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आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) का विघटन

आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) का विघटन – यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 3: भारतीय अर्थव्यवस्था- औद्योगिक नीति में परिवर्तन एवं औद्योगिक विकास पर उनके प्रभाव।

आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) का विघटन – संदर्भ

  • हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) को भंग करने का आदेश जारी किया है।
  • विघटन के पश्चात, इसकी परिसंपत्तियां, कर्मचारियों एवं प्रबंधन को सात नवगठित रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों (डीपीएसयू) में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

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आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) का विघटन – प्रमुख बिंदु

  • आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) की पृष्ठभूमि: ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) की स्थापना 1875 में अंग्रेजों द्वारा 1775 में स्वीकृत किए जाने के पश्चात की गई थी।
  • आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) के बारे में: ओएफबी आयुध निर्माणियों एवं संबंधित संस्थानों का एक प्रछत्र निकाय था।
    • आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) का मूल मंत्रालय: रक्षा मंत्रालय (एमओडी) के अधीनस्थ कार्यालय के रूप में कार्य किया।
  • ओएफबी को विघटित करना: 16 जून को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ओएफबी को निगमित करने के लिए एक दीर्घ अवधि से प्रतीक्षित सुधार योजना को स्वीकृति प्रदान की थी।
    • इसने 41 ओएफबी निर्माणियों (कारखानों) को डीपीएसयू की तर्ज पर सात पूर्ण रूप  से सरकारी स्वामित्व वाली कॉर्पोरेट संस्थाओं में रूपांतरण को स्वीकृति प्रदान की।
  • आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) के पुनर्गठन के उद्देश्य: ओएफबी को विघटित करने के मुख्य उद्देश्य हैं-
    • आयुध निर्माणियों को उत्पादक एवं लाभदायक परिसंपत्तियों में रूपांतरित करना,
    • उत्पाद श्रृंखला में विशेषज्ञता को गहन करना,
    • प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि, गुणवत्ता एवं लागत-दक्षता में सुधार करना।

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आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) का विघटन – संबद्ध प्रभाव

  • 41 उत्पादन इकाइयों तथा अभिनिर्धारित किए गए गैर-उत्पादन इकाइयोंके प्रबंधन, नियंत्रण, संचालन एवं रखरखाव का स्थानांतरण सात सरकारी कंपनियों को हस्तांतरित किया जाना । सात कंपनियां हैं-
  1. एम्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड,
  2. बख्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड,
  3. एडवांस वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड,
  4. ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड,
  5. यंत्र इंडिया लिमिटेड,
  6. इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड, एवं
  7. ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड।
  • ओएफबी की कुछ अभिनिर्धारित की गई गैर-उत्पादन इकाइयों एवं ओएफबी की 16 उत्पादन इकाइयों में अभिनिर्धारित की गई अधिशेष भूमि के प्रबंधन, नियंत्रण, संचालन एवं रखरखाव को डीडीपी के तहत आयुध निदेशालय (समन्वय एवं सेवाएं) को हस्तांतरित करना
  • कर्मचारियों पर प्रभाव: उत्पादन इकाइयों से संबंधित ओएफबी एवं अभिनिर्धारित किए गए गैर-उत्पादन इकाइयों के समस्त कर्मचारियों को सामूहिक रूप से नए डीपीएसयू में स्थानांतरित किया जाएगा।
  • नवनिर्मित डीपीएसयू के प्रमुख दायित्व:
    • उन्हें आत्मसात कर्मचारियों की सेवा शर्तों से संबंधित नियमों एवं विनियमों को तैयार करना आवश्यक है।
    • दो वर्ष की अवधि के भीतर उस संबंधित डीपीएसयू में डीम्ड प्रतिनियुक्ति पर कर्मचारियों से स्थायी आत्मसात्करण के लिए एक विकल्प की तलाश करना।
    • इस संबंध में नए डीपीएसयू का मार्गदर्शन करने के लिए डीडीपी द्वारा एक समिति का गठन किया जाएगा ताकि दिया गया आत्मसात्करण पैकेज आकर्षक हो।

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