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यमक अलंकार: परिभाषा, उदाहरण, अर्थ, Yamak Alankar

अलंकार का अर्थ हैअलंकृत करना या सजाना। अलंकार सुन्दर वर्णो से बनते हैं और काव्य की शोभा बढ़ाते हैं। ‘अलंकार शास्त्र’ में आचार्य भामह ने इसका विस्तृत वर्णन किया है। वे अलंकार सम्प्रदाय के प्रवर्तक कहे जाते हैं।इसमें विभिन्न शब्दों, पदों, या वाक्यांशों के सार्थक विकास के लिए विभिन्न शैली और रूपों का उपयोग किया जाता है। अलंकार का उपयोग साहित्यिक रचनाओं में, जैसे कि कविता, गीत, नाटक, आदि में, किया जाता है। यह रस, भाव, छवि, और अर्थ को विकसित करने का एक महत्वपूर्ण साधन है।

यमक अलंकार अर्थ Yamak Alankar

यमक अर्थात् ‘युग्म’। यमक में एक शब्द की दो या अधिक बार आवृत्ति होती है और अर्थ भिन्न-भिन्न होते हैं|यमक अलंकार वाक्य में सुंदरता और विवेक प्रदान करने में मदद करता है और रस का उद्दीपन करता है। यह साहित्यिक रचनाओं में उच्च स्थान प्राप्त करता है और पाठकों को भावुक करता है। इसलिए, यमक अलंकार का उपयोग कविता, गीत, गद्य, नाटक आदि लेखन में किया जाता है।

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यमक अलंकार परिभाषा Yamak Alankar

यमक अलंकार एक अलंकारिक विधि है जिसमें दो या दो से अधिक शब्दों का दोहराया जाना है। इसमें एक ही शब्द को दोनों स्थानों पर प्रयोग करके वाक्य को सुन्दर और रसभरा बनाया जाता है।

यमक अलंकार उदाहरण Yamak Alankar

We have provided the Yamak Alankar examples with proper details. These types of questions are asked in the CTET and other TET exams.

S.No यमक अलंकार उदाहरण अर्थ
1 तोपर वारौं उर बसी, सुन राधिके सुजान।
तू मोहन के उर बसी वै उरबसी समान।
उरबसी शब्द तीन बार आया हुआ है।
2 ऊँचे घोर मंदर के अंदर रहन वारी।
ऊँचे घोर मंदर के अंदर रहाती है।।
मंदर और अंदर शब्द दो दो बार है।
3 माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर।
कर का मनका डारि दै मन का मनका फेर।।
मनका शब्द दो बार आया हुआ है इसलिए यह यमक अलंकार का उदाहरण है।
4 किसी सोच में हो विभोर साँसें कुछ ठंडी खिंची।
फिर झट गुलकर दिया दिया को दोनों आँखें मिंची।।
यहां पे दिया शब्द दो बार आया हुआ है।
5 जिसकी समानता किसी ने कभी पाई नहीं।
पाई के नहीं हैं अब वे ही लाल माई के।
इस उदाहरण में पाई शब्द दो बार आया है इसलिए यह यमक अलंकार का उदाहरण है। जिसके अर्थ अलग अलग है।
6 भजन कह्यौ ताते भज्यौ, भज्यौ न एको बार। दूरि भजन जाते कह्यौ,सो तू भज्यौ गँवार। इस यमक अलंकार उदाहरण में भज्यौ शब्द दो बार है।
7 वह बाँसुरी की धुनि कानि परे, कुल कानि हियो तजि भाजति यहाँ ‘कानि शब्द की दो बार आवृत्ति है। प्रथम ‘कानि’ का अर्थ ‘कान’ तथा दूसरे ‘कानि’ का अर्थ ‘मर्यादा’ है, अतः यमक अलंकार है।
8 कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय। वा खाये बौराय नर वा पाये बौराय।। यहाँ ‘कनक’ शब्द की दो बार आवृत्ति है। ‘कनक’ के दो अर्थ हैं- धतूरा तथा सोना, अतः यहाँ यमक अलंकार है।
9 आँखों में आँखें डालकर, दिल ने मोह लिया। इस वाक्य में “आँखों” और “आँखें” शब्दों का दोहराया उपयोग किया गया है, जो एक रोमांचक भावना को व्यक्त करता है।
10 हरि बोल बोल, गोपाल बोल राधा रमण श्याम बोल। इस उदाहरण में “बोल” शब्द को दोहराया गया है, जिससे भगवान के नामों का गुणगान किया जा रहा है और वाक्य में सुंदर ध्वनि बनी है।

अलंकार – परिभाषा, भेद, उदाहरण PDF

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FAQs

यमक अलंकार क्या होता है?

यमक अलंकार एक अलंकारिक विधि है जिसमें दो या दो से अधिक शब्दों का दोहराया जाना है। यह वाक्य में छवि और ध्वनि को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है।

यमक अलंकार का उपयोग किसलिए किया जाता है?

यमक अलंकार का उपयोग वाक्यों को सुंदर, सार्थक और प्रभावशाली बनाने के लिए किया जाता है। इससे भाषा में सौंदर्य, छवि, और विशेषता का विकास होता है।

यमक अलंकार के उदाहरण क्या हैं?

बिन देखे मारा, बिन देखे मारा।
आज ज़िंदगी ने आज तक, हर सवाल का जवाब दिया।
देखा है जब से तुझको, यादें आती हैं बड़कर।

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