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अपने समय से पूर्वगामी एक योजना- राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन

राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: सामाजिक क्षेत्र/स्वास्थ्य से संबंधित सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।
    • शासन के महत्वपूर्ण पहलू– ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं, सीमाएं तथा संभावनाएं।

राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन- संदर्भ

  • हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (एनडीएचएम) योजना की घोषणा की है।

 

 

राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन- प्रमुख बिंदु

  • राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के बारे में: राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत,  समस्त नागरिकों के पास स्वैच्छिक रूप से हेल्थ आईडी के चयन का विकल्प होगा।
  • स्वास्थ्य पहचान पत्र: यह 14 अंकों की स्वास्थ्य पहचान संख्या है जो प्रत्येक नागरिक की विशिष्ट रूप से पहचान करेगी एवं उनके चिकित्सा इतिहास का भंडार होगी।
    • इसमें प्रत्येक जांच, प्रत्येक रोग, चिकित्सकों से मुलाकात, ली गई दवाओं तथा निदान का विवरण होगा।
    • किसी व्यक्ति के सामान्य ब्योरा (मूल विवरण) एवं मोबाइल नंबर या आधार नंबर का उपयोग करके स्वास्थ्य आईडी बनाई जा सकती है, तथा संभवतः एक सुविधाजनक अंतरापृष्ठ (इंटरफ़ेस) के रूप में कार्य करने वाला एक ऐप होगा।
  • स्वास्थ्य आईडी के लाभ:
    • सुवाह्यता प्रदान करता है: चिकित्सक जो रोगी की जांच कर रहा है वह अधिक सं-सूचित परामर्श प्रदान कर सकता है क्योंकि उसके पास रोगी के इतिहास तक पूरी पहुंच है जो पहले संभव नहीं था, जिससे बेहतर निदान संभव हो सकता है।

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन

राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन- संबद्ध मुद्दे

  • गोपनीयता का मुद्दा: स्वास्थ्य आईडी का उपयोग करके संग्रहित व्यक्तिगत स्वास्थ्य डेटा की विपुल मात्रा का, विशेष रूप से गोपनीयता कानून के अभाव में एवं न्यून सार्वजनिक जागरूकता तथा उनके डेटा पर न्यूनतम नियंत्रण के कारण दुरुपयोग किया जा सकता है।
  • बीमा कंपनियों द्वारा दुरुपयोग: बड़ी निजी बीमा कंपनियां लोगों के लिए जोखिम-प्रोफाइल निर्मित करने एवं किफायती बीमा तक पहुंच को कठिन बनाने के लिए स्वास्थ्य एवं अन्य डेटाबेस में परिष्कृत कलन विधि (एल्गोरिथ्म) का उपयोग कर सकती हैं।
  • विभेद: डेटा खनन (माइनिंग) अपनी सेवाओं के लिए कुछ समृद्ध जनसांख्यिकी को प्राथमिकता दे सकता है एवं सार्वजनिक तथा निजी संसाधनों को ऐसे व्यक्तियों को निर्देशित कर सकता है जो अपनी सेवाओं के लिए उच्च प्रीमियम वहन कर सकते हैं, न कि उन व्यक्तियों के लिए जिन्हें उनकी आवश्यकता है किंतु वे उतना भुगतान नहीं कर सकते।

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भारत में स्वास्थ्य सेवा की चुनौतियाँ

  • भारत में वहन-योग्य, उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव: राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन भारत में स्वास्थ्य देखभाल की इन चुनौतियों के लिए एक समाधान प्रदान नहीं करता है।
  • पर्याप्त संख्या में अस्पतालों का अभाव: दशकों के शोध एवं नोवेल कोरोना वायरस महामारी के अनुभव से पता चला है कि सभी भारतीयों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने हेतु प्रशिक्षित कर्मचारियों के साथ बहुत कम अस्पताल हैं। विस्तृत होती स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए निम्नलिखित चुनौतियां हैं-
    • भारत की संघीय संरचना,
    • इसकी आबादी का आकार (एक बड़ा भाग ग्रामीण जनसंख्या है),
    • उचित दवाओं एवं उपचार पर शोध करने, खोजने तथा क्रय करने की लागत,
    • चिकित्सा की प्रतिस्पर्धी प्रणालियाँ एवं स्वास्थ्य क्षेत्र की स्वयं की अत्यंत चुनौतीपूर्ण प्रकृति।

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निष्कर्ष

  • एक डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र के सुचारू रूप से कार्य करने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि मूलतत्वों (बुनियादी बातों) को आधार से निर्धारित किया जाए।

 

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