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‘अल मोहम्मद अल हिंदी 23′ युद्धाभ्यास: ‘अल मोहम्मद अल हिंदी 23’ युद्धाभ्यास भारत एवं सऊदी अरब के मध्य एक द्विपक्षीय युद्धाभ्यास है, जिसका उद्देश्य सामरिक युद्धाभ्यास, खोज एवं बचाव अभियान तथा अंतर-संचालनीयता में वृद्धि करने हेतु एक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध ड्रिल करना है। युद्धाभ्यास ‘अल मोहम्मद अल हिंदी 23’ यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 3- आंतरिक सुरक्षा, भारत तथा अन्य देशों के मध्य द्विपक्षीय नौसैनिक युद्धाभ्यास) के लिए भी महत्वपूर्ण है।
‘अल मोहम्मद अल हिंदी 23′ युद्धाभ्यास चर्चा में क्यों है?
हाल ही में, द्विपक्षीय युद्धाभ्यास ‘अल मोहम्मद अल हिंदी 23’ के दूसरे संस्करण का समुद्री चरण अल जुबैल, सऊदी अरब के तट पर संपन्न हुआ।
युद्धाभ्यास ‘अल मोहम्मद अल हिन्दी 23′ से संबंधित विवरण
युद्धाभ्यास ‘अल मोहम्मद अल हिंदी 23’ दोनों देशों को अपने सैन्य संबंधों को मजबूत करने तथा अपनी नौसेनाओं के मध्य सहयोग को और गहन करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
- पृष्ठभूमि: अगस्त 2021 में प्रथम युद्ध अभ्यास के पश्चात दोनों देशों के मध्य ‘अल-मोहम्मद-अल हिंदी-23’ इस तरह का दूसरा युद्धाभ्यास है। ‘अल मोहम्मद अल हिंदी’ द्विपक्षीय युद्धाभ्यास पर निर्णय 2019 में आयोजित रियाद शिखर सम्मेलन के दौरान लिया गया था।
- अधिदेश: ‘अल मोहम्मद अल हिंदी 23’ युद्धाभ्यास का उद्देश्य सामरिक युद्धाभ्यास, खोज एवं बचाव अभियान तथा अंतर-संचालनीयता बढ़ाने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध अभ्यास ड्रिल है।
- भागीदारी: ‘अल मोहम्मद अल हिंदी 23’ युद्धाभ्यास में भारतीय नौसेना एवं रॉयल सऊदी नौसेना फोर्स (RSNF) की भागीदारी शामिल है।
- भारत की ओर से युद्धाभ्यास में INS तरकश, INS सुभद्रा एवं डोर्नियर मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट (एमपीए) ने भाग लिया।
- RSNF का प्रतिनिधित्व HMS बद्र और अब्दुल अजीज, MH 60R हेलो तथा मानव रहित विमान (अनमैंड एरियल व्हीकल/UAV) द्वारा किया गया।
- गतिविधियाँ: समुद्र में तीन दिवसीय युद्धाभ्यास के दौरान, समुद्री अभियानों की एक विविध श्रेणी का संचालन किया गया।
- ‘अल मोहम्मद अल हिंदी 23’ युद्धाभ्यास समुद्र में एक डीब्रीफिंग सत्र के साथ संपन्न हुआ, जिसके बाद पारंपरिक स्टीम पास्ट समारोह हुआ।
‘अल मोहम्मद अल हिंदी 23′ का महत्व
‘अल मोहम्मद अल हिंदी 23’ युद्धाभ्यास ने भारतीय नौसेना एवं रॉयल सऊदी नौसेना फोर्स (आरएसएनएफ) के मध्य व्यावसायिकता, अंतर-सक्रियता तथा सर्वोत्तम व्यवहार के आदान-प्रदान के सराहनीय स्तर का प्रदर्शन किया।
- द्विपक्षीय ‘अल मोहम्मद अल हिंदी 23’ युद्धाभ्यास ने अपने सभी उद्देश्यों को प्राप्त किया, जिससे दोनों नौसेनाओं के लिए आगामी संस्करण में और अधिक परिष्कृत युद्धाभ्यासों की ओर बढ़ने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
- ‘अल मोहम्मद अल हिंदी 23’ युद्धाभ्यास ने दोनों देशों को अपने सैन्य संबंधों को मजबूत करने तथा अपनी नौसेनाओं के मध्य सहयोग को और गहन करने हेतु एक मंच प्रदान किया।