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सिक्का वेंडिंग मशीनों पर आरबीआई का पायलट प्रोजेक्ट क्या है?
इस आलेख,”कॉइन वेंडिंग मशीनों पर आरबीआई का पायलट प्रोजेक्ट क्या है?” में, हम कॉइन वेंडिंग मशीन, (क्यूसीवीएम) के फायदे एवं नुकसान इत्यादि पर आरबीआई के पायलट प्रोजेक्ट के बारे में चर्चा करेंगे।
सिक्का वेंडिंग मशीन पर आरबीआई का पायलट प्रोजेक्ट चर्चा में क्यों है?
- विगत मौद्रिक नीति समिति (मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी/एमपीसी) के संबोधन के दौरान, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि आरबीआई बैंकों के साथ मिलकर क्यूआर-कोड आधारित कॉइन वेंडिंग मशीन के कामकाज का आकलन करने के लिए एक प्रायोगिक परियोजना (पायलट प्रोजेक्ट) का विमोचन करेगा।
- प्रारंभ में इस प्रायोगिक परियोजना को देश भर के 12 शहरों में 19 स्थानों पर आरंभ करने की योजना है। सुगमता एवं पहुंच पर विशेष ध्यान देने के साथ, मशीनों को रेलवे स्टेशनों, शॉपिंग मॉल एवं मार्केटप्लेस जैसे सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित करने का इरादा है।
- इससे सिक्कों की उपलब्धता में आसानी होगी। प्रायोगिक परियोजना से मिली सीख के आधार पर बैंकों को इन मशीनों के उपयोग से सिक्कों के वितरण को प्रोत्साहित करने हेतु दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
कॉइन वेंडिंग मशीनों पर आरबीआई के पायलट प्रोजेक्ट के बारे में
सिक्का वितरण मशीनें: कॉइन वेंडिंग मशीनों पर आरबीआई का नया पायलट प्रोजेक्ट केवल एक नई तरह की वेंडिंग मशीनों के विचार पर आधारित है, जो ग्राहक के खाते से आहरित (डेबिट) की जाने वाली अपेक्षित राशि के साथ सिक्के प्रदान करेगी।
क्यूआर कोड आधारित: अभी सिक्के निकालने के लिए व्यक्ति को बैंक की शाखा में जाना पड़ता है। क्यूआर कोड-आधारित सिक्का वितरण मशीन (कॉइन वेंडिंग मशीन/क्यूसीवीएम) का उद्देश्य एटीएम से मुद्रा नोटों को आहरित करने के तरीके के समान सिक्कों का वितरण करना है।
यूपीआई आधारित: सिक्का वितरण मशीनें (कॉइन वेंडिंग मशीनें) बैंक नोटों की भौतिक मुद्रा के स्थान पर एकीकृत भुगतान अंतरापृष्ठ (यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस/UPI) आधारित होंगी। यूपीआई एक ऐसी प्रणाली है जो विभिन्न बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन में शक्ति प्रदान करती है, विभिन्न बैंकिंग सुविधाओं को संयोजित करती है, निर्बाध फंड रूटिंग एवं मर्चेंट भुगतान एक छत्र में करती है।
ग्राहक हितैषी: ग्राहकों को आवश्यक मात्रा एवं मूल्यवर्ग में सिक्कों को आहरित करने का विकल्प प्रदान किया जाएगा। यहां केंद्रीय विचार सिक्कों की पहुंच को सुगम बनाना है।
सिक्का मूल्यवर्ग: सिक्का वितरण मशीन हो में 1 रुपये से 20 रुपये के मूल्यवर्ग के सिक्के उपलब्ध कराए जाएंगे।
सिक्कों को उचित रूप से वितरित करने हेतु: चीजों की आपूर्ति पक्ष पर, सिक्कों के संबंध में स्थिति, आपूर्ति ‘बहुत अधिक’ होने के साथ ‘असामान्य’ थी। जैसा कि, यह बहुत अधिक संग्रहण स्थान ले रहा है एवं यह ठीक से वितरित नहीं हो रहा है।
क्यूसीवीएम के फायदे एवं नुकसान?
फायदे अथवा लाभ
- नकदी की अंतिम व्यक्ति तक उपलब्धता (सिक्का आधारित)।
- यूपीआई के समान सुगमता
- सिक्कों के बदले नोटों को बदलने की कोई आवश्यकता नहीं है।
- सिक्कों तक पहुंच में सुगमता।
दोष
- तृतीय पक्ष एजेंटों के माध्यम से वेंडिंग मशीनें बैंकों के लिए अतिरिक्त लागत साध्य हो सकती हैं।
- एक सिक्का ढालने की औसत लागत 1.11 रुपये है। यदि हम वेंडिंग मशीनों को लगाए जाने के माध्यम से सिक्कों के वितरण के लिए एक अन्य स्तर जोड़ते हैं, तो यह लागत के दृष्टिकोण से अनाकर्षक प्रतीत होता है।
- सिक्का वितरण मशीनें (QCVM) डिजिटलीकरण के लिए अनुत्पादक हो सकता है।
- कॉइन वेंडिंग मशीन (QCVM) ई-रुपये के उद्देश्य की अवहेलना करता हुआ प्रतीत होता है।
कॉइन वेंडिंग मशीन पर आरबीआई के नए पायलट प्रोजेक्ट के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न. कॉइन वेंडिंग मशीनों पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का नया पायलट प्रोजेक्ट क्या है?
उत्तर. कॉइन वेंडिंग मशीनों पर RBI का नया पायलट प्रोजेक्ट केवल एक नई तरह की वेंडिंग मशीनों के विचार पर आधारित है, जो ग्राहक के खाते से आहरित की जाने वाली अपेक्षित राशि के साथ सिक्के प्रदान करेगी।
प्रश्न. यूपीआई क्या है?
उत्तर. UPI एक ऐसी प्रणाली है जो विभिन्न बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन में शक्ति प्रदान करती है, विभिन्न बैंकिंग सुविधाओं को संयोजित करती है, सीमलेस फंड रूटिंग एवं मर्चेंट पेमेंट्स को एक छत्र में जोड़ती है।


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