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ग्राम पंचायत स्तर पर डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करने हेतु समर्थ अभियान

SAMARTH अभियान: यह महिलाओं को सशक्त बनाने पर विशेष ध्यान देने के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन को अपनाने हेतु ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक पहल है। समर्थ अभियान यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- विभिन्न सामाजिक मुद्दों तथा भारत में महिलाओं सहित आबादी के कमजोर वर्गों के कल्याण को प्रोत्साहित करने हेतु सरकार द्वारा की गई पहल) के लिए भी महत्वपूर्ण है।

SAMARTH अभियान चर्चा में क्यों है?

हाल ही में केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने ग्राम पंचायत स्तर पर डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करने हेतु समर्थ अभियान का शुभारंभ किया।

SAMARTH अभियान से संबंधित विवरण

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने 1 फरवरी 2023 से “50000 ग्राम पंचायतों में डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करने हेतु अभियान” का शुभारंभ किया है।

  • उद्देश्य: समर्थ अभियान का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाने पर विशेष ध्यान देने के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन को अपनाने में वृद्धि करना है।
  • अवधि: समर्थ अभियान 15 अगस्त 2023 तक चलने वाला है।
  • भागीदारी: लगभग 1000 बीसी सखियों ने लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया, जिसमें 8000 से अधिक बीसी सखियों ने आभासी रूप से भाग लिया।
    • राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (स्टेट रूरल लाइवलीहुड मिशन/एसआरएलएम) तथा संपूर्ण भारत के अन्य हितधारक वेबकास्ट के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
    • इस कार्यक्रम की सोशल मीडिया पर लाइव स्ट्रीमिंग भी की गई थी।
  • आयोजक मंत्रालय: समर्थ अभियान का आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के समग्र मार्गदर्शन एवं पर्यवेक्षण में किया जा रहा है।
  • प्रमुख कार्यक्रम: आयोजन के दौरान, बीसी सखियों की 75 प्रेरणादायक कहानियों से युक्त एक सार संग्रह का अनावरण किया गया, साथ ही इन बीसी सखियों के जीवन पर परिवर्तनकारी प्रभाव को प्रदर्शित करने वाले जीवंत साक्ष्य भी प्रस्तुत किए गए।
    • उन्होंने सम्मानित दर्शकों के साथ अपनी सफलता की कहानी साझा की।
    • इसके अतिरिक्त, नव चयनित बीसी सखियों को बायोमेट्रिक PoS मशीनें प्रदान की गईं एवं उसी अवसर पर ऑन-बोर्डिंग का प्रमाण पत्र प्राप्त किया गया।

समर्थ अभियान, स्वयं सहायता समूहों की भूमिका पर प्रकाश डालना

यह कहा गया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रेरक नेतृत्व में एसएचजी का एनपीए 2013 प्रतिशत में 9.58% से घटकर अब 2% से नीचे आ गया है।

  • अकेले उत्तर प्रदेश (यूपी) में बीसी सखियों के प्रयासों से, डिजिटल परिवर्तन ने उल्लेखनीय 5 करोड़ 57 लाख लेनदेन की सुविधा प्रदान की है।
  • इससे दूर-दराज के गांवों में न केवल घर-घर तक सुविधाजनक बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध हुई हैं, बल्कि इससे बैंकों को अल्प मात्रा में लेन-देन करने में काफी लागत बचत भी हुई है।
  • बीसी सखियों की बढ़ी हुई आय ने उन्हें न केवल अपने घरों में बल्कि समाज के भीतर भी एक सम्मानित स्थान प्रदान किया है, जिससे भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सशक्तिकरण में गति आई है।

आजादी का अमृत महोत्सव (AKAM)

आजादी का अमृत महोत्सव प्रगतिशील भारत के 75 वर्ष एवं इसके लोगों, संस्कृति तथा उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का उत्सव मनाने एवं स्मरण करने की एक पहल है। आजादी का अमृत महोत्सव भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक  एवं आर्थिक पहचान के बारे में जो भी प्रगतिशील है, उसका मूर्त रूप है।

  • भारत के लोगों का उत्सव मनाना: आजादी का अमृत महोत्सव भारत के उन लोगों को समर्पित है, जिन्होंने भारत को उसकी विकास यात्रा में इस स्थान तक लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
    • भारत के लोग भी आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित होकर भारत 2.0 को सक्रिय करने के प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण को सक्षम करने की शक्ति एवं क्षमता रखते हैं।
  • आजादी के अमृत महोत्सव का प्रारंभ: “आजादी का अमृत महोत्सव” की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च 2021 को आरंभ हुई, जो हमारी आजादी की 75वीं वर्षगांठ के लिए 75-सप्ताह की उलटी गिनती को प्रारंभ करती है।
  • श्रेणीबद्ध करें: आजादी का अमृत महोत्सव को पांच श्रेणियों में मनाए जाने की कल्पना की गई है-
    • फ्रीडम स्ट्रगल/स्वतंत्रता संग्राम,
    • आइडिया @ 75,
    • अचीवमेंट @ 75,
    • एक्शन @ 75 एवं
    • रिसॉल्व @75

 

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