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यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए 05 जून 2023 की दैनिक समसामयिकी: हम आपके लिए ‘यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी’ लेकर आए हैं, जो यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवारों को सिविल सेवाओं के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण दैनिक समसामयिकी के साथ अपडेट करने के सिद्धांत पर आधारित है। गुणवत्ता से समझौता किए बिना यूपीएससी उम्मीदवारों के कीमती समय को बचाने के लिए ये दैनिक समसामयिकी हमारी टीम द्वारा बिट फॉर्म / संक्षिप्त रूप में तैयार किए गए हैं। यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए आज, 05 जून 2023 की दैनिक समसामयिकी में, हम नीचे दिए गए टॉपिक्स को कवर कर रहे हैं।
क्वार जलविद्युत परियोजना
जम्मू-कश्मीर में जलविद्युत परियोजनाएं चर्चा में क्यों है?
हाल ही में, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने घोषणा की कि जम्मू एवं कश्मीर में किश्तवाड़ उत्तर भारत में एक प्रमुख “पावर हब” (ऊर्जा केंद्र) के रूप में उदित होने हेतु तैयार है, जिसमें जारी विद्युत परियोजनाओं के पूरा होने के बाद लगभग 6,000 मेगावाट विद्युत उत्पादन करने की क्षमता है।
- इसके अतिरिक्त, मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि किश्तवाड़ में उत्पादित अतिरिक्त बिजली न केवल केंद्र शासित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों की बिजली की आवश्यकताओं को पूरा करेगी बल्कि पड़ोसी राज्यों को भी उपलब्ध कराई जा सकती है।
किश्तवाड़ क्षेत्र में जलविद्युत परियोजनाएं
किश्तवाड़ क्षेत्र उत्तर भारत में एक महत्वपूर्ण शक्ति केंद्र के रूप में स्थित है।
यह ध्यान देने योग्य है कि किश्तवाड़ क्षेत्र में सर्वाधिक वृहद विद्युत परियोजना पकल दुल परियोजना है, जिसकी क्षमता 1000 मेगावाट है।
- परियोजना की वर्तमान अनुमानित लागत 2025 की अनुमानित पूर्णता समयरेखा के साथ 8,112.12 करोड़ रुपये है।
- एक अन्य महत्वपूर्ण उपक्रम किरू जलविद्युत परियोजना है, जिससे 624 मेगावाट ऊर्जा उत्पन्न होने की संभावना है।
- इस परियोजना के लिए अनुमानित लागत 4,285.59 करोड़ रुपये है, जो 2025 के समान समापन समय के साथ है।
क्वार एवं रातले जलविद्युत परियोजना से संबंधित विवरण
किश्तवाड़ से लगभग 43 किमी दूर अवस्थित एक अन्य परियोजना 624 मेगावाट की क्षमता वाली क्वार जलविद्युत परियोजना है।
- इस परियोजना की अनुमानित लागत 4526.12 करोड़ रुपये है एवं इसके पूर्ण होने की समय सीमा 54 माह है।
- किरू जलविद्युत परियोजना के लगभग 25 किलोमीटर नदी की धारा के प्रतिकूल (अपस्ट्रीम) में 930 मेगावाट की क्षमता वाली एक अन्य जलविद्युत परियोजना कीर्थाई II जलविद्युत परियोजना है।
- वहीं, 850 मेगावाट की रातले परियोजना को केंद्र एवं केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप में पुनर्जीवित किया गया है।
- इसके अतिरिक्त, मौजूदा दुलहस्ती ऊर्जा केंद्र की स्थापित क्षमता 390 मेगावाट है, जबकि दुलहस्ती II जलविद्युत परियोजना की क्षमता 260 मेगावाट होगी।
सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र (NCGG)
सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र (NCGG) चर्चा में क्यों है?
हाल ही में, नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (NCGG) द्वारा विदेश मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स/MEA) के साथ साझेदारी में बांग्लादेश के सिविल सेवकों के लिए 2-सप्ताह का 60वां क्षमता निर्माण कार्यक्रम (कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोगाम/CBP) आयोजित किया गया है।
- क्षमता निर्माण कार्यक्रम (CBP) के प्रारंभिक चरण के सफल समापन पर, जिसने 1,500 सिविल सेवकों को लाभान्वित किया, नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (NCGG) ने बांग्लादेश सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग/MoU) में प्रवेश किया।
- समझौता ज्ञापन का उद्देश्य वर्ष 2025 तक अतिरिक्त 1,800 सिविल सेवकों की क्षमता को और मजबूत करना है।
- विशेष रूप से, कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, NCGC ने विगत दो वर्षों के भीतर बांग्लादेश के 517 अधिकारियों को पूर्व में ही प्रशिक्षण प्रदान कर दिया है।
NCGC का क्षमता निर्माण कार्यक्रम (CBP)
क्षमता निर्माण कार्यक्रम (CBP) का उद्देश्य अधिकारियों को सार्वजनिक नीतियों, शासन, प्रौद्योगिकी उपयोग एवं नवीन कौशल समुच्चय जैसे क्षेत्रों में नवीनतम ज्ञान से सुसज्जित करना था।
- NCGC के क्षमता निर्माण कार्यक्रम (CBP) का उद्देश्य उन्हें प्रभावी सार्वजनिक नीतियों एवं कार्यक्रमों को डिजाइन तथा कार्यान्वित करने में सक्षम बनाना था, जिससे अंततः नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि हुई।
- नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (NCGG) के क्षमता निर्माण कार्यक्रम (CBP) में बांग्लादेश के सिविल सेवकों के 58 वें बैच के 45 अधिकारियों ने भाग लिया।
- अब तक, विदेश मंत्रालय के सहयोग से एवं ढाका में भारतीय मिशन के निकट सहयोग से, NCGG ने बांग्लादेश के लगभग 2,055 सिविल सेवकों को प्रशिक्षित किया है।
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 चर्चा में क्यों है?
उत्तर प्रदेश में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (KIUG) 2022 का तीसरा संस्करण भारत की आध्यात्मिक राजधानी, वाराणसी में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) परिसर में एक विनम्र एवं विचारशील समारोह के माध्यम से एक गंभीर तथा गरिमापूर्ण परिणाम पर पहुंचा।
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 से संबंधित विवरण
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2023 भारत सरकार की खेलो इंडिया पहल के तहत एक कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर खेलों को प्रोत्साहित करना तथा देश भर की युवा प्रतिभाओं की पहचान करना है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 का उद्घाटन समारोह लखनऊ में होगा, जबकि समापन समारोह वाराणसी में होगा। खेल प्रतियोगिताएं 23 मई से प्रारंभ होंगी।
- KIUG 2022 कि आयोजन अवधि: बहु-खेल कार्यक्रम, खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2023, 25 मई से प्रारंभ होने वाला है एवं 10 दिनों की अवधि तक चलेगा, जिसका समापन 3 जून को होगा।
- मेजबान राज्य एवं जिले:खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 का आयोजन उत्तर प्रदेश के चार शहरों में किया गया था, अर्थात लखनऊ, वाराणसी, ग्रेटर नोएडा एवं गोरखपुर (हालांकि निशानेबाजी प्रतियोगिता नई दिल्ली में आयोजित किए जाने हैं)।
- कबड्डी प्रतियोगिता 23 मई, 2023 को नोएडा में प्रारंभ हुई, जबकि कुछ अन्य प्रतियोगिताएं 24 मई, 2023 को विभिन्न स्थानों पर भी प्रारंभ हुई।
- भागीदारी: खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के आगामी तीसरे संस्करण में भारत भर के लगभग 200 विश्वविद्यालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 4,000 एथलीटों ने अंडर -27 श्रेणी में भाग लिया।
- खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 में, एथलीट पदक जीतने के उद्देश्य से 21 खेलों में प्रतिस्पर्धा करेंगे।
- KIUG 2022 के लिए खेल गांव: लखनऊ में बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय को खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2023 की अवधि के लिए एक खेल गांव में बदल दिया गया था।
- महत्व: खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 उच्चतम स्तर के खेल कौशल, साहस एवं गौरव का प्रदर्शन करने के लिए एक प्रतिमान के रूप में कार्य करता है, जो एथलीटों के लिए खेलों हेतु प्रयास करने के लिए उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करता है।