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क्षमता निर्माण के लिए अनुसंधान, शिक्षा एवं प्रशिक्षण आउटरीच (रीच आउट) योजना

अनुसंधान, शिक्षा एवं प्रशिक्षण आउटरीच (रीच आउट) योजना: रीच आउट योजना पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का क्षमता निर्माण कार्यक्रम है। रीच आउट योजना यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 3- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) के लिए भी महत्वपूर्ण है।

रीच आउट योजना चर्चा में क्यों है?

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री ने संसद को अनुसंधान, शिक्षा एवं प्रशिक्षण पहुंच (रीच आउट) योजना के विभिन्न विवरणों के बारे में सूचित किया है जो क्षमता निर्माण के लिए एक व्यापक योजना है।

रीच आउट योजना

रीच आउट योजना पृथ्वी विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान, शिक्षा एवं प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करने तथा क्षेत्र में कुशल पेशेवरों का एक समूह निर्मित करने हेतु पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण पहल है।

  • पृष्ठभूमि: रीच आउट योजना भारत में पृथ्वी विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान, शिक्षा एवं प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 2016 में प्रारंभ की गई थी।
  • अधिदेश: रीच आउट योजना पृथ्वी विज्ञान के बारे में जागरूकता सृजित करने, अंतःविषय अनुसंधान को  प्रोत्साहित करने एवं क्षेत्र में छात्रों, शोधकर्ताओं तथा पेशेवरों को प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण प्रदान करने का प्रयास करती है।
  • उप-योजनाएं 
    • पृथ्वी प्रणाली विज्ञान में अनुसंधान एवं विकास (रिसर्च एंड डेवलपमेंट इन अर्थ सिस्टम साइंस/आरडीईएसएस)।
    • आउटरीच एवं जागरूकता।
    • ज्ञान संसाधन केंद्र नेटवर्क (नॉलेज रिसोर्ट सेंटर नेटवर्क/केआरसीनेट)।
    • मौसम एवं जलवायु के लिए बिम्सटेक केंद्र (बिम्सटेक सेंटर फॉर वेदर एंड क्लाइमेट/बीसीडब्ल्यूसी)।
    • क्रियाशील समुद्र विज्ञान अथवा ऑपरेशनल ओशनोग्राफी के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण केंद्र (ITCOocean)।
    • पृथ्वी प्रणाली विज्ञान (डेस्क) में कुशल कार्यबल के विकास के लिए कार्यक्रम।

रीच आउट योजना के उद्देश्य

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की अनुसंधान, शिक्षा एवं प्रशिक्षण पहुंच (रीच आउट) योजना के प्रमुख उद्देश्य नीचे दिए गए हैं-

  • रीच आउट योजना पृथ्वी प्रणाली विज्ञान के विशिष्ट क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों का समर्थन करती है जो थीम्स तथा आवश्यकताओं पर आधारित हैं, जो पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा निर्धारित राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में योगदान करते हैं।
  • मंत्रालय का उद्देश्य पृथ्वी विज्ञान में उन्नत ज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने  तथा विकासशील देशों को सेवाएं प्रदान करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग स्थापित करना है।
  • मंत्रालय सार्वजनिक जागरूकता में वृद्धि करने के साथ-साथ छात्रों, शिक्षाविदों एवं उपयोगकर्ता समुदायों को पृथ्वी प्रणाली विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों एवं मंत्रालय द्वारा प्रदान की जाने वाली उपलब्धियों तथा सेवाओं के बारे में प्रयास करता है।
  • मंत्रालय भारत तथा विदेशों में शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी करके पृथ्वी विज्ञान में एक कुशल एवं  उचित रूप से प्रशिक्षित कार्यबल तैयार करने का प्रयास करता है।

 रीच आउट योजना के तहत प्रमुख गतिविधियां

आउटरीच योजना के तहत, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय विभिन्न क्रियाकलापों हेतु हेतु उपलब्ध कराता है, जैसे:

  • संपूर्ण भारत में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में पृथ्वी विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना।
  • पृथ्वी विज्ञान के क्षेत्र में छात्रों, शोधकर्ताओं एवं पेशेवरों के लिए कार्यशालाओं, सेमिनारों तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करना।
  • सम्मेलनों, कार्यशालाओं एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए छात्रों एवं शोधकर्ताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
  • पृथ्वी विज्ञान पर शैक्षिक एवं प्रशिक्षण सामग्री का विकास तथा प्रसार करना।

 रीच आउट योजना के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. रीच आउट योजना क्या है?

उत्तर: रीच आउट योजना पृथ्वी विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान, शिक्षा एवं प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करने हेतु भारत में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा आरंभ की गई एक योजना है।

  1. रीच आउट योजना का अधिदेश क्या है?

उत्तर. इसका उद्देश्य पृथ्वी विज्ञान के बारे में जागरूकता सृजित करना, अंतःविषय अनुसंधान को प्रोत्साहित करना एवं क्षेत्र में छात्रों, शोधकर्ताओं एवं पेशेवरों को प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण प्रदान करना है।

  1. रीच आउट स्कीम के तहत उप-योजनाएं क्या हैं?

उत्तर. अनुसंधान, शिक्षा एवं प्रशिक्षण आउटरीच (रीच आउट) योजना के तहत उप-योजनाएं नीचे सूचीबद्ध हैं-

  • पृथ्वी प्रणाली विज्ञान में अनुसंधान एवं विकास (रिसर्च एंड डेवलपमेंट इन अर्थ सिस्टम साइंस/आरडीईएसएस)।
  • आउटरीच एवं जागरूकता।
  • ज्ञान संसाधन केंद्र नेटवर्क (नॉलेज रिसोर्ट सेंटर नेटवर्क/केआरसीनेट)।
  • मौसम एवं जलवायु के लिए बिम्सटेक केंद्र (बिम्सटेक सेंटर फॉर वेदर एंड क्लाइमेट/बीसीडब्ल्यूसी)।
  • क्रियाशील समुद्र विज्ञान अथवा ऑपरेशनल ओशनोग्राफी के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण केंद्र (ITCOocean)।
  • पृथ्वी प्रणाली विज्ञान (डेस्क) में कुशल कार्यबल के विकास के लिए कार्यक्रम।

 

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FAQs

What is the REACHOUT Scheme?

The REACHOUT Scheme is a scheme launched by the Ministry of Earth Sciences in India to promote research, education, and training in the field of Earth Sciences.

What is the mandate of REACHOUT Scheme?

It aims to create awareness about Earth Sciences, promote interdisciplinary research, and provide training and capacity building to students, researchers, and professionals in the field.

What are the sub-schemes under the REACHOUT Schemes?

Sub-schemes under the Research, Education and Training Outreach (REACHOUT) Scheme are listed below-
o Research and Development in Earth System Science (RDESS).
o Outreach and awareness.
o Knowledge Resources Center Network (KRCNet).
o BIMSTEC Centre for Weather and Climate (BCWC).
o International Training Centre for Operational Oceanography (ITCOocean).
o Program for development of skilled workforce in Earth system sciences (DESK).

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