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भारत में जैव मंडल आरक्षित केंद्रों/बायोस्फीयर रिजर्व की सूची
यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2022 के लिए जैव मंडल आरक्षित केंद्र (बायोस्फीयर रिजर्व) एक महत्वपूर्ण विषय है। प्रत्येक वर्ष उम्मीदवार यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में बायोस्फीयर रिजर्व पर आधारित प्रश्न पा सकते हैं। इस प्रकार के प्रश्नों के बारे में अच्छी बात यह है कि ये ‘या तो आप जानते हैं या नहीं’ प्रकार के प्रश्न हैं। यदि आप इसे चिह्नित करते हैं, तो इसकी अत्यधिक संभावना है कि आप इसे सही चिह्नित करेंगे। हम आपको इस विषय पर अच्छी समझ रखने के लिए इस सूची को कई बार पढ़ने की सलाह देते हैं।
सूची पर जाने से पूर्व, आइए पहले समझते हैं कि
जैव मंडल आरक्षित केंद्र/बायोस्फीयर रिजर्व क्या हैं?
जैव मंडल आरक्षित केंद्र (बीआर) यूनेस्को द्वारा प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक परिदृश्य के प्रतिनिधि भागों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय पदनाम है जो स्थलीय अथवा तटीय/समुद्री पारिस्थितिक तंत्र या स्थलीय एवं समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के संयोजन के एक विस्तृत क्षेत्र में फैला हुआ है।
जैव मंडल आरक्षित केंद्र को जैव विविधता के संरक्षण, आर्थिक एवं सामाजिक विकास की खोज एवं संबद्ध सांस्कृतिक मूल्यों के अनुरक्षण के सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रश्नों में से एक से निपटने के लिए अभिहित किया गया है।
इस प्रकार जैव मंडल आरक्षित केंद्र लोगों एवं प्रकृति दोनों के लिए विशेष वातावरण हैं एवं इस बात के जीवंत उदाहरण हैं कि किस प्रकार मनुष्य एवं प्रकृति एक दूसरे की आवश्यकताओं का सम्मान करते हुए सह-अस्तित्व में रह सकते हैं।
भारत के समस्त जैव मंडल आरक्षित केंद्रों की सूची नीचे दी गई है
भारत में जैव मंडल आरक्षित केंद्र
क्रम संख्या | जैव मंडल आरक्षित केंद्र का नाम | स्थापना वर्ष | अवस्थिति( राज्य) |
1 | नीलगिरि | 1986 | वायनाड, नागरहोल, बांदीपुर एवं मुदुमलाई, नीलांबुर, साइलेंट वैली एवं सिरुवानी पहाड़ियों (तमिलनाडु, केरल एवं कर्नाटक) का हिस्सा। |
2 | नंदा देवी | 1988 | चमोली, पिथौरागढ़ एवं बागेश्वर जिलों (उत्तराखंड) का हिस्सा। |
3 | नोकरेक | 1988 | गारो हिल्स (मेघालय) का हिस्सा। |
4 | ग्रेट निकोबार | 1989 | अंडमान एवं निकोबार (अंडमान निकोबार द्वीप समूह) का दक्षिणतम द्वीप। |
5 | मन्नार की खाड़ी | 1989 | भारत एवं श्रीलंका (तमिलनाडु) के मध्य मन्नार की खाड़ी का भारतीय भाग। |
6 | मानस | 1989 | कोकराझार, बोंगाईगांव, बारपेटा, नलबाड़ी, कामरूप, और दारंग जिलों (असम) का हिस्सा। |
7 | सुंदरबन | 1989 | गंगा एवं ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली के डेल्टा का हिस्सा
(पश्चिम बंगाल)। |
8 | सिमलीपाल | 1994 | मयूरभंज जिले (उड़ीसा) का हिस्सा। |
9 | डिब्रू-सैखोवा | 1997 | डिब्रूगढ़ एवं तिनसुकिया जिले (असम) का हिस्सा। |
10 | देहांग-दिबांग | 1998 | अरुणाचल प्रदेश में सियांग एवं दिबांग घाटी का हिस्सा। |
11 | पचमढ़ी | 1999 | मध्य प्रदेश के बैतूल, होशंगाबाद एवं छिंदवाड़ा जिलों के हिस्से। |
12 | कंचनजंगा | 2000 | कंचनजंगा पर्वत श्रृंखला एवं सिक्किम के भाग। |
13 | अगस्त्यमलाई | 2001 | केरल में नेय्यर, पेप्पारा, एवं शेंदुर्नी वन्य जीव अभ्यारण्य एवं उनके आसपास के क्षेत्र। |
14 | अचानकमार – अमरकंटक | 2005 | मध्य प्रदेश के अनूपपुर एवं डिंडोरी जिलों के कुछ हिस्सों एवं छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर जिले के कुछ हिस्सों को आच्छादित करता है। |
15 | कच्छ | 2008 | गुजरात राज्य के कच्छ, राजकोट, सुरेंद्रनगर एवं पाटन सिविल जिलों का हिस्सा। |
16 | कोल्ड डेजर्ट | 2009 | पिन वैली राष्ट्रीय उद्यान एवं आसपास; हिमाचल प्रदेश में चंद्रताल तथा सरचू एवं किब्बर वन्य जीव अभ्यारण्य। |
17 | शेषचलम हिल्स/पहाड़ियां | 2010 | शेषचलम पर्वत श्रृंखलाएं आंध्र प्रदेश के चित्तूर एवं कडप्पा जिलों के कुछ हिस्सों को आच्छादित करती हैं। |
18 | पन्ना | 2011 | मध्य प्रदेश में पन्ना एवं छतरपुर जिलों का हिस्सा। |
यूनेस्को के मानव एवं जैव मंडल आरक्षित केंद्र कार्यक्रम (मैन एंड बायोस्फीयर रिजर्व प्रोग्राम) के अंतर्गत जैव मंडल आरक्षित केंद्र
यूनेस्को ने विकास एवं संरक्षण के मध्य संघर्ष को कम करने हेतु प्राकृतिक क्षेत्रों के लिए पदनाम ‘ जैव मंडल आरक्षित केंद्र/बायोस्फीयर रिजर्व’ की शुरुआत की है।
जैव मंडल आरक्षित केंद्र को राष्ट्रीय (केंद्र) सरकार द्वारा अभिहित किया जाता है जो न्यूनतम मानदंडों को पूरा करते हैं एवं यूनेस्को के मैन एंड बायोस्फीयर रिजर्व कार्यक्रम के तहत बायोस्फीयर रिजर्व के विश्व नेटवर्क में सम्मिलित किए जाने हेतु न्यूनतम शर्तों का पालन करते हैं।
विश्व स्तर पर, 122 देशों में 686 जैव मंडल आरक्षित केंद्र हैं, जिनमें 20 सीमा-पारीय स्थल (ट्रांस बाउंड्री साइट) शामिल हैं।
मैन एंड बायोस्फीयर रिजर्व प्रोग्राम के तहत जैव मंडल आरक्षित केंद्र
भारत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त 12 जैव मंडल आरक्षित केंद्र हैं। वे इस प्रकार हैं।
क्रम सं | वर्ष | नाम | राज्य |
1 | 2000 | नीलगिरी जैव मंडल आरक्षित केंद्र | तमिलनाडु |
2 | 2001 | मन्नार की खाड़ी जैवमंडल आरक्षित केंद्र | तमिलनाडु |
3 | 2001 | सुंदरवन जैव मंडल आरक्षित केंद्र | पश्चिम बंगाल |
4 | 2004 | नंदा देवी जैव मंडल आरक्षित केंद्र | उत्तराखंड |
5 | 2009 | पचमढ़ी जैव मंडल आरक्षित केंद्र | मध्य प्रदेश |
6 | 2009 | नोकरेक जैव मंडल आरक्षित केंद्र | मेघालय |
7 | 2009 | सिमलीपाल जैव मंडल आरक्षित केंद्र | ओडिशा |
8 | 2012 | अचानकमार-अमरकंटक जैव मंडल आरक्षित केंद्र | छत्तीसगढ़ |
9 | 2013 | ग्रेट निकोबार जैव मंडल आरक्षित केंद्र | ग्रेट निकोबार |
10 | 2016 | अगस्त्यमाला जैवमंडल आरक्षित केंद्र | केरल एवं तमिलनाडु |
11 | 2018 | कंचनजंगा जैव मंडल आरक्षित केंद्र | उत्तर एवं पश्चिम सिक्किम जिलों का हिस्सा |
12 | 2020 | पन्ना जैव मंडल आरक्षित केंद्र | मध्य प्रदेश |
प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न. भारत का प्रथम जैव मंडल आरक्षित केंद्र कौन सा था?
उत्तर. नीलगिरी जैव मंडल आरक्षित केंद्र
प्रश्न. हाल ही में किस जैव मंडल आरक्षित केंद्र को यूनेस्को का दर्जा प्राप्त हुआ है?
उत्तर. पन्ना जैव मंडल आरक्षित केंद्र
प्रश्न. भारत में कितने जैव मंडल आरक्षित केंद्र हैं?
उत्तर. भारत में कुल 18 जैव मंडल आरक्षित केंद्र हैं।
प्रश्न. कौन से संरक्षित क्षेत्र अगस्त्यमलाई जैव मंडल आरक्षित केंद्र बनाते हैं?
उत्तर, नेय्यर, पेप्पारा एवं शेंदुर्नी वन्यजीव अभ्यारण्य।
प्रश्न. पचमढ़ी जैव मंडल आरक्षित केंद्र कहाँ स्थित है?
उत्तर. मध्य प्रदेश