायित्व सौंपा गया था।
जलवायु परिवर्तन के लिए रणनीतिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन (एनएमएसकेसीसी) के तहत प्रमुख गतिविधियां
- अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम: जलवायु परिवर्तन विज्ञान एवं अनुकूलन में केंद्रित अनुसंधान तथा विकास (रिसर्च एंड डेवलपमेंट/आर एंड डी) कार्यक्रम हैं जो निम्नलिखित के माध्यम से क्रियान्वित किए जाते हैं-
- उत्कृष्टता के बारह केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस/सीओई),
- तेईस प्रमुख अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम;
- सात नेटवर्क कार्यक्रम एवं
- सात क्षमता निर्माण कार्यक्रम।
- जलवायु परिवर्तन केंद्र/प्रकोष्ठ: गतिविधियों को संचालित करने के लिए तेरह जलवायु परिवर्तन केंद्रों/प्रकोष्ठों की स्थापना की गई है जो जलवायु परिवर्तन पर राज्य की कार्य योजनाओं को कार्रवाई की एनएमकेसीसी प्राथमिकताओं से जोड़ते हैं।
- ये जलवायु परिवर्तन केंद्र बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, पुडुचेरी, तमिलनाडु एवं तेलंगाना राज्यों में स्थित हैं।
जलवायु परिवर्तन के लिए रणनीतिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन (NMSKCC) के प्रमुख उद्देश्य
मिशन के लिए निम्नलिखित उद्देश्यों को अभिनिर्धारित किया गया है।
- जलवायु विज्ञान से संबंधित अनुसंधान एवं विकास में संलग्न वर्तमान ज्ञान संस्थानों के मध्य ज्ञान नेटवर्क का गठन एवं एक उपयुक्त नीतिगत ढांचे तथा संस्थागत समर्थन के माध्यम से डेटा साझाकरण एवं विनिमय की सुविधा प्रदान करना।
- विकासात्मक विकल्पों के लिए जोखिम न्यूनतम प्रौद्योगिकी चयन पर अनुसंधान करने के लिए संस्थागत क्षमताओं के साथ वैश्विक प्रौद्योगिकी निगरानी समूहों की स्थापना।
- विभिन्न मौसमों एवं निर्वाह स्तर के लिए देश के भीतर विभिन्न पारिस्थितिक क्षेत्रों पर जलवायु परिवर्तन के क्षेत्रीय प्रभाव की मॉडलिंग के लिए राष्ट्रीय क्षमता का विकास।
- कृषि, स्वास्थ्य, प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र, जैव-विविधता, तटीय क्षेत्रों इत्यादि जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के क्षेत्रों में अनुसंधान नेटवर्क स्थापित करना एवं अनुसंधान को प्रोत्साहित करना।
- प्रमुख जलवायु प्रक्रियाओं एवं परिणामी जलवायु जोखिमों तथा संबंधित परिणामों की बेहतर समझ एवं जागरूकता प्रदान करना।
- अंतर्राष्ट्रीय एवं द्विपक्षीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग व्यवस्थाओं के तहत जलवायु परिवर्तन पर अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी विकास में वैश्विक सहयोग के माध्यम से समझौते तथा साझेदारी निर्मित करना।
भारत का अद्यतन राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित अंशदान (NDC)
- पृष्ठभूमि: ग्लासगो शिखर सम्मेलन (यूएनएफसीसीसी के सीओपी 26) में, भारतीय प्रधानमंत्री ने “पंचामृत” नामक पांच लक्ष्यों के माध्यम से भारत की जलवायु कार्रवाई को और गहन करने की घोषणा की थी।
- भारत के वर्तमान एनडीसी के लिए यह अद्यतन सीओपी 26 में घोषित ‘पंचामृत’ को उन्नत जलवायु लक्ष्यों में परिवर्तित करता है।
- अद्यतन एनडीसी (पंचामृत): जलवायु परिवर्तन पर नियंत्रण स्थापित करने हेतु, भारत निम्नलिखित लक्ष्य निर्धारित करता है-
- 2030 तक 500 गीगावाट की गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता तक पहुंच स्थापित करना,
- 2030 तक अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 50% नवीकरणीय ऊर्जा से पूरा करना।
- कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन को 1 बिलियन टन कम करना
- 2030 तक अर्थव्यवस्था की कार्बन गहनता को 45% से कम करना एवं
- 2070 तक निवल शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करना।
- कार्यान्वयन: भारत का अद्यतन एनडीसी 2021-2030 की अवधि में प्रासंगिक मंत्रालयों/विभागों के कार्यक्रमों एवं योजनाओं के माध्यम से तथा राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के उचित समर्थन के साथ लागू किया जाएगा।
भारत के अद्यतन एनडीसी का महत्व
- अद्यतन एनडीसी जलवायु परिवर्तन के खतरे के लिए वैश्विक प्रतिक्रिया को मजबूत करने की उपलब्धि की दिशा में भारत के अंशदान में वृद्धि करने का प्रयास करता है, जैसा कि पेरिस समझौते के तहत सहमति हुई है।
- इस तरह की कार्रवाई से भारत को निम्न उत्सर्जन वृद्धि के मार्ग खोलने में भी सहायता प्राप्त होगी।
- यह देश के हितों की रक्षा करेगा एवं यूएनएफसीसीसी के सिद्धांतों तथा प्रावधानों के आधार पर इसकी भविष्य की विकास आवश्यकताओं की रक्षा करेगा।
- अद्यतन एनडीसी 2021-2030 की अवधि के लिए स्वच्छ ऊर्जा के लिए भारत के संक्रमण के ढांचे का भी प्रतिनिधित्व करता है।
जलवायु परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीसीसी)
- केंद्र सरकार ने जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (नेशनल एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज/एनएपीसीसी) जारी की है ताकि जलवायु परिवर्तन को कम किया जा सके एवं इसके अनुकूल बनाया जा सके।
- जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC) को प्रधानमंत्री की जलवायु परिवर्तन परिषद द्वारा प्रारंभ किया गया था।
- नेशनल एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज (NAPCC) उन उपायों को अभिनिर्धारित करता है जो जलवायु परिवर्तन को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए सह-लाभ प्रदान करते हुए विकास उद्देश्यों को प्रोत्साहित करते हैं।
- आठ “राष्ट्रीय मिशन” हैं जो राष्ट्रीय कार्य योजना के मूल रूप हैं। वे जलवायु परिवर्तन, अनुकूलन एवं शमन, ऊर्जा दक्षता तथा प्राकृतिक संसाधन संरक्षण की समझ को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।”
एनएपीसीसी मिशन
एनएपीसीसी के अंतर्गत 8 मूल मिशन हैं-
- राष्ट्रीय सौर मिशन
- उन्नत ऊर्जा दक्षता के लिए राष्ट्रीय मिशन
- सतत पर्यावास पर राष्ट्रीय मिशन
- राष्ट्रीय जल मिशन
- हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र को अनुरक्षित रखने के लिए राष्ट्रीय मिशन
- एक हरित भारत के लिए राष्ट्रीय मिशन
- सतत कृषि के लिए राष्ट्रीय मिशन
- जलवायु परिवर्तन के लिए रणनीतिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन
जलवायु परिवर्तन के लिए रणनीतिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन (नेशनल मिशन ऑन स्ट्रैटेजिक नॉलेज फॉर क्लाइमेट चेंज/एनएमएसकेसीसी) के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. जलवायु परिवर्तन के लिए रणनीतिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन (NMSKCC) के क्या अधिदेश है?
उत्तर. जलवायु परिवर्तन के लिए रणनीतिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन (NMSKCC) का उद्देश्य जलवायु विज्ञान से संबंधित अनुसंधान, ज्ञान सृजन एवं क्षमता निर्माण को प्रोत्साहित करना है।
प्र. कौन सा मंत्रालय जलवायु परिवर्तन के लिए रणनीतिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन (NMSKCC) को क्रियान्वित कर रहा है?
उत्तर. जलवायु परिवर्तन के लिए रणनीतिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन (NMSKCC) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत कार्यान्वित किया जा रहा है।
प्र. जलवायु परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीसीसी) के तहत आठ मिशन कौन से हैं?
उत्तर. एनएपीसीसी के अंतर्गत 8 मूल मिशन हैं-
- राष्ट्रीय सौर मिशन
- उन्नत ऊर्जा दक्षता के लिए राष्ट्रीय मिशन
- सतत पर्यावास पर राष्ट्रीय मिशन
- राष्ट्रीय जल मिशन
- हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र को अनुरक्षित रखने के लिए राष्ट्रीय मिशन
- एक हरित भारत के लिए राष्ट्रीय मिशन
- सतत कृषि के लिए राष्ट्रीय मिशन
- जलवायु परिवर्तन के लिए रणनीतिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन