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द हिंदू संपादकीय विश्लेषण: यूपीएससी एवं अन्य राज्य पीएससी परीक्षाओं के लिए प्रासंगिक विभिन्न अवधारणाओं को सरल बनाने के उद्देश्य से द हिंदू समाचार पत्रों के संपादकीय लेखों का संपादकीय विश्लेषण। संपादकीय विश्लेषण ज्ञान के आधार का विस्तार करने के साथ-साथ बेहतर गुणवत्ता वाले मुख्य परीक्षा के लिए उत्तरों को तैयार करने में सहायता करता है। आज का हिंदू संपादकीय विश्लेषण जैव विविधता के संरक्षण के लिए भारत के प्रयासों को देखता है।
जैव विविधता क्या है?
जैव विविधता के रूप में जानी जाने वाली हमारी जैविक संपदा का योग एवं विविधता इस ग्रह के भविष्य के लिए आवश्यक है। मॉन्ट्रियल, कनाडा में संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन में हमारे ग्रह की जैव विविधता के महत्व को दृढ़ता से व्यक्त किया गया था।
जैव विविधता के संरक्षण के लिए वैश्विक समझौता
19 दिसंबर, 2022 को, 188 देश के प्रतिनिधियों ने 2030 तक विश्व की 30% भूमि एवं विश्व के महासागरों के 30% को संरक्षित करके जैव विविधता की हानि को “रोकने एवं प्रतिलोमित करने” के लिए एक समझौते को अपनाया, जिसे 30×30 प्रतिज्ञा के रूप में जाना जाता है। भारत वर्तमान में ग्रह की मानव आबादी का 17% एवं वैश्विक क्षेत्र का 17% जैव विविधता हॉटस्पॉट को होस्ट करता है, जो जैव विविधता चैंपियन बनने में ग्रह का मार्गदर्शन करने के लिए इसे शीर्ष पर रखता है।
हरित विकास पर केंद्रीय बजट 2023
केंद्रीय बजट 2023 में सात प्राथमिकताओं या सप्तऋषियों में से एक के रूप में “हरित विकास” का उल्लेख किया गया है। हरित विकास पर बल भारत की जैविक संपदा के लिए स्वागत योग्य समाचार है क्योंकि देश मृदा, भूमि, जल एवं जैव विविधता जैसी प्राकृतिक संपत्तियों की गंभीर क्षति का सामना कर रहा है।
हरित विकास को प्रोत्साहित करने वाली सरकारी योजनाएं
हरित भारत के लिए राष्ट्रीय मिशन
हरित भारत के लिए राष्ट्रीय मिशन का उद्देश्य निम्नीकृत भूमि पर वन आवरण में वृद्धि करना तथा मौजूदा वन भूमि की रक्षा करना है।
ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम
ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम का उद्देश्य “कंपनियों, व्यक्तियों एवं स्थानीय निकायों द्वारा पर्यावरणीय रूप से सतत एवं उत्तरदायी कार्यों को प्रोत्साहित करना” है।
मैंग्रोव पहल
मैंग्रोव इनिशिएटिव फॉर शोरलाइन हैबिटैट्स एंड टैंजिबल इनकम (मिष्टी) जलवायु परिवर्तन का शमन करने में मैंग्रोव एवं तटीय पारिस्थितिकी तंत्र के असाधारण महत्व के कारण विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
पीएम-प्रणाम पहल
कृत्रिम उर्वरकों एवं कीटनाशकों के आदानों को कम करने के लिए पृथ्वी माता की पुनर्स्थापना, जागरूकता, पोषण एवं सुधार के लिए प्रधान मंत्री कार्यक्रम (PM-PRANAM) हमारी कृषि को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
अमृत धरोहर योजना
अमृत धरोहर योजना प्रत्यक्ष तौर पर हमारी जैविक संपदा का उल्लेख करती है एवं इससे अपेक्षा की जाती है कि यह “आर्द्रभूमि के इष्टतम उपयोग को प्रोत्साहित करेगी तथा जैव विविधता, कार्बन स्टॉक, पर्यावरण-पर्यटन के अवसरों एवं स्थानीय समुदायों के लिए आय सृजन को बढ़ावा देगी”।
- यदि अक्षरशः लागू किया जाता है, अमृत धरोहर, प्रतिस्पर्धी मांगों को संतुलित करके धारणीयता पर बल देने के साथ, जलीय जैव विविधता एवं पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को लाभान्वित करेगा।
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा प्रवासी जलपक्षियों की सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश में एक रामसर आर्द्रभूमि, हैदरपुर की जल अपवाहन को रोकने के लिए हाल ही में किया गया अंतःक्षेप उत्साहजनक है।
आगे की राह
विज्ञान आधारित सूत्रीकरण एवं कार्यान्वयन
यह महत्वपूर्ण है कि ये कार्यक्रम साक्ष्य-आधारित कार्यान्वयन के साथ देश की जैव विविधता की वर्तमान स्थिति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करें।
- एक विज्ञान आधारित एवं समावेशी निगरानी कार्यक्रम न केवल इन प्रयासों की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि राष्ट्रीय एवं विश्व स्तर पर प्रतिकृति के लिए सीखे गए सबकों के प्रलेखन एवं आसवन के लिए भी महत्वपूर्ण है।
- नए मिशनों एवं कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से पारिस्थितिक तंत्र की धारणीयता तथा मूल्यांकन की आधुनिक अवधारणाओं का उपयोग करना चाहिए जो हमारे जैविक धन के पारिस्थितिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक पहलुओं पर विचार करते हैं।
- जहां तक हरित भारत मिशन का संबंध है, कार्यान्वयन को वृक्षारोपण के स्थान पर पारिस्थितिकी पुनर्स्थापना पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए एवं ऐसे स्थानों का चयन करना चाहिए जहां यह रैखिक आधारिक संरचना द्वारा खंडित परिदृश्यों में पारिस्थितिक संपर्क में योगदान दे सके।
- इसके अतिरिक्त, प्रजातियों एवं घनत्व की पसंद को उपलब्ध ज्ञान एवं उभरते जलवायु परिवर्तन के तहत लोचशीलता पर साक्ष्य एवं जल विज्ञान सेवाओं के संबंध में सामंजस्य तथा व्यापार-नापसंद के बारे में सूचित किया जाना चाहिए।
- मैंग्रोव पहल के लिए स्थल के चयन पर भी सावधानी से विचार किया जाना चाहिए, जिसमें मैंग्रोव प्रजातियों की विविधता पर अधिक बल दिया जाना चाहिए, साथ ही तटीय पंक मैदान तथा लवण बेसिन की समग्रता को बनाए रखना चाहिए, क्योंकि वे भी जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण हैं।
स्थानीय समुदाय की भागीदारी
इनमें से प्रत्येक प्रयास में स्थानीय एवं घुमंतू अथवा खानाबदोश समुदायों को शामिल किया जाना चाहिए जहां इन पहलों को लागू किया जाएगा। इन समुदायों के पारंपरिक ज्ञान एवं व्यवहार को कार्यान्वयन योजनाओं में एकीकृत किया जाना चाहिए।
- इनमें से प्रत्येक कार्यक्रम में हमारे देश की जैव विविधता की स्थिति में अत्यधिक सुधार करने की क्षमता है यदि उनका कार्यान्वयन नवीनतम वैज्ञानिक एवं पारिस्थितिक ज्ञान पर आधारित है।
- परिणामस्वरूप, प्रत्येक कार्यक्रम में महत्वपूर्ण शैक्षिक एवं अनुसंधान निधि सम्मिलित होनी चाहिए ताकि गहनता से मूल्यांकन किया जा सके एवं भारत की जैविक संपदा के बारे में जागरूकता लाई जा सके।
जैव विविधता एवं मानव कल्याण पर राष्ट्रीय मिशन
जैव विविधता एवं मानव कल्याण पर राष्ट्रीय मिशन को पूर्व में ही प्रधानमंत्री विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सलाहकार परिषद (प्राइम मिनिस्टर्स साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन एडवाइजरी काउंसिल/पीएम-एसटीआईएसी) द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है। सरकार को इसे शीघ्र ही प्रारंभ करना चाहिए। यह मिशन चाहता है-
- अंतःविषय ज्ञान की शक्ति का उपयोग करना – भारत एवं इसकी अर्थव्यवस्था को हरित करने हेतु,
- हमारे लोगों के कल्याण के लिए हमारी प्राकृतिक पूंजी को पुनर्स्थापित एवं समृद्ध करना, तथा
- व्यावहारिक जैव विविधता विज्ञान में भारत को वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करना।
जैव विविधता के संरक्षण एवं भारत के प्रयासों के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न. केंद्रीय बजट में हरित विकास क्या है?
उत्तर. केंद्रीय बजट 2023 में सात प्राथमिकताओं या सप्तऋषियों में से एक के रूप में “हरित विकास” का उल्लेख किया गया है। हरित विकास पर बल भारत की जैविक संपदा के लिए स्वागत योग्य समाचार है क्योंकि देश मृदा, भूमि, जल एवं जैव विविधता जैसी प्राकृतिक संपत्तियों की गंभीर क्षति का सामना कर रहा है।
प्रश्न. जैव विविधता क्या है?
उत्तर. जैव विविधता के रूप में जानी जाने वाली हमारी जैविक संपदा का योग एवं विविधता इस ग्रह के भविष्य के लिए आवश्यक है।
प्रश्न. हरित भारत के लिए राष्ट्रीय मिशन के उद्देश्य क्या हैं?
उत्तर. हरित भारत के लिए राष्ट्रीय मिशन का उद्देश्य निम्नीकृत भूमि पर वन आवरण में वृद्धि करना तथा मौजूदा वन भूमि की रक्षा करना है।