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चीन में आर्थिक मंदी: प्रासंगिकता
- जीएस 2: भारत के हितों, भारतीय प्रवासियों पर विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों एवं राजनीति का प्रभाव।
चीन में आर्थिक मंदी: प्रसंग
- चीन की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 9% तक मंद हो गई क्योंकि इस साल सितंबर में औद्योगिक उत्पादन अपेक्षा से अत्यंत कम था।

चीन में आर्थिक मंदी: मुख्य बिंदु
- अल्प वृद्धि का मुख्य कारण औद्योगिक विकास की मंदी थी जो अपेक्षित 4-4.5% के मुकाबले 1% की दर से बढ़ी।
- हाल ही में सकल घरेलू उत्पाद का अनुमान संकेत देता है कि व्यवसाय नवीन परियोजनाओं में निवेश करने हेतु कम उत्सुक थे।
वैश्विक विनिर्माण जोखिम सूचकांक
चीन में आर्थिक मंदी: कारण
ईंधन/ ऊर्जा संकट
- कोयले की कीमतों में उछाल के कारण विद्युत आपूर्ति में कमी हो गई जिससे राज्य सरकारों को विद्युत आपूर्ति में कटौती करनी पड़ी।
- इससे देश के दक्षिण पूर्व के केंद्रीय स्थल में औद्योगिक क्षेत्र में उत्पादन में कमी आई है।
अचल संपत्ति में उथल-पुथल
- स्थावर संपदा (रियल एस्टेट) चीन के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग एक चौथाई हिस्सा गठित करता है।
- इस प्रकार, अचल संपत्ति निवेश में मंदी के कारण अचल संपत्ति निवेश में गिरावट आई है।
- इस प्रकार इसके अपतटीय अमेरिकी डॉलर मूल्यवर्ग के ऋण में निवेशकों को भुगतान में असफल रहने एवं पश्चातवर्ती भुगतान विफलता में वृद्धि हो रही है।
- अन्य क्षेत्रों पर इसके संभावित सोपानी व्यापक प्रभाव को लेकर भी चिंताएं हैं।
सरकार की कार्रवाई
- अनेक चीनी क्षेत्रों पर संघीय सरकार की कार्रवाई के मध्य व्यापार भावना में खटास है, जो वर्षों से विकास का शुभंकर रहा है।
आर्थिक असंतुलन
- 2013 से आवासीय निर्माण में मंदी, कुछ प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में अतिरिक्त क्षमता एवं 2010 तथा 2014 के मध्य अनियमित आभासी बैंकिंग ऋणों की तेजी से वृद्धि संकट को और गहन कर रही है।
1 ट्रिलियन डिजिटल अर्थव्यवस्था हेतु 1000 दिन की योजना
भू-राजनीतिक जोखिम
- दक्षिण चीन सागर विवाद एवं सेनकाकू द्वीप विवाद जैसे अनसुलझे क्षेत्रीय विवादों के परिणामस्वरूप राजनीतिक एवं सैन्य तनाव हो रहा है एवं इसका आर्थिक मुद्दों पर भी प्रभाव पड़ता है।
चीन में आर्थिक मंदी: भारत पर प्रभाव
- 2021 के प्रथम नौ महीनों में चीन से भारत का आयात बढ़कर 5 बिलियन डॉलर हो गया, जो 2020 की समान अवधि की तुलना में 52 प्रतिशत अधिक है।
- इसका तात्पर्य है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर तत्काल प्रभाव नकारात्मक होगा क्योंकि चीन के साथ हमारा व्यापार घाटा अत्यंत वृहद है।
- सर्वाधिक प्रभावित खंड स्मार्टफोन एवं ऑटोमोबाइल घटक, दूरसंचार उपकरण, सक्रिय दवा अवयव एवं अन्य रसायन होंगे।
- दूसरी तरफ, यद्यपि, चीन में मंदी की स्थिति का सदुपयोग हमारे देश द्वारा किया जा सकता है एवं कंपनियों को प्रोत्साहित करके भारत को एक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित कर सकता है।
- उत्पादन सहलग्न प्रोत्साहन योजना, वस्त्रों के लिए पीएलआई योजना, 13 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं, ड्रोन एवं ड्रोन घटकों हेतु पीएलआई योजना, मेडिकल डिवाइसेज पार्क योजना, आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना, भारत निर्यात पहल, पीएम मित्र योजना, पीएम गति शक्ति महायोजना जैसी योजनाएं सही दिशा में हैं।


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