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प्रासंगिकता
- जीएस 2: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।
प्रसंग
- हाल ही में, नीति आयोग ने ‘जिला अस्पतालों के प्रदर्शन में सर्वोत्तम अभ्यास’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है, जहां इसने देश भर के जिला अस्पतालों के प्रदर्शन का आकलन किया है।
- यह रिपोर्ट देश भर में किए गए जिला अस्पतालों का अब तक का प्रथम प्रदर्शन मूल्यांकन है।

प्रमुख निष्कर्ष
- हाल ही में, नीति आयोग ने ‘जिला अस्पतालों के प्रति 1 लाख जनसंख्या पर जिला अस्पताल में क्रियाशील बिस्तरों की औसत संख्या
- औसतन, भारत में एक जिला अस्पताल में प्रति 1 लाख जनसंख्या पर 24 बिस्तर हैं।
- जिला अस्पताल में क्रियाशील बिस्तरों की संख्या प्रति 1 लाख जनसंख्या पर 1 से 409 बिस्तरों के मध्य है।
- पुडुचेरी में प्रति 1 लाख जनसंख्या पर औसतन 222 बिस्तरों वाले केंद्र शासित प्रदेश में जिला अस्पताल के साथ देश में सर्वाधिक औसत बिस्तर थे, जबकि बिहार में प्रति 1 लाख जनसंख्या पर 6 बिस्तरों का औसत सबसे कम था प्रदर्शन में सर्वोत्तम अभ्यास’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है, जहां इसने देश भर के जिला अस्पतालों के प्रदर्शन का आकलन किया है।
- चिकित्सकों का अनुपात
- आईपीएचएसद्वारा निर्धारित
| बिस्तर | चिकित्सक |
| 100 | 29 |
| 200 | 34 |
| 300 | 50 |
| 400 | 58 |
| 500 | 68 |
अपने समय से पूर्वगामी एक योजना- राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन
- कुल मिलाकर, 707 जिला अस्पतालों में से 189 आईपीएचएस मानदंडों के अनुसार चिकित्सकों से बिस्तर अनुपात के अनुरूप पाए गए।
- उत्तर प्रदेश में आईपीएचएस मानदंडों को पूरा करने वाले जिला अस्पतालों में चिकित्सकों का उच्चतम अनुपात (7%) था, इसके बाद कर्नाटक का स्थान है। यदि, प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में आईपीएचएस मानदंडों को पूरा करने वाले अस्पतालों के प्रतिशत को देखते हुए, मात्र चंडीगढ़, दादरा एवं नगर हवेली तथा गोवा के सभी जिला अस्पतालों ने परिनियोजित चिकित्सकों के आईपीएचएस मानदंडों को पूरा किया गया था।
- मुख्य स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता
- 707 अस्पतालों में से कुल 101 ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित सभी 14 क्रियाशील विस्तार के मानदंडों कोपूर्ण किया है।
- तमिलनाडु में सभी क्रियाशील विस्तार वाले अस्पतालों का अनुपात (8%; 17/101) सर्वाधिक था, इसके बाद कर्नाटक (13.9%; 14/101) का स्थान है।
- नैदानिक परीक्षण सेवाओं की उपलब्धता
- राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से संबंधित मात्र 21 अस्पतालों ने समस्त नैदानिक परीक्षण सेवाएं उपलब्ध कराने के मानदंडों को पूर्ण करते हैं।
- कर्नाटक में समस्त सहायता सेवाओं वाले अस्पतालों का अनुपात (6%) सर्वाधिक था, इसके बाद तेलंगाना (19%) का स्थान था।
- बिस्तर अध्यावास अनुपात
- बिस्तर अध्यावास दर = (एक वर्ष के लिए जोड़े गए अंतरंग रोगी बिस्तर दिनों की कुल संख्या × 100) / (कुल क्रियाशील बिस्तर × 365)
- कई अस्पतालों में बिस्तर अध्यावास दर (n=123) 100% अध्यावास दर से अधिक पाई गई क्योंकि सरकारी अस्पताल रोगियों को प्रवेश देने से इनकार नहीं कर सकते।
- 707 अस्पतालों में से, कुल 182 अस्पतालों में बिस्तर अध्यावास दर 90% या उससे अधिक थी।
- उत्तर प्रदेश (14.8%) में बिस्तर अध्यावास दर 90% से अधिक या उसके बराबर वाले अस्पतालों का अनुपात सर्वाधिक था, इसके बाद मध्य प्रदेश (9%) का स्थान है।
सुझाव
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के लिए
- एचएमआईएस प्रणाली को सशक्त बनाना
- डिजिटाइजेशन पर नियमित प्रशिक्षण में वृद्धि करना
- राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के लिए
- जिला अस्पताल में गुणवत्ता में सुधार के लिए संसाधनों में वृद्धि
- डेटा प्रविष्टि में एकरूपता एवं निरंतरता बनाए रखना
- स्वास्थ्य प्रणाली को सशक्त बनाना
- जवाबदेही में वृद्धि करना
- जिला अस्पतालों के लिए
- अभिलेखों के रखरखाव में सुधार लाना
- अधिकतम भागीदारी को प्रोत्साहित करना
- व्यक्तिगत एवं डिजिटल दोनों तरह के प्रशिक्षणों में वृद्धि करना
आयुष्मान भारत- पीएम जन आरोग्य योजना


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