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भारत-फ्रांस व्यापार सम्मेलन 2023, भारत-फ्रांस मित्रता के 25 वर्ष पूर्ण होने का जश्न

भारत-फ्रांस व्यापार शिखर सम्मेलन: भारत-फ्रांस व्यापार सम्मेलन (बिजनेस समिट) 2023 के माध्यम से भारत-फ्रांस मित्रता के 25 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- अंतर्राष्ट्रीय संबंध, भारत तथा अन्य देशों के मध्य द्विपक्षीय संबंध सहित) के लिए भी भारत-फ्रांस संबंध महत्वपूर्ण हैं। भारत)।

भारत-फ्रांस व्यापार सम्मेलन चर्चा में क्यों है?

हाल ही में, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने पेरिस, फ्रांस में आयोजित भारत-फ्रांस व्यापार शिखर सम्मेलन को संबोधित किया।

  • भारत-फ्रांस बिजनेस समिट 2023 के दौरान, उन्होंने व्यक्त किया कि विश्व के कल्याण हेतु सहयोग करने वाले दो मजबूत लोकतंत्रों के रूप में भारत तथा प्रांत के मध्य लंबे समय से मित्रता तथा साझेदारी है।
  • इसके अतिरिक्त, मंत्री को अपनी यात्रा के दौरान पेरिस में भारतीय समुदाय के साथ जुड़ने का अवसर  प्राप्त हुआ।

भारत-फ्रांस व्यापार शिखर सम्मेलन 2023

भारत-फ्रांस बिजनेस समिट 2023 11 अप्रैल 2023 को भारत-फ्रांस मित्रता के 25 वर्ष पूर्ण होने का जश्न मना रहा है।

  • सह अध्यक्षता: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, श्री पीयूष गोयल, श्री ओलिवियर बेख्त, विदेश व्यापार, आकर्षकता एवं फ्रांस सरकार के विदेश मंत्री प्रतिनिधि के साथ, भारत फ्रांस व्यापार शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे।
  • आयोजन स्थल एवं समय: भारत-फ्रांस व्यापार शिखर सम्मेलन स्थल पेरिस, फ्रांस था। इसका आयोजन 11 अप्रैल 2023 को किया गया था।
  • भागीदारी: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने फ्रांस के मंत्री श्री ओलिवियर बेख्त के साथ पेरिस में एक कार्यक्रम में भाग लिया।
    • इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं सॉफ्ट पावर को अनावृत करना था एवं इसमें फ्रांसीसी सरकार के 600 से अधिक गणमान्य व्यक्तियों, फ्रांस में भारतीय व्यापार प्रवासी  तथा फ्रांसीसी व्यापार समुदाय के सदस्यों के शामिल होने की संभावना थी।
  • थीम: भारत-फ्रांस व्यापार शिखर सम्मेलन का मुख्य विषय एक सतत भविष्य का निर्माण करने, नई तकनीकों की खोज करने, रक्षा साझेदारी को मजबूत करने एवं भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगा।

भारत-फ्रांस संबंधों के प्रमुख आयाम

भारत-फ्रांस संबंधों के प्रमुख आयामों पर नीचे चर्चा की गई है-

रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग

रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग, अंतरिक्ष सहयोग तथा असैन्य परमाणु सहयोग के क्षेत्र दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख स्तंभ हैं।

  • विगत कुछ वर्षों में फ्रांस के साथ भारत के रक्षा सहयोग में वृद्धि हुई है, फ्रांस भारत का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता (रूस के बाद) बन गया है
  • भारत तथा फ्रांस सहयोग के नए क्षेत्रों जैसे हिंद प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद का मुकाबला, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा एवं सतत विकास तथा अन्य क्षेत्रों में वृद्धिमान रूप से जुड़े हुए हैं।
  • दोनों देश अनेक क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर भी काफी हद तक अभिसरण साझा करते हैं।
  • अरब सागर में दोनों देशों के मध्य पांच दिवसीय नौसैनिक युद्धाभ्यासवरुणका हाल ही में आयोजित 20 वां संस्करण उनके समुद्री सुरक्षा सहयोग में बढ़ती अनुरूपता का प्रतिबिंब है।

यूएनएससी सदस्यता का मुद्दा

फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता एवं संयुक्त राष्ट्र के सुधारों के लिए भारत के दावे का समर्थन करना जारी रखा है।

  • प्रक्षेपास्त्र तकनीक नियंत्रण व्यवस्था (मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम/MTCR), वासेनार व्यवस्था (वासेनार अरेंजमेंट/WA) एवं ऑस्ट्रेलिया समूह (ऑस्ट्रेलिया ग्रुप/AG) में भारत के प्रवेश में फ्रांस का समर्थन महत्वपूर्ण था।
  • फ़्रांस परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप/एनएसजी) में शामिल होने के भारत के प्रयास का समर्थन करना जारी रखे हुए है।
  • भारत एवं फ्रांस ने निरंतर आतंकवाद की भर्त्सना की है एवं संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक अभिसमय (कंप्रिहेंसिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज्म/सीसीआईटी) को अपनाने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया है।

भारत में फ्रांसीसी व्यवसाय

दोनों देशों के फ्रांसीसी व्यवसायों एवं उद्योग के साथ बढ़ते आर्थिक संबंध हैं, जो भारत के आत्मनिर्भर भारत अभियान में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

  • भारत में रक्षा, आईटी गलियारों, आईटीईएस, परामर्श, अभियांत्रिकी सेवाओं, भारी उद्योग, स्मार्ट-शहरों, रेलवे, पूंजी एवं व्यापार विनिमय, कौशल विकास इत्यादि सदृश विविध क्षेत्रों में 1000 से अधिक फ्रांसीसी व्यवसाय उपस्थित हैं।
  • अप्रैल 2000 से मार्च 2021 तक 9.83 बिलियन अमरीकी डालर के संचयी विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट/एफडीआई) स्टॉक के साथ फ्रांस भारत में 11वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है, जो भारत में कुल एफडीआई प्रवाह का 2% दर्शाता है।
  • फ्रांस में उप-सहायक कंपनियों सहित 150 से अधिक भारतीय कंपनियां कार्यरत हैं, जिनमें 7 7,000 से अधिक व्यक्ति कार्यरत हैं।

अनेक स्थापित फ्रांसीसी कंपनियां भारत में मौजूद हैं

  • लगभग सभी प्रमुख फ्रांसीसी कंपनियां भारत में मौजूद हैं जिनमें रेनॉल्ट, सेंट गोबेन, वेओलिया, मिशेलिन, कैपजेमिनी, सनोफी, ईडीएफ, एयरबस, लैक्टेलिस, सोडेक्सो, टोटल तथा अन्य शामिल हैं।
  • भारत की रिलायंस, टाटा, महिंद्रा, एलएंडटी एवं अन्य बड़ी कंपनियों ने रक्षा एवं इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में प्रमुख फ्रांसीसी कंपनियों जैसे डसॉल्ट, सफ्रान, थेल्स, श्नाइडर इलेक्ट्रिक तथा अन्य के साथ संयुक्त सहयोग किया है।
  • फ्रांसीसी अवसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) कंपनियां स्मार्ट शहरों तथा नवीकरणीय ऊर्जा सहित भारतीय परियोजनाओं में बड़े अवसरों की प्रतीक्षा कर रही हैं।

फ्रांस अनेक विकासात्मक परियोजनाओं में एक प्रमुख भागीदार है

  • फ्रांस विभिन्न भारतीय कार्यक्रमों, विशेष रूप से तीन स्मार्ट शहरों, जैसे चंडीगढ़, नागपुर एवं पुडुचेरी में सक्रिय रूप से सहयोग कर रहा है। ।
  • एसएनसीएफ- फ्रांसीसी रेलवे तथा 8 भारतीय रेलवे ने एक स्थायी भारत-फ्रांसीसी रेलवे फोरम की स्थापना की है।
  • वे दिल्ली-चंडीगढ़ खंड के सेमी-हाई स्पीड उन्नयन की व्यवहार्यता एवं अंबाला तथा लुधियाना के स्टेशन विकास अध्ययन में सहयोग कर रहे हैं।

फ्रांस में भारतीय प्रवासी

फ्रांस में भारतीय प्रवासी (डायस्पोरा) लगभग 5,00,000 होने का अनुमान है, जिसमें फ्रांसीसी विदेशी क्षेत्रों में स्थित अधिकांश फ्रांसीसी नागरिक हैं।

  • अतः, जीवंत द्विपक्षीय सांस्कृतिक एवं शैक्षिक संबंध भी मौजूद हैं तथा लोगों से लोगों के मध्य संपर्क भी बढ़ रहा है।
  • महानगरीय फ़्रांस एवं इसके विदेशी विभागों/क्षेत्रों में भी भारतीय प्रवासियों की उल्लेखनीय उपस्थिति है।
  • लगभग 109,000 भारतीय नागरिक फ़्रांस की मुख्य भूमि में निवास करते हैं, जिनमें से अधिकांश पुडुचेरी, कराईकल, यनम, माहे एवं चंद्रनगर के पूर्ववर्ती फ्रांसीसी उपनिवेशों से उत्पन्न हुए हैं।
  • रीयूनियन द्वीप (300,000), गुआदेलूप (60,000) एवं मॉरीतानिया (6,000) के फ्रांसीसी प्रवासी क्षेत्रों में भारतीय मूल की आबादी का एक बड़ा हिस्सा निवास करता है।
  • मुख्य भूमि फ़्रांस में अध्ययन करने तथा काम करने वाले छात्रों (लगभग 10,000) एवं पेशेवरों की संख्या भी बढ़ रही है।

 

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