Home   »   Birsa Munda   »   Janjatiya Gaurav Divas

जनजातीय गौरव दिवस 2022- राष्ट्रपति मुर्मू उलिहातु में भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी।

जनजातीय गौरव दिवस 2022 चर्चा में क्यों है?

  • 15 नवंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जनजाति गौरव दिवस 2022 के समारोह की अध्यक्षता करेंगी।
  • झारखंड के खूंटी जिले- आदिवासी नेता बिरसा मुंडा के जन्म स्थान में राष्ट्रपति मुर्मू के द्वारा भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ जनजातीय गौरव दिवस समारोह शुरू होता है।

Sri Kanaka Dasa_70.1

जनजातीय गौरव दिवस 2022

  • जनजातीय गौरव दिवस 2022 के बारे में: सरकार ने नेता बिरसा मुंडा की जयंती को चिह्नित करने एवं  जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को स्मरण करने हेतु 2021 में 15 नवंबर को ‘जनजाति गौरव दिवस’ घोषित किया था।
  • थीम: जनजाति गौरव दिवस 2022 देश भर के शिक्षण संस्थानों में बड़ी संख्या में कार्यक्रम जैसे ‘स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति नायकों का योगदान’, सामाजिक गतिविधियों इत्यादि पर बहस प्रतियोगिता का आयोजन करेगा।
  • प्रमुख गतिविधियां: इन समारोहों के दौरान भगवान बिरसा मुंडा जैसे बहादुर जनजातीय/आदिवासी नेताओं  एवं अन्य लोगों के योगदान पर प्रकाश डाला जाएगा।
    • अच्छे कार्य करने वाले छात्रों को सम्मानित भी किया जाएगा।

 

जनजातीय गौरव दिवस क्यों मनाया जाता है?

  • जनजातीय गौरव दिवस 2022 समारोह आदिवासी समुदायों के गौरवशाली इतिहास एवं सांस्कृतिक विरासत को धन्यवाद प्रकट करता है।
  • सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं वीरता, आतिथ्य तथा राष्ट्रीय गौरव के भारतीय मूल्यों को प्रोत्साहित करने हेतु आदिवासियों के प्रयासों को मान्यता प्रदान करने के लिए प्रत्येक वर्ष जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाता है।
  • जनजातीय गौरव दिवस 2047 में देश की आजादी के 100 वर्ष पूर्ण होने पर दूरस्थ क्षेत्रों, गांवों में रहने वाले आदिवासी लोगों को बुनियादी सुविधाएं, रोजगार, शिक्षा प्रदान करने के संकल्प की दिशा में एक कदम है।

 

बिरसा मुंडा कौन थे?

  • बिरसा मुंडा एक स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक व्यवस्था की शोषक व्यवस्था के विरुद्ध देश के लिए वीरता से लड़ाई लड़ी एवं ‘उलगुलान’ (क्रांति) का आह्वान करते हुए ब्रिटिश उत्पीड़न के  विरुद्ध आंदोलन का नेतृत्व किया।
  • श्री बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को छोटा नागपुर पठार क्षेत्र (वर्तमान झारखंड का खूंटी जिला) में एक मुंडा जनजाति में हुआ था।
  • रांची जेल में ब्रिटिश हिरासत में 25 वर्ष की आयु में बिरसा मुंडा की मृत्यु हो गई। हालांकि, अपने सीमित वर्षों में, आदिवासी कारणों से बिरसा मुंडा के योगदान ने उन्हें ‘भगवान’ अथवा लॉर्ड की उपाधि दी।

 

बिरसा मुंडा का योगदान

  • बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश औपनिवेशिक व्यवस्था की शोषणकारी व्यवस्था के विरुद्ध देश के लिए वीरता से लड़ाई लड़ी एवं ‘उलगुलान’ (क्रांति) का आह्वान करते हुए ब्रिटिश उत्पीड़न के विरुद्ध आंदोलन का नेतृत्व किया।
  • बिरसैत संप्रदाय: बिरसा ने मिशनरियों द्वारा जनजातियों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के प्रयासों को जानने के बाद ‘बिरसैत’ की विचारधारा का प्रारंभ किया।
    • उन्होंने मुंडाओं से आग्रह किया कि वे शराब पीना छोड़ दें, अपने गाँव को स्वच्छ रखें तथा अभिचार एवं जादू-टोना में विश्वास करना बंद कर दें।
  • बिरसा मुंडा ने मुंडा विद्रोह का नेतृत्व किया: बिरसा मुंडा ने 1899-1900 में रांची के दक्षिण में मुंडा विद्रोह की शुरुआत की।
    • इसे ‘उलगुलान’ या ‘महान कोलाहल’ के नाम से भी जाना जाता था।
    • उद्देश्य: अंग्रेजों को भगाकर मुंडा राज की स्थापना करना।
    • मुंडा विद्रोह ने मुंडाओं की दुर्दशा के लिए निम्नलिखित कारणों की पहचान की-
      • हिंदू जमींदारों एवं साहूकारों ने मुंडा जनजातियों की जमीनें छीन ली थी।
      • आदिवासी क्षेत्रों में धर्मांतरण की गतिविधियां मिशनरियों द्वारा की जाती हैं।
      • शोषणकारी भूमि कराधान प्रणाली एवं ब्रिटिश सरकार की नीतियां।

 

जनजाति गौरव दिवस के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. जनजातीय गौरव दिवस किस आदिवासी नेता के सम्मान में मनाया जाता है?

उत्तर. जनजातीय गौरव दिवस बिरसा मुंडा एवं अन्य आदिवासी नेताओं को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई लड़ी थी।

  1. जनजातीय गौरव दिवस कब आयोजित किया जाता है?

उत्तर. जनजातीय गौरव दिवस प्रत्येक वर्ष 15 नवंबर को आयोजित किया जाता है।

  1. भारत में बिरसैत संप्रदाय की शुरुआत किसने की?

उत्तर. आदिवासियों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए मिशनरियों के प्रयासों को जानने के बाद बिरसा मुंडा द्वारा बिरसैत संप्रदाय की शुरुआत की गई थी।

 

1950-2022 तक भारत के मुख्य न्यायाधीशों (CJI) की सूची 19वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन 2022- प्रमुख परिणाम एवं आगे की राह बाजरा एवं बाजरा के मूल्य वर्धित उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित करने हेतु कार्य योजना बाल दिवस: तिथि, इतिहास, महत्व, भारत में बाल दिवस का उत्सव
सामान्य जागरूकता के लिए प्रसिद्ध पुस्तकें एवं लेखक बिम्सटेक कृषि मंत्रियों की दूसरी बैठक 2022 खेरसॉन में रूस का नुकसान- रूस खेरसॉन से पीछे हटा दैनिक समसामयिकी: 14 नवंबर 2022 | यूपीएससी प्रीलिम्स बिट्स
मैंग्रोव एलायंस फॉर क्लाइमेट (MAC) दैनिक समसामयिकी: 11 नवंबर 2022 | यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2008 से 2024 तक जी-20 शिखर सम्मेलनों की सूची- जी-20 मेजबान देशों/शहरों की सूची टू-फिंगर टेस्ट पर प्रतिबंध लागू करना- हिंदू संपादकीय विश्लेषण

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *