प्रसंग
- हाल ही में, गुजरात सरकार ने छठी से बारहवीं कक्षा के छात्रों को सर्वोत्तम शिक्षण अवसंरचना प्रदान करने हेतु सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड पर उत्कृष्ट आवासीय विद्यालय स्थापित करने की नीति की घोषणा की है।
- इसमें 2,000 से 10,000 छात्रों की क्षमता वाले बड़े परिसरों की परिकल्पना की गई है।
- यह गुजरात सरकार के विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित ‘मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस प्रोजेक्ट‘ का हिस्सा (पहला चरण) है जिसका उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र को रूपांतरित करना है।
उत्कृष्ट आवासीय विद्यालय स्थापित करने की नीति के बारे में
- उद्देश्य: पहली से पांचवी कक्षा में सरकारी एवं अनुदान प्राप्त विद्यालयों में पढ़ने वाले सर्वाधिक मेधावी बच्चों का अभिनिर्धारण करना, उनका पालन-पोषण करना एवं उन्हें निशुल्क 6 से 8 वीं कक्षा से आवासीय विद्यालयी शिक्षा की सर्वोत्तम गुणवत्ता प्रदान करना।
- परियोजना भागीदार: निविदा के माध्यम से चयन किया जाएगा। वे परिसर स्थापित करने तथा डिजिटल आधारिक संरचना के निर्माण हेतु भूमि के क्रय के लिए समस्त आवश्यक निवेश करने हेतु उत्तरदायी होंगे।
- छात्रों के नामांकन एवं परिसर के क्रियाशील होने के पश्चात ही राज्य द्वारा धन प्रदान किया जाएगा।
- विशिष्ट पाठ्यक्रम एवं शिक्षा शास्त्र: इन आवासीय विद्यालयों में जो राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बोर्डों के परामर्श से तैयार किए जाएंगे।
- शिक्षाशास्त्र का माध्यम: नवीन आवासीय विद्यालय नौवीं कक्षा से अंग्रेजी माध्यमों के लिए छात्रों को तैयार करने के लिए छठी से आठवीं कक्षा से द्विभाषी माध्यमों पर बल प्रदान करेंगे। यह नई शिक्षा नीति 2020 की संस्तुतियों के अनुरूप है।
अतिरिक्त सूचना
- मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस परियोजना: यह विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित मिशन है। छह वर्ष की अवधि में, परियोजना निम्नलिखित का निर्माण करने का लक्ष्य रखती है-
- 25,000 नई कक्षाएं- प्रतिवर्ष 4,000 कक्षाएं,
- 25,000 कंप्यूटर प्रयोगशाला (लैब) के साथ-साथ प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में 5 लाख स्मार्ट कक्षाएं स्थापित करना तथा
- 5,000 अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना।
- परियोजना को तीन चरणों में विभाजित किया गया है, जिसकी शुरुआत उत्कृष्ट आवासीय विद्यालयों, उत्कृष्टता के उभरते विद्यालयों एवं उत्कृष्टता के महत्वाकांक्षी विद्यालयों से हुई है।
- इसके माध्यम से, परियोजना का उद्देश्य आधारिक संरचना को सशक्त बनाना एवं सिविल तथा डिजिटल आधारिक संरचना सहित विद्यालय रूपांतरण, सर्वोत्तम शिक्षण-शिक्षण अभ्यासों को अपनाना एवं शिक्षकों के क्षमता निर्माण, दोनों पर कार्य करना है।