Correct option is C
सही उत्तर है: (C) श्लेष अलंकार।
व्याख्या:
"रहिमन पानी राखिए बिनु पानी सब सून। पानी गए न ऊबरे मोती मानस चून॥"
यह दोहा प्रसिद्ध कवि
रहीम का है।
इसमें
श्लेष अलंकार का प्रयोग किया गया है।
इस दोहे में श्लेष अलंकार:
·
"पानी" शब्द का यहाँ दो अर्थों में प्रयोग हुआ है:
जल (Water): पहला अर्थ जल का है, जो जीवन के लिए आवश्यक होता है। अगर पानी (जल) नहीं हो तो जीवन का अस्तित्व ही नहीं रह सकता।
धन (Wealth): "पानी" का दूसरा अर्थ धन या किसी अन्य प्रकार की सामग्री या साधन हो सकता है। यह उस संदर्भ में प्रयोग किया गया है जहां धन या साधनों के बिना जीवन अधूरा रहता है।
दोनों अर्थों में "पानी" का प्रयोग हुआ है, इसलिए इस पंक्ति में
श्लेष अलंकार है।
अतिरिक्त जानकारी
श्लेष अलंकार-
जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं, तब श्लेष अलंकार होता है।
उदाहरण-
चरण धरत चिंता करत, चितवत चारहु ओर।
सुबरन को खोजत फिरत, कवि, व्यभिचारी, चोर।
यहाँ
सुबरन का प्रयोग एक बार किया गया है,
किन्तु पंक्ति में प्रयुक्त सुबरन शब्द के तीन अर्थ हैं,
कवि के सन्दर्भ में सुबरन का अर्थ अच्छे शब्द,
व्यभिचारी के सन्दर्भ में सुबरन अर्थ सुन्दर वर,
चोर के सन्दर्भ में सुबरन का अर्थ सोना है।
श्लेष अलंकार के दो भेद होते हैं-
• सभंग श्लेष
• अभंग श्लेष
निष्कर्ष:
इस प्रकार, इस दोहे की नीचे की पंक्ति में
श्लेष अलंकार का प्रयोग किया गया है, जहां "पानी" शब्द का दो विभिन्न अर्थों में प्रयोग हुआ है।
इसलिए सही उत्तर है: (C) श्लेष अलंकार।