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हिंदी शिक्षण में कहानी शिक्षण का महत्व बहुत ही अधिक है। यह एक प्रभावी और प्रभावशाली शिक्षण तकनीक है जो छात्रों को स्वरूप, साहित्यिकता, नैतिकता, और मानवीयता के माध्यम से सिखाती है। कहानियाँ छात्रों के मन को प्रभावित करने और उन्हें बोलचाल के संकेतों को समझने का मार्ग दिखाने का एक मजबूत तरीका है।
कहानी शिक्षण
कहानियाँ सुनना – सुनाना प्राथमिक कक्षाओं में बच्चों को भाषा सीखने में बहुत मदद करती है।कहानी सुनना बच्चों के लिए रुचिकर होने के साथ – साथ उनकी सृजनात्मकता को भी बढ़ाने वाला होता है। कई बार बच्चे सुनी हुई कहानी में मनचाहा बदलाव करके अपने मित्रों को सुनाते हैं। इसके द्वारा बच्चे न केवल शब्दों के अर्थ बल्कि विभिन्न घटनाओं को भी समझने लगते हैं और साथ ही यह बच्चों की कल्पनाशीलता को भी बढ़ाती है।
कहानी इस मायने में भी महत्त्वपूर्ण है कि यह बच्चों में अनुमान लगाने की क्षमता बढ़ाती है जैसे – जब कभी बच्चे कहानी सुन रहे होते हैं तो उनकी जिज्ञासा लगातार बनी रहती है कि आगे क्या होगा? वे अपने स्तर पर अनुमान लगाते रहते हैं और अगर कहानी उनकी सोच के अनुरूप आगे बढ़ती है तो वे ज्यादा आत्मविश्वासी होने लगते हैं और समय के साथ – साथ उनके अनुमान ज्यादा सटीक होते जाते हैं।
कहानी शिक्षण के तत्व
मानव जीवन की किसी घटना, भाव आदि पर आधारित कथा को कहानी की संज्ञा दी जाती है। कहानी संक्षिप्त होती है तथा आधुनिक व्यस्त जीवन के लिए उत्कृष्ट साहित्य है। गय साहित्य की अनेक विधाओं में कहानी सबसे अधिक लोकप्रिय विधा है। कहानी के निम्नलिखित तत्व होते हैं।
- कथावस्तु : प्रत्येक कहानी में एक कथानक होता है। जो जीवन के किसी अंश, घटना अथवा मनोभाव पर आधारित होता है।
- चरित्र – चित्रण : कहानी में एक या अधिक पात्र होते हैं। पात्रों की विभिन्न चारित्रिक विशेषताओं का ज्ञान प्राप्त करके उनका उल्लेख करने की प्रक्रिया को चरित्र – चित्रण कहते हैं।
- कथोपकथन : कहानी में एकांकी की भांति किन्हीं दो पात्रों के मध्य विचार का आदान – प्रदान हो तो उसे कथोपकथन की संज्ञा दी जाती है।
- भाषा – शैली : कहानी की भाषा – शैली पात्रों के व्यक्तित्व के अनुसार ऐसी हो जो उनकी मनःस्थिति का सजीव चित्रण प्रस्तुत कर सके। किसी भी पात्र की भाषा विभिन्न परिस्थितियों में परिवर्तनीय होती है।
- देशकाल और वातावरण : यह कहानी में व्यक्त समय और समाज का उल्लेख करता है।
- उद्देश्य : किसी कहानी में एक निहित उद्देश्य का होना अनिवार्य है। लेखक किसी एक या अनेक जीवन मूल्यों को दृष्टि में रखकर कहानी की रचना करता है।
कहानी शिक्षण के उद्देश्य :
- साहित्य के प्रति रुचि विकसित करना।
- कहानी में निहित भावों, विचारों, नैतिक मूल्यों को ग्रहण करने की क्षमता विकसितकरना।
- सृजनात्मक शक्ति का विकास करना।
- शब्द, सूक्ति, मुहावरे आदि के भंडार को समृद्ध करना।
- अंदाजा लगाने की क्षमता का विकास करना ।
- एकाग्रता को विकसित करना।
- कहानी की रचनाशीलता का विकास करना ।
- कल्पना और स्मरण शक्ति का विकास करना।
कहानी शिक्षण विधि तथा सोपान :
- प्रस्तावना : सबसे पहले कक्षा में उचित वातावरण बनाकर कहानी कहने का माहौल बनाया जाता है। जिससे कहानी की पढ़ाई को मनोरंजक और प्रेरणादाई बनाया जा सके ।
- कहानी कथन/प्रस्तुतीकरण : प्रस्तावना के बाद इस सोपान में कहानी को मजेदार ढंग से सुनाया जाता है। इस सोपान में कहानी को ऐसे सुनाया जाता है कि कहानी सुनने वाले और कहानी सुनाने वाले आपस में विचारों को बाँट सकें। उचित उतार चढाव और जिज्ञासा के साथ कहानी को सुना और सुनाया जाता है ।
- कहानी सुनना/पुनरावृत्ति : इस सोपान में कहानी सुनाने वाला कहानी सुनने वाले से कहानी सुनता है। इस प्रकार कक्षा में एक – एक करके विद्यार्थी कहानी सुनाते है। इस प्रकार कहानी पर चर्चा होती है और बोध प्रश्न भी करवाए जाते हैं । कहानी में नैतिक शिक्षा, भाव, कहानी के चरित्रों, पात्रों पर चर्चा की जाती है।
- गृहकार्य : इस सोपान में कहानी से संबन्धित प्रश्नों के आधार पर गृह कार्य करने के लिए दे दिया जाता है।
कहानी शिक्षण का महत्व
कहानी शिक्षण के माध्यम से, हिंदी शिक्षण में कहानियों का बड़ा महत्व होता है क्योंकि यह छात्रों को सरलता, समर्थन, नैतिकता, और सहजता के साथ भाषा और साहित्य के महत्वपूर्ण तत्वों को समझने में मदद करता हैं|कहानी शिक्षण के महत्वपूर्ण लाभों में निम्नलिखित हैं:
- संवादात्मक भाषा विकास: कहानियाँ छात्रों को भाषा के संदर्भ में भाषाई और सामाजिक ज्ञान के साथ संवादात्मक भाषा का विकास करने में मदद करती हैं। छात्र कहानी के माध्यम से नए शब्द सीखते हैं, वाक्यांशों की समझ करते हैं, और अपने भाषाई कौशल को सुधारते हैं।
- रचनात्मकता और सोचने की क्षमता: कहानी शिक्षण छात्रों की रचनात्मकता और सोचने की क्षमता को विकसित करता है। जब छात्र अलग-अलग कहानियों को पढ़ते हैं, वे विभिन्न चरित्रों और परिस्थितियों के बारे में सोचने और विचार करने के लिए प्रेरित होते हैं। इससे उनकी रचनात्मकता, सृजनशीलता, और मनोचित्रण की क्षमता में सुधार होता है।
- मूल्यांकन और नैतिकता: कहानियों के माध्यम से, छात्रों को नैतिक मूल्यों, नैतिक संदेशों, और सही और गलत के बीच के विवेक को समझाने का मौका मिलता है। कहानियाँ छात्रों को अच्छाई, सत्य, समर्पण, साझा करने, और अन्य नैतिक मूल्यों के प्रतीक के रूप में सिखाती हैं।
- साहित्यिक संवेदनशीलता और सामर्थ्य: कहानियाँ छात्रों के लिए साहित्यिक संवेदनशीलता का विकास करती हैं और उन्हें साहित्य के साथ अपनी रूचि विकसित करने में मदद करती हैं। यह उन्हें अद्यापन, विचार विस्तार, और साहित्यिक विश्लेषण के लिए सक्षम बनाती है।


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