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यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए 09 जून 2023 की दैनिक समसामयिकी, सिविल सर्विसेज के लिए करेंट अफेयर्स

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यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए 09 जून 2023 की दैनिक समसामयिकी: हम आपके लिए ‘यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी’ लेकर आए हैं, जो यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवारों को सिविल सेवाओं के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण दैनिक समसामयिकी के साथ अपडेट करने के सिद्धांत पर आधारित है। गुणवत्ता से समझौता किए बिना यूपीएससी उम्मीदवारों के कीमती समय को बचाने के लिए ये दैनिक समसामयिकी हमारी टीम द्वारा बिट फॉर्म / संक्षिप्त रूप में तैयार किए गए हैं। यूपीएससी आईएएस  प्रारंभिक परीक्षा के लिए आज, 09 जून 2023 की दैनिक समसामयिकी में, हम नीचे दिए गए टॉपिक्स को कवर कर रहे हैं।

अग्नि प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल

अग्नि प्राइमबैलिस्टिक मिसाइल चर्चा में क्यों है?

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन/DRDO) ने ओडिशा के तट पर स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से ‘अग्नि प्राइम’ बैलिस्टिक मिसाइल का सफल उड़ान परीक्षण किया। ‘अग्नि प्राइम’ बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण ने सभी इच्छित उद्देश्यों की सफल उपलब्धि का प्रदर्शन किया।

अग्नि प्राइमबैलिस्टिक मिसाइल

नई पीढ़ी के परमाणु सक्षम अस्त्र अग्नि-प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल का भारत द्वारा सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। मिसाइल को ओडिशा के तट पर स्थित अब्दुल कलाम द्वीप से प्रक्षेपित किया गया था। 1,000 एवं 2,000 किलोमीटर के मध्य की मारक क्षमता के साथ, परीक्षण ने मिसाइल की क्षमताओं का प्रदर्शन किया।

  • एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर में, भारत की तीनों सैन्य बलों के सामरिक बल कमान (स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड/SFC) ने अग्नि-प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल का पहला प्रवेश-पूर्व रात्रि प्रक्षेपण (प्री-इंडक्शन नाइट लॉन्च) सफलतापूर्वक किया।
  • देश के परमाणु शस्त्रागार के प्रबंधन हेतु उत्तरदायी सामरिक बल कमान (SFC) ने ऑपरेशन का निरीक्षण किया। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि परीक्षण ने प्रणाली की सटीकता एवं विश्वसनीयता की पुष्टि की।
  • अग्नि-प्राइम मिसाइल SFC के शस्त्रागार में क्रमिक रूप से अग्नि-I (700 किमी) मिसाइलों को प्रतिस्थापित करने हेतु तैयार है।
  • सामरिक बल कमान के पास वर्तमान में पृथ्वी-II (350 किमी), अग्नि-II (2,000 किमी), अग्नि-III (3,000 किमी) एवं अग्नि-IV (4,000 किमी) सहित कई अन्य बैलिस्टिक मिसाइल हैं।

भारत, फ्रांस एवं संयुक्त अरब अमीरात सामुद्रिक साझेदारी युद्धाभ्यास 

भारत, फ्रांस एवं संयुक्त अरब अमीरात सामुद्रिक साझेदारी युद्धाभ्यास चर्चा में क्यों है?

हाल ही में, भारत, फ्रांस एवं संयुक्त अरब अमीरात सामुद्रिक साझेदारी युद्धाभ्यास का प्रथम संस्करण ओमान की खाड़ी में प्रारंभ हुआ।

भारत, फ्रांस एवं संयुक्त अरब अमीरात सामुद्रिक साझेदारी युद्धाभ्यास 

इस युद्धाभ्यास में INS तरकश एवं फ्रांसीसी जलपोत सरकौफ दोनों अभिन्न हेलीकॉप्टर, फ्रेंच राफेल विमान एवं संयुक्त अरब अमीरात नौसेना समुद्री गश्ती विमान भाग ले रहे हैं।

  • दो दिनों तक चलने वाले समुद्री युद्धाभ्यास में ओमान की खाड़ी में नौसैनिक अभियानों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल होगी।
  • इन ऑपरेशंस में सतह पर युद्ध कला (सरफेस वॉरफेयर) सम्मिलित होगी, जिसमें सतह के लक्ष्यों के  विरुद्ध मिसाइल एंगेजमेंट के लिए टैक्टिकल फायरिंग एवं ड्रिल के साथ-साथ हेलिकॉप्टर क्रॉस डेक लैंडिंग ऑपरेशंस, एडवांस्ड एयर डिफेंस एक्सरसाइज तथा बोर्डिंग ऑपरेशंस शामिल होंगे।
  • इसके अतिरिक्त, यह युद्धाभ्यास सर्वोत्तम व्यवहार को साझा करने के लिए कर्मियों के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करेगा।
  • इस उद्घाटन युद्धाभ्यास का प्राथमिक उद्देश्य भारतीय, फ्रांसीसी एवं संयुक्त अरब अमीरात नौसेनाओं के बीच त्रिपक्षीय सहयोग को मजबूत करना है।

भारत, फ्रांस एवं संयुक्त अरब अमीरात सामुद्रिक साझेदारी युद्धाभ्यास का महत्व

भारत, फ्रांस एवं संयुक्त अरब अमीरात सामुद्रिक साझेदारी युद्धाभ्यास का उद्देश्य समुद्री क्षेत्र में पारंपरिक एवं गैर-पारंपरिक दोनों खतरों से निपटने में सहयोगी प्रयासों की नींव रखना है। इसके अतिरिक्त, यह युद्ध अभ्यास  सौदागरों के व्यापार की सुरक्षा के रक्षोपाय तथा क्षेत्र के भीतर गहरे समुद्र में नेविगेशन की स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करने में सहयोग को मजबूत करेगा।

वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम

वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम चर्चा में क्यों है?

हाल ही में, केंद्रीय विद्युत एवं नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ, वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के एक भाग के रूप में किन्नौर जिले के छितकुल में स्थानीय ग्रामीणों के साथ एक अंतः क्रियात्मक सत्र में शामिल हुए। बातचीत में, मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय विद्युत एवं नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री व्यक्तिगत रूप से स्थानीय ग्रामीणों के साथ जुड़े एवं उनकी चिंताओं तथा मुद्दों को ध्यान से सुना। उन्होंने समुदाय को आश्वासन दिया कि उनकी उचित मांगों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी एवं गंभीरता से विचार किया जाएगा।

वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की विशेषताएं

वाइब्रेंट विलेज स्कीम स्थानीय प्राकृतिक मानव एवं उत्तरी सीमा पर सीमावर्ती गांवों के अन्य संसाधनों के आधार पर आर्थिक संचालकों की पहचान और विकास करने कथा “हब एंड स्पोक मॉडल” पर विकास केंद्रों के विकास में सहायता करती है। यह निम्नलिखित के माध्यम से संपादित किया जाना है-

  • सामाजिक उद्यमिता को प्रोत्साहन,
  • कौशल विकास एवं उद्यमिता के माध्यम से युवाओं एवं महिलाओं का सशक्तिकरण,
  • स्थानीय सांस्कृतिक, पारंपरिक ज्ञान तथा विरासत को प्रोत्साहित कर पर्यटन क्षमता का लाभ उठाना एवं
  • समुदाय आधारित संगठनों, सहकारी समितियों,  स्वयं सहायता समूह (सेल्फ हेल्प ग्रुप्स/SHG), एनजीओ  इत्यादि के माध्यम से “एक गांव-एक उत्पाद” की अवधारणा पर धारणीय पर्यावरण-कृषि व्यवसायों का विकास।

वाइब्रेंट विलेज योजना का कार्यान्वयन

जिला प्रशासन ग्राम पंचायतों के सहयोग से वाइब्रेंट विलेज कार्य योजना निर्मित करेगा। केंद्र एवं राज्य की योजनाओं की शत-प्रतिशत संतृप्ति सुनिश्चित की जाएगी।

  • जिन प्रमुख परिणामों का प्रयास किया गया है, वे हैं, बारहमासी सड़क, पेयजल, 24×7 बिजली के साथ कनेक्टिविटी – सौर एवं पवन ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित किया जाना, मोबाइल एवं इंटरनेट कनेक्टिविटी।
  • पर्यटन केंद्र, बहुउद्देशीय केंद्र एवं स्वास्थ्य तथा कल्याण केंद्र।
  • सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के साथ अतिव्यापन नहीं होगा।
  • तीन वर्ष की इस परियोजना के प्रथम चरण में 662 गांवों का विकास किया जाएगा। इनमें से 455 गांव अरुणाचल प्रदेश में हैं।

 

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