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भारत-यूके वित्तीय बाजार दूसरा संवाद 2023 लंदन में आयोजित हुआ

भारत-यूके दूसरा वित्तीय बाजार संवाद: भारत-यूके वित्तीय बाजार संवाद भारत तथा ब्रिटेन ( यूनाइटेड किंगडम/यूके) के लिए वित्तीय बाजारों एवं इस क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने का एक मंच है। यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- अंतरराष्ट्रीय संबंध- भारत एवं यूके के मध्य द्विपक्षीय संबंध) के लिए भी भारत-यूके द्वितीय वित्तीय बाजार संवाद महत्वपूर्ण है।

भारत-यूके दूसरा वित्तीय बाजार संवाद 2023 चर्चा में क्यों है?

हाल ही में, भारत तथा यूके ने लंदन में भारत-यूके वित्तीय बाजार संवाद की द्वितीय बैठक बुलाई, जिसमें दोनों पक्षों ने 2017 के पश्चात से, चार वर्षों में प्रथम बार आमने-सामने वित्तीय वार्ता आयोजित करने पर प्रसन्नता व्यक्त की।

भारत-यूके द्वितीय वित्तीय बाजार संवाद विवरण

भारत-यूके वित्तीय बाजार संवाद भारत एवं यूके के लिए वित्तीय बाजारों तथा इस क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने का एक मंच है। भारत एवं यूके के प्रधानमंत्रियों के मध्य 2021 की बैठक के दौरान, उन्होंने 2030 रोडमैप को अपनाया जिसमें एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में वित्तीय सहयोग शामिल है।

  • नेताओं ने दोनों देशों के मध्य वित्तीय सेवाओं के सहयोग को बढ़ाने की पर्याप्त क्षमता को स्वीकार किया एवं 2024 में भारत में अगली वित्तीय बाजार वार्ता आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की।
  • यह निर्णय भारत तथा यूके के मध्य वित्तीय संबंधों को मजबूत करने की साझा प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
  • भारत-यूके वित्तीय बाजार संवाद छह थीम्स पर केंद्रित है:
    • बैंकिंग
    • भुगतान एवं क्रिप्टो संपत्ति,
    • बीमा तथा पुनर्बीमा,
    • पूंजी बाजार
    • परिसंपत्ति प्रबंधन (एसेट मैनेजमेंट), एवं
    • स्थायी वित्त।

2रा भारत-यूके वित्तीय बाजार संवाद भागीदारी

भारतीय वित्त मंत्रालय एवं एचएम ट्रेजरी के वरिष्ठ अधिकारियों ने संवाद का नेतृत्व किया, जिसमें भारतीय रिज़र्व बैंक (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया/RBI), भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया/SEBI), अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर अथॉरिटी/IFSCA), भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया/IRDAI), बैंक ऑफ़ इंग्लैंड तथा वित्तीय आचरण प्राधिकरण सहित भारत एवं यूके की स्वतंत्र नियामक एजेंसियों की भागीदारी शामिल थी।

  • बैठक के दौरान, दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने जिम्मेदारी के अपने क्षेत्रों से संबंधित मामलों पर चर्चा की एवं वित्तीय विनियमन के उभरते क्षेत्रों में सहयोग के संभावित अवसरों का पता लगाया।
  • सरकार से सरकार के मध्य चर्चा के उपरांत, भारत-यूके वित्तीय भागीदारी ( इंडिया यूके फाइनेंशियल पार्टनरशिप/आईयूकेएफपी) के सह-अध्यक्ष श्री बिल विंटर्स एवं श्री उदय कोटक के नेतृत्व में निजी क्षेत्र के भागीदारों को चर्चा के लिए आमंत्रित किया गया था।

2रा भारत-यूके वित्तीय बाजार संवाद के प्रमुख निष्कर्ष

बैठक के दौरान, यूके एवं भारत के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने बैंकिंग क्षेत्रों में हाल के घटनाक्रमों पर अद्यतन जानकारी साझा की। उन्होंने विभिन्न बैंकिंग प्रवृत्तियों, उभरती संवेदनशीलताओं तथा क्षेत्र में जोखिमों पर चर्चा की।

  • प्रतिभागियों ने सेंट्रल बैंकिंग डिजिटल करेंसी (CBDC) की अपनी समझ बढ़ाने के लिए आपसी रूप से सीखने के अवसरों की खोज की।
  • उन्होंने क्रिप्टो सेट्स में वैश्विक विकास पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया एवं मजबूत वैश्विक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया।
  • इसके अतिरिक्त, प्रतिभागियों ने सीमा पार भुगतान बढ़ाने के लिए जी-20 रोडमैप प्रदान करने में हुई प्रगति का आकलन किया।
  • प्रतिभागियों ने सहयोग के लिए उभरते क्षेत्रों को पहचाना, जिसमें उनके संबंधित देशों में पेंशन निधि (पेंशन फंड/पीएफ) के लिए नियामक ढांचे पर ज्ञान का आदान-प्रदान शामिल था।
  • उन्होंने सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लिए प्रौद्योगिकी-आधारित समाधानों सहित पीएफ के लिए संभावित निवेश अवसरों एवं पारिस्थितिक तंत्र के विकास पर भी चर्चा की।
  • इसके अतिरिक्त, दोनों पक्षों ने ईएसजी रेटिंग प्रदाताओं के प्रभावी विनियमन पर आगे तकनीकी चर्चा करने की संभावना तलाशी।
  • उन्होंने जीआईएफटी-आईएफएससी द्वारा विभिन्न कार्य क्षेत्रों, जैसे कि द्वैध सूचीयन (डुअल लिस्टिंग) के लिए पूंजी बाजार, स्थायी वित्त, निधि प्रबंधन एवं पुनर्बीमा में पेश किए गए अवसरों पर सहयोग जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।

 

भारत-यूके द्वितीय वित्तीय बाजार संवाद के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

प्र. भारत-यूके वित्तीय बाजार संवाद क्या है?

उत्तर. भारत-यूके वित्तीय बाजार संवाद भारत तथा यूके के लिए वित्तीय बाजारों एवं इस क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने हेतु एक मंच है।

प्र. भारत-यूके वित्तीय बाजार संवाद की दूसरी बैठक कब आयोजित हुई थी?

उत्तर. भारत-यूके वित्तीय बाजार संवाद की दूसरी बैठक हाल ही में आयोजित की गई थी, हालांकि निश्चित तिथि निर्दिष्ट नहीं की गई है।

प्र. संवाद में किसने भाग लिया?

उत्तर. भारतीय वित्त मंत्रालय एवं एचएम ट्रेजरी के वरिष्ठ अधिकारियों ने संवाद का नेतृत्व किया, जिसमें भारतीय रिज़र्व बैंक (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया/RBI), भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया/SEBI), अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर अथॉरिटी/IFSCA), भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया/IRDAI), बैंक ऑफ़ इंग्लैंड तथा वित्तीय आचरण प्राधिकरण सहित भारत एवं यूके की स्वतंत्र नियामक एजेंसियों की भागीदारी शामिल थी।

 

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FAQs

भारत-यूके वित्तीय बाजार संवाद क्या है?

भारत-यूके वित्तीय बाजार संवाद भारत तथा यूके के लिए वित्तीय बाजारों एवं इस क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने हेतु एक मंच है।

भारत-यूके वित्तीय बाजार संवाद की दूसरी बैठक कब आयोजित हुई थी?

भारत-यूके वित्तीय बाजार संवाद की दूसरी बैठक हाल ही में आयोजित की गई थी, हालांकि निश्चित तिथि निर्दिष्ट नहीं की गई है।

संवाद में किसने भाग लिया?

भारतीय वित्त मंत्रालय एवं एचएम ट्रेजरी के वरिष्ठ अधिकारियों ने संवाद का नेतृत्व किया, जिसमें भारतीय रिज़र्व बैंक (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया/RBI), भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया/SEBI), अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर अथॉरिटी/IFSCA), भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया/IRDAI), बैंक ऑफ़ इंग्लैंड तथा वित्तीय आचरण प्राधिकरण सहित भारत एवं यूके की स्वतंत्र नियामक एजेंसियों की भागीदारी शामिल थी।

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