Home   »   India-GCC Relations   »   India-UAE CEPA

भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए), भारत-यूएई द्विपक्षीय व्यापार के लिए ग्रोथ इंजन

भारत-यूएई सीईपीए: भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (कंप्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट/सीईपीए) दो देशों के मध्य व्यापार एवं वाणिज्य को प्रोत्साहित करने हेतु एक द्विपक्षीय व्यापार संधि है।  यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- अंतरराष्ट्रीय संबंध, भारत तथा विश्व के अन्य देशों के मध्य द्विपक्षीय संबंध) के लिए भी भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता महत्वपूर्ण है।

भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) चर्चा में क्यों है?

हाल ही में, वाणिज्य सचिव श्री सुनील बर्थवाल ने भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (कंप्रिहेंसिव इकोनामिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट/सीईपीए) के कार्यान्वयन की पहली वर्षगांठ पर भारत तथा यूएई के लोगों को बधाई दी।

  • उन्होंने विगत 11 माह में भारत-यूएई द्विपक्षीय व्यापार के विकास इंजन के रूप में सीईपीए की भूमिका के बारे में भी बात की।
  • भारत-यूएई सीईपीए का उपयोग माह-दर-माह निरंतर वृद्धि कर रहा है। सीईपीए के तहत जारी किए गए अधिमान्य प्रमाण पत्र (सर्टिफिकेट ऑफ ओरिजिन/सीओओ) की संख्या मई 2022 में 415 से बढ़कर मार्च 2023 में 8440 हो गई।
  • 11 माह (22 मई – 23 मार्च) की अवधि के दौरान सीईपीए के तहत 54,000 से अधिक अधिमान्य प्रमाण पत्र (सीओओ) जारी किए गए।

भारत-यूएई सीईपीए के लाभ

वाणिज्य सचिव के अनुसार, भारत तथा यूएई के मध्य व्यापारिक सुगमता (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) को बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने भी अपने संबंधित क्षेत्रों में विकास को गति देने के लिए सीईपीए का उपयोग करने की सूचना दी। उन्होंने इस उद्देश्य के लिए समझौते का लाभ उठाने के अपने सकारात्मक अनुभव को साझा किया।

भारत-यूएई द्विपक्षीय व्यापार वृद्धि

विगत एक वर्ष के दौरान, CEPA ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ भारत के द्विपक्षीय व्यापार एवं विशेष रूप से यूएई को भारत के निर्यात (तेल तथा गैर-तेल) पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है।

  • वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान भारत तथा यूएई के मध्य द्विपक्षीय व्यापार ऐतिहासिक ऊंचाई को छू गया है।
  • व्यापार 72.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर (अप्रैल 21-मार्च 2022) से बढ़कर 84.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर (अप्रैल 22-मार्च 2023) हो गया है, जो वर्ष-प्रति-वर्ष 16% की वृद्धि दर्ज करता है।
  • व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (कंप्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट/सीईपीए) की कार्यान्वयन अवधि (22 मई से 23 मार्च तक) के दौरान, द्विपक्षीय व्यापार 67.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर (21 मई-मार्च 2022) से – 14% की वार्षिक वृद्धि के साथ बढ़कर 76.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर (22 मई-मार्च 2023) हो गया।

भारत- यूएई सीईपीए के दौरान यूएई को भारत का आयात-निर्यात

भारत से संयुक्त अरब अमीरात को होने वाले निर्यात ने भी कई वर्षों का उच्चतम स्तर दर्ज किया है। अप्रैल-मार्च की अवधि के दौरान, संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय निर्यात 28 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 31.3 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया; यह लगभग 3.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि अथवा प्रतिशत के संदर्भ में 11.8% वर्ष-प्रति-वर्ष वृद्धि को दर्शाता है। इसी अवधि के दौरान, भारत के वैश्विक निर्यात में वृद्धि 5.3% थी, संयुक्त अरब अमीरात को छोड़कर, भारत का वैश्विक निर्यात 4.8% की दर से बढ़ा।

  • सीईपीए के कार्यान्वयन अवधि (22 मई – 23 मार्च) के दौरान, संयुक्त अरब अमीरात को भारत का निर्यात 26.2 बिलियन डॉलर (21 मई – 22 मार्च) से 8.5% वर्ष-दर-वर्ष की वृद्धि के साथ बढ़कर 28.5 बिलियन डॉलर (22 मई – 23 मार्च) हो गया।
  • इसी अवधि के दौरान, संयुक्त अरब अमीरात को छोड़कर भारत का वैश्विक निर्यात 3.1% की दर से बढ़ा।
  • 22 अप्रैल से 23 मार्च के दौरान संयुक्त अरब अमीरात से भारत का आयात बढ़कर 53.2 बिलियन अमरीकी डॉलर (18.8% की वार्षिक वृद्धि) हो गया है। इसी अवधि के दौरान गैर-तेल आयात में 4.1% की वृद्धि हुई है।

भारत-यूएई सीईपीए के दौरान उच्च वृद्धि वाले क्षेत्र

व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के कारण महत्वपूर्ण निर्यात वृद्धि का अनुभव करने वाले श्रम-गहन क्षेत्रों सहित कुछ प्रमुख क्षेत्रों में शामिल हैं-

  • खनिज ईंधन;
  • विद्युत मशीनरी (विशेष रूप से टेलीफोन उपकरण);
  • रत्न एवं आभूषण; ऑटोमोबाइल (परिवहन वाहन खंड);
  • आवश्यक तेल/इत्र/प्रसाधन सामग्री (सौंदर्य/त्वचा देखभाल उत्पाद);
  • अन्य मशीनरी;
  • अनाज (चावल);
  • कॉफी/चाय/मसाले;
  • अन्य कृषि उत्पाद; तथा
  • रासायनिक उत्पाद

भारत-यूएई सीईपीए की पृष्ठभूमि

18 फरवरी 2022 को हस्ताक्षरित, भारत तथा संयुक्त अरब अमीरात के मध्य व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) एक व्यापक तथा विस्तृत समझौता है। भारत के प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी एवं संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति तथा अबू धाबी के शासक महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के मध्य एक आभासी शिखर सम्मेलन के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (कंप्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट/सीईपीए) 1 मई 2022 को लागू हुआ।

  • दायरा: भारत-यूएई सीईपीए समझौते में शामिल क्षेत्र शामिल हैं-
    • वस्तुएं,
    • सेवाएं,
    • उत्पत्ति के नियम,
    • सीमा शुल्क प्रक्रिया,
    • सरकारी प्रापण,
    • बौद्धिक संपदा अधिकार, तथा
    • ई कॉमर्स।
  • उत्पत्ति के नियम: भारत-यूएई सीईपीए में दोनों अर्थव्यवस्थाओं को तीसरे देशों द्वारा समझौते के दुरुपयोग से बचाने के लिए उत्पत्ति अथवा उद्गम के सुदृढ़ नियम शामिल हैं, जिसमें किसी भी देश से घरेलू उत्पादित उत्पादों के रूप में अर्हता प्राप्त करने के लिए इस्पात निर्यात हेतु “मेल्ट एंड पोर” की आवश्यकता शामिल है।
  • सेवा क्षेत्र का आच्छादन: सेवा क्षेत्र में, सभी क्षेत्रों तथा आपूर्ति के तरीकों में व्यापक एवं गहन प्रतिबद्धताओं को लिया गया है।
    • 160 सेवा उप-क्षेत्रों में से, भारत ने संयुक्त अरब अमीरात को 100 उप-क्षेत्रों की पेशकश की है एवं संयुक्त अरब अमीरात ने भारत को 111 उप-क्षेत्रों की पेशकश की है।
  • सुरक्षा तंत्र: यह समझौता दोनों देशों में व्यवसायों की सुरक्षा के लिए एक स्थायी सुरक्षा तंत्र भी प्रदान करता है ताकि “किसी भी विशेष उत्पाद (आयात) की मात्रा में अनावश्यक अथवा अनुचित वृद्धि को रोका जा सके।”
  • चिकित्सा उत्पादों के लिए त्वरित विनियामक अनुमोदन: भारत-यूएई सीईपीए के तहत, यूएई ने भारतीय औषधि उत्पादों एवं चिकित्सा उत्पादों के लिए 90 दिनों के भीतर बाजार पहुंच तथा विनियामक अनुमोदन की सुविधा प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की।
    • यह सुविधा उन उत्पादों के लिए उपलब्ध है जिन्हें यूएस, यूके, यूरोपियन यूनियन, कनाडा एवं ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित क्षेत्राधिकारों में अनुमोदित किया गया है।
  • प्रौद्योगिकी एवं धारणीयता पर ध्यान केंद्रण: न्यू इंडिया-यूएई पार्टनरशिप में प्रौद्योगिकी, डिजिटल ट्रेड  तथा धारणीयता का बड़ा फोकस है।
  • “खाद्य सुरक्षा गलियारा पहल” के संबंध में संयुक्त अरब अमीरात की ओर से एपीडा, डीपी वर्ल्ड एवं अल दहरा के मध्य एक समझौता ज्ञापन तैयार किया गया है, जिसके तहत भारत संयुक्त अरब अमीरात की खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम होगा।

भारत-यूएई सीईपीए प्रशुल्क कटौती

वस्तुओं के क्षेत्र में भारत-यूएई सीईपीए के तहत, यूएई ने भारत से 99% आयात के अनुरूप अपनी प्रशुल्क लाइनों के 97.4% पर शुल्क समाप्त कर दिया।

  • भारत ने मूल्य के संदर्भ में भारत के 90% निर्यात के अनुरूप अपनी 80% से अधिक प्रशुल्क (टैरिफ) लाइनों पर तत्काल शुल्क समाप्त कर दिया है।
  • इनमें से अधिकांश टैरिफ लाइनें श्रम प्रधान उद्योगों/क्षेत्रों जैसे तिलहन एवं तेल, पेय पदार्थ, कपास, मछली  तथा मछली उत्पाद, कपड़ा, कपड़े, रत्न एवं आभूषण, चमड़ा, जूते, औषधि एवं विभिन्न अभियांत्रिकी उत्पादों से संबंधित हैं।

भारत-यूएई सीईपीए के अपेक्षित परिणाम

  • द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा: भारत-यूएई मुक्त व्यापार समझौता (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट/एफटीए) को अपनाए जाने के 5 वर्षों के भीतर वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार को 100 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने की संभावना है, जो वर्तमान में 60 बिलियन डॉलर से अधिक है।
  • श्रम प्रधान क्षेत्रों को लाभ: भारत-यूएई CEPA अनेक श्रम-उन्मुख क्षेत्रों में देश के निर्यात को बढ़ावा देगा।
    • इन क्षेत्रों में रत्न एवं आभूषण, कपड़ा, चमड़ा, जूते, खेल के सामान, इंजीनियरिंग सामान तथा फार्मास्यूटिकल्स शामिल होंगे।
  • रोजगार सृजन: भारत-यूएई सीईपीए से भारत में अनुमानित 10 लाख नौकरियों के सृजित होने की संभावना है।
  • सामरिक लाभ: संयुक्त अरब अमीरात के साथ संबंधों के प्रगाढ़ होने से भारतीय निर्यातकों को अन्य पश्चिम एशियाई देशों, अफ्रीका एवं यूरोप के कुछ हिस्सों तक पहुंच प्राप्त करने में भी सहायता मिलेगी।
  • प्रौद्योगिकी क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित होंगे: भारत-यूएई सीईपीए भारतीयों के लिए यूएई में काम करने के अनेक नए अवसर खोलेगा, जिसमें फिनटेक, एड-टेक, ग्रीन टेक, ऑटोमेशन तथा कृत्रिम प्रज्ञान (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) शामिल हैं।

 

भारत-यूएई सीईपीए के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

प्र. भारत तथा संयुक्त अरब अमीरात के मध्य CEPA क्या है?

उत्तर. CEPA, व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते के प्रति संदर्भित है। यह भारत तथा यूएई के मध्य एक द्विपक्षीय समझौता है जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग एवं व्यापार संबंधों को बढ़ावा देना है।

प्र. भारत-यूएई सीईपीए पर कब हस्ताक्षर किए गए थे?

उत्तर. भारत-यूएई सीईपीए पर 18 फरवरी 2022 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं यूएई के राष्ट्रपति तथा अबू धाबी के शासक महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के मध्य एक आभासी शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे।

प्र. भारत-यूएई सीईपीए कब प्रभाव में आया?

उत्तर. भारत-यूएई सीईपीए 1 मई 2022 को प्रवर्तन में आया।

प्र. भारत-यूएई सीईपीए की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं?

उत्तर. भारत-यूएई सीईपीए वस्तुओं में व्यापार, सेवाओं में व्यापार, निवेश, आर्थिक सहयोग एवं बौद्धिक संपदा अधिकारों सहित विभिन्न क्षेत्रों को कवर करता है। समझौते का उद्देश्य भारत तथा संयुक्त अरब अमीरात के मध्य आर्थिक सहयोग बढ़ाने एवं व्यापार और निवेश प्रवाह को प्रोत्साहित करने हेतु एक रूपरेखा प्रदान करना है।

प्र. भारत-यूएई सीईपीए से भारत तथा यूएई को कैसे लाभ होगा?

उत्तर. भारत-यूएई सीईपीए से व्यापार एवं निवेश प्रवाह को प्रोत्साहित करने, आर्थिक सहयोग बढ़ाने एवं व्यवसायों  तथा उद्यमियों के लिए नए अवसर सृजित करके दोनों देशों को महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करने की संभावना है।

 

Sharing is caring!

FAQs

भारत तथा संयुक्त अरब अमीरात के मध्य CEPA क्या है?

CEPA,व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते के प्रति संदर्भित है। यह भारत तथा यूएई के मध्य एक द्विपक्षीय समझौता है जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग एवं व्यापार संबंधों को बढ़ावा देना है।

भारत-यूएई सीईपीए पर कब हस्ताक्षर किए गए थे?

भारत-यूएई सीईपीए पर 18 फरवरी 2022 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं यूएई के राष्ट्रपति तथा अबू धाबी के शासक महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के मध्य एक आभासी शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे।

भारत-यूएई सीईपीए कब प्रभाव में आया?

भारत-यूएई सीईपीए 1 मई 2022 को प्रवर्तन में आया।

भारत-यूएई सीईपीए की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं?

भारत-यूएई सीईपीए वस्तुओं में व्यापार, सेवाओं में व्यापार, निवेश, आर्थिक सहयोग एवं बौद्धिक संपदा अधिकारों सहित विभिन्न क्षेत्रों को कवर करता है। समझौते का उद्देश्य भारत तथा संयुक्त अरब अमीरात के मध्य आर्थिक सहयोग बढ़ाने एवं व्यापार और निवेश प्रवाह को प्रोत्साहित करने हेतु एक रूपरेखा प्रदान करना है।

भारत-यूएई सीईपीए से भारत तथा यूएई को कैसे लाभ होगा?

भारत-यूएई सीईपीए से व्यापार एवं निवेश प्रवाह को प्रोत्साहित करने, आर्थिक सहयोग बढ़ाने एवं व्यवसायों तथा उद्यमियों के लिए नए अवसर सृजित करके दोनों देशों को महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करने की संभावना है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *