Home   »   UPSC Prelims Examination   »   UPSC Prelims Examination

राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी)

राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) – यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 3: विज्ञान और प्रौद्योगिकी- विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण एवं नवीन तकनीक विकसित करना।

राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) – संदर्भ

  • हाल ही में, राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) ने स्वदेश में विकसित सेलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर तकनीक के व्यवसायीकरण हेतु सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) को स्थानांतरित कर दिया है।
    • यह नवाचार को निजी, सरकारी एवं विभिन्न ग्रामीण विकास योजनाओं तथा विभागों सहित सभी सक्षम पक्षकारों को व्यवसायीकरण एवं अनुज्ञप्ति प्रदान करने में सक्षम बनाएगा।

राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी)_3.1

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी हेतु निशुल्क वीडियो प्राप्त कीजिए एवं आईएएस/ आईपीएस/ आईआरएस बनने के अपने सपने को साकार कीजिए

सेलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर तकनीक

  • सेलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर तकनीक के बारे में: सेलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर तकनीक सरल, तीव्र, लागत प्रभावी, रोगी के अनुकूल एवं आरामदायक है।
    • यह परीक्षण के परिणाम त्वरित रूप से भी प्रदान करता है एवं न्यूनतम आधारिक अवसंरचना आवश्यकताओं को देखते हुए ग्रामीण एवं जनजातीय क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है।
    • इसे राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) द्वारा विकसित किया गया था।

राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी)

राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई)- प्रमुख बिंदु

  • नीरी के बारे में: यह वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के अंतर्गत एक शोध संगठन है। इसे सरकार द्वारा 1958 में नागपुर में केंद्रीय लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी शोध संस्थान या सेंट्रल पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपीएचईआरआई) के रूप में स्थापित किया गया था।
    • बाद में, इंदिरा गांधी सरकार ने वर्ष 1974 में संस्थान को राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) के रूप में पुनः नामित किया।
    • सीएसआईआर की 38 राष्ट्रीय प्रयोगशालाएँ हैं जो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं। सीएसआईआर-नीरी उन प्रयोगशालाओं में से एक है।
  • वित्त पोषण: सीएसआईआर-नीरी को सरकार से वित्त प्राप्त होता है।
  • जनक मंत्रालय: सीएसआईआर-नीरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है।
  • दृष्टि: इसका मिशन ज्ञान का आधार विकसित करना, अंतर्विषयक सहायता प्रदान करना, स्थायी पर्यावरण एवं आर्थिक लक्ष्य सुनिश्चित करना है।
  • अधिदेश: सीएसआईआर-नीरी उद्योग, सरकार एवं जनता द्वारा प्रस्तुत की गई अनेक समस्याओं को हल करने के अतिरिक्त पर्यावरण विज्ञान एवं अभियांत्रिकी में अनुसंधान तथा नवाचारों  हेतु समर्पित है।

बाल जलवायु जोखिम सूचकांक

 

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *