चौथा भारत-मालदीव रक्षा सहयोग संवाद (DCD): यह भारत एवं मालदीव द्वारा दो देशों के मध्य रक्षा संबंधों को सुदृढ़ करने हेतु आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम है। भारत-मालदीव रक्षा सहयोग संवाद (DCD) यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- अंतर्राष्ट्रीय संबंध- भारत एवं मालदीव के मध्य द्विपक्षीय संबंध; जीएस पेपर 3- आंतरिक सुरक्षा) के लिए भी महत्वपूर्ण है।
4वां भारत-मालदीव रक्षा सहयोग संवाद (DCD) चर्चा में क्यों है?
हाल ही में, भारत एवं मालदीव के बीच चौथा रक्षा सहयोग संवाद (डिफेंस कोऑपरेशन डायलॉग/DCD) माले, मालदीव में आयोजित किया गया था। चौथी भारत-मालदीव रक्षा सहयोग वार्ता (DCD) का आयोजन रक्षा सचिव श्री गिरिधर अरमाने एवं रक्षा बल के प्रमुख, मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल मेजर जनरल अब्दुल्ला समाल सह-अध्यक्ष के रूप में कर रहे थे।
4वां भारत-मालदीव रक्षा सहयोग संवाद (DCD)
भारत और मालदीव के बीच चौथी रक्षा सहयोग वार्ता (DCD) उनके सशस्त्र बलों के संबंधों के भविष्य को आकार देने के लिए प्राथमिक संस्थागत इंटरैक्टिव तंत्र के रूप में बहुत महत्व रखती है।
- संवाद के दौरान, दोनों पक्षों ने अपनी जारी द्विपक्षीय रक्षा सहयोग गतिविधियों की समीक्षा की तथा जुड़ाव के बढ़ते स्तर पर संतोष व्यक्त किया।
- चर्चाओं में उनकी जटिलता को बढ़ाने के समझौते के साथ मौजूदा द्विपक्षीय अभ्यास भी शामिल थे।
- भारत तथा मालदीव के सशस्त्र बलों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अपने द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करने के लिए निरंतर प्रयास उनके संबंधों के भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेतक हैं।
भारत-मालदीव रक्षा सहयोग
भारत एवं मालदीव 1988 से रक्षा तथा सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं, जिसमें मालदीव को रक्षा प्रशिक्षण एवं उपकरण प्रदान करना शामिल है।
- भारत मालदीव के राष्ट्रीय रक्षा बल (मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स/एमएनडीएफ) को उनकी रक्षा प्रशिक्षण आवश्यकताओं का लगभग 70% पूरा करने के लिए सर्वाधिक संख्या में प्रशिक्षण अवसर प्रदान करता है।
- 2016 में, दोनों देशों ने अपनी रक्षा साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक व्यापक कार्य योजना पर हस्ताक्षर किए।
- रक्षा सहयोग संवाद नीतिगत स्तर पर भारत के ढाँचों में से एक है जो उनके दीर्घकालीन एवं पारस्परिक रूप से लाभप्रद द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करता है।
- पहला रक्षा सहयोग संवाद 2016 में आयोजित किया गया था, जबकि दूसरा 2019 में हुआ था। तीसरा भारत-मालदीव रक्षा सहयोग संवाद (DCD) 2021 में आयोजित किया गया था।
4वां भारत-मालदीव रक्षा सहयोग संवाद (DCD) के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न: भारत-मालदीव रक्षा सहयोग संवाद (DCD) क्या है?
उत्तर: भारत-मालदीव रक्षा सहयोग संवाद ( डिफेंस कोऑपरेशन डायलॉग/DCD) दोनों देशों के मध्य सर्वोच्च संस्थागत संवादात्मक तंत्र है, जो उनके सशस्त्र बलों के संबंधों के भविष्य को आकार देने पर ध्यान केंद्रित करता है।
प्रश्नः चौथे भारत-मालदीव रक्षा सहयोग संवाद की अध्यक्षता किसने की?
उत्तर: चौथी भारत-मालदीव रक्षा सहयोग वार्ता की सह-अध्यक्षता रक्षा सचिव श्री गिरिधर अरमाने एवं मालदीव के उनके समकक्ष, रक्षा बल के प्रमुख, मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल मेजर जनरल अब्दुल्ला समाल ने की।
प्रश्न: चौथे भारत-मालदीव रक्षा सहयोग संवाद में क्या शामिल था?
उत्तर: चौथी भारत-मालदीव रक्षा सहयोग वार्ता के दौरान, दोनों पक्षों ने अपनी जारी द्विपक्षीय रक्षा सहयोग गतिविधियों की समीक्षा की, वर्तमान द्विपक्षीय युद्ध अभ्यासों पर चर्चा की एवं जुड़ाव के बढ़ते स्तर पर संतोष व्यक्त किया। वे अपने द्विपक्षीय युद्ध अभ्यासों की जटिलता को बढ़ाने पर भी सहमत हुए तथा विभिन्न क्षेत्रों में अपने द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करने के लिए किए गए निरंतर प्रयासों पर बल दिया।
प्रश्न: भारत तथा मालदीव ने रक्षा एवं सुरक्षा में सहयोग कब प्रारंभ किया?
उत्तर: भारत तथा मालदीव ने 1988 से रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग करना शुरू किया।
प्रश्न: भारत एवं मालदीव के मध्य रक्षा सहयोग वार्ता का क्या महत्व है?
उत्तर: भारत एवं मालदीव के मध्य रक्षा सहयोग वार्ता एक नीति-स्तरीय रूपरेखा है जिसका उद्देश्य उनके दीर्घकालिक एवं पारस्परिक रूप से लाभप्रद द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करना है। यह उनके सशस्त्र बलों के संबंधों के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।