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यूपीएससी दैनिक समसामयिकी की यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता
यूपीएससी के लिए दैनिक यूपीएससी समसामयिकी- 09 दिसंबर 2022: यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 के लिए आज के महत्वपूर्ण दैनिक समसामयिकी को पढ़ें। आज अर्थात 09 दिसंबर 2022 को, हम कुछ महत्वपूर्ण यूपीएससी दैनिक समसामयिकी को कवर कर रहे हैं जो विशेष रूप से यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा तथा अन्य प्रतिष्ठित अखिल भारतीय प्रतियोगिता परीक्षाओं, सभी के लिए महत्वपूर्ण हैं।

चक्रवात मंडौस
चक्रवात मंडौस चर्चा में क्यों है?
तमिलनाडु के विभिन्न जिले चक्रवात मंडौस के कारण हाई अलर्ट पर हैं जिसके 9 दिसंबर की रात को पुडुचेरी एवं श्रीहरिकोटा के बीच भारत के तट को पार करने की संभावना है।
चक्रवात मंडौस को ‘मंडौस‘ नाम किसने दिया?
- आने वाले तूफान का नाम संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) द्वारा रखा गया था।
- संयुक्त अरब अमीरात (यूनाइटेड अरब एमिरेट्स/यूएई) ने विश्व मौसम विज्ञान संगठन (वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन/डब्ल्यूएमओ) का सदस्य होने के नाते यह नाम दिया।
‘मंडौस‘ शब्द का अर्थ क्या है?
- अरबी भाषा में, ‘मंडौस’ शब्द का अर्थ ‘खजाने का बक्सा’ होता है एवं इसे ‘मैन-डूस’ के रूप में उच्चारित किया जाता है।
- यह एक मंद गति से चलने वाला चक्रवात है एवं अत्यधिक आर्द्रता को अवशोषित करता है।
- चक्रवात पवन की गति के रूप में शक्ति प्राप्त करता है।
चक्रवातों का नाम कौन देता है?
दुनिया भर में चक्रवातों का नाम संबंधित विशेष क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्रों एवं उष्णकटिबंधीय चक्रवात चेतावनी केंद्रों द्वारा दिया जाता है। आईएमडी सहित छह क्षेत्रीय केंद्र एवं पांच उष्णकटिबंधीय चेतावनी केंद्र हैं।
चक्रवात क्या है?
- चक्रवात एक निम्न दाब वाली प्रणाली है जो गर्म महासागरों के ऊपर निर्मित होती है।
- अनिवार्य रूप से, यह निम्न दाब वाले क्षेत्र के चारों ओर घूमने वाली उच्च गति वाली पवनों की एक प्रणाली है, जिसमें पवनें उत्तरी गोलार्ध में वामावर्त एवं दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिणावर्त प्रवाहित होती हैं।
- विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार, उष्णकटिबंधीय चक्रवात अपने विकास के आरंभिक चरणों में भी जीवन तथा संपत्ति के लिए सर्वाधिक वृहद खतरों में से एक हैं।
- उनमें कई अलग-अलग खतरे जैसे, तूफान की वृद्धि, बाढ़, उग्र पवनें, बवंडर एवं बिजली गिरना सम्मिलित हैं जो व्यक्तिगत रूप से जीवन एवं संपत्ति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं।
- संयुक्त रूप से, ये खतरे एक दूसरे के साथ परस्पर क्रिया करते हैं एवं जीवन की हानि तथा भौतिक क्षति की संभावना को काफी हद तक बढ़ाते हैं।
कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र
चर्चा में क्यों है?
कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की 1000-1000 मेगावाट की शेष चार इकाइयां 2027 तक पूर्ण हो जाएंगी।
कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की पृष्ठभूमि
- कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र भारत का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र है, जो तमिलनाडु के कुडनकुलम में अवस्थित है।
- निर्माण मार्च 2002 में प्रारंभ हुआ, किंतु स्थानीय मछुआरों के विरोध के कारण प्रारंभ में विलंब हुआ।
- यह 2013 में क्रियाशील हो गया।
कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की वर्तमान क्षमता कितनी है?
- कुडनकुलम साइट की अनुमानित स्थापित क्षमता 6000 मेगावाट है, जिसमें प्रत्येक 1000 मेगावाट क्षमता के छह परमाणु ऊर्जा रिएक्टर शामिल हैं।
- पहली दो इकाइयां अर्थात केकेएनपीपी-1 एवं 2 (2X1000 मेगावाट) परिचालन में हैं तथा शेष चार इकाइयां अर्थात केकेएनपीपी-3 एवं 4 (2X1000 मेगावाट) एवं केकेएनपीपी-5 तथा 6 (2X1000 मेगावाट) निर्माणाधीन हैं।
इतिहास में यह दिन (09 दिसंबर, 1946)
09 दिसंबर, 1946 को क्या महत्वपूर्ण घटित हुआ था
- 9 दिसंबर 1946 को, संविधान सभा की पहली बार नई दिल्ली में कॉन्स्टिट्यूशन हॉल में बैठक हुई, जिसे अब संसद भवन के सेंट्रल हॉल के रूप में जाना जाता है।
संविधान सभा के बारे में संक्षिप्त परिचय
- 9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की प्रथम बैठक आयोजित की गई। 2 वर्ष एवं 11 माह की अवधि में, इसने भारतीय संविधान को तैयार करने का अपना कार्य पूरा किया। इस अवधि के दौरान संविधान सभा के 11 सत्र हुए एवं वह कुल 166 दिनों तक रही। 26 नवंबर को संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकृत किया जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।
- संविधान निर्माण की प्रक्रिया संविधान सभा के विचार-विमर्श के आसपास आयोजित की गई थी। संविधान सभा के सदस्य एक सीमित मताधिकार के आधार पर चयनित किए गए थे।
- कैबिनेट मिशन योजना, जिसने भारत की संविधान सभा की स्थापना की, ने संविधान सभा के चुनावों के लिए पूर्ण वयस्क मताधिकार को त्याग दिया तथा इसके स्थान पर हाल ही में निर्वाचित प्रांतीय विधान सभाओं के सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष चुनावों का सुझाव दिया।
- प्रांतीय विधान सभा (292) द्वारा चुने गए सदस्यों के अतिरिक्त, रियासतों के 93 एवं मुख्य आयुक्त के प्रांतों ने संविधान सभा में 4 सदस्यों का योगदान दिया, जिससे कुल सदस्यता 389 हो गई।
- विभाजन के पश्चात, सीटों की कुल संख्या घटकर 299 हो गई क्योंकि कुछ प्रांत एवं रियासतें पाकिस्तान का हिस्सा बन गईं। राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया।
19वीं एशियाई कला द्विवार्षिक
चर्चा में क्यों है?
- बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने गुरुवार को ढाका में 19वें एशियाई कला द्विवार्षिक का उद्घाटन किया।
- ढाका में बांग्लादेश शिल्पकला अकादमी (बीएसए) परिसर में आयोजित माह भर चलने वाले कला- प्रदर्शनी में 149 बांग्लादेशी कलाकारों सहित 114 देशों के 493 कलाकारों द्वारा बनाई गई 712 कलाकृतियों का प्रदर्शन किया जाएगा।
एशियाई कला द्विवार्षिक का आयोजन क्यों किया जाता है?
द्विवार्षिक आयोजन बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की स्मृति को समर्पित है जिन्होंने बीएसए की परिकल्पना की थी जो कई वर्षों से इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है।
19वें एशियन आर्ट बिएननेल में क्या गतिविधियां होंगी?
- 19वीं एशियाई कला द्विवार्षिक (एशियन आर्ट बिएननेल) एक ऐसा आयोजन है, जिसमें दुनिया भर के भाग लेने वाले कलाकारों द्वारा बनाई गई चित्रकला, प्रिंट, फोटोग्राफ, इंस्टालेशन, प्रदर्शन कला (परफॉर्मिंग आर्ट) 5:30, वास्तुकला एवं न्यू मीडिया आर्ट सहित विभिन्न कला-रूपों का प्रदर्शन किया जाएगा।
- द्विवार्षिक के एक भाग के रूप में ‘घर एवं विस्थापन’ विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी भी आयोजित की जा रही है।
- संगोष्ठी के विचार-विमर्श में बांग्लादेश तथा विदेशों के विभिन्न कला-आलोचक, जूरी एवं पर्यवेक्षक भाग लेंगे।
- बीएसए में प्रदर्शनी के अतिरिक्त, बांग्लादेश के 42 मास्टर कलाकारों की चित्रकला भी इस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में प्रदर्शित की जाएंगी।


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